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राम मंदिर भूमि पूजन: 108 दीपों से प्रकाशित होगा फलस्वाड़ी स्थित माता सीता और लक्ष्मण मंदिर

सीता की भू-समाधि वाले स्थान के रूप में विख्यात उत्तराखंड के पौड़ी जिले के फलस्वाड़ी गांव में अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के एक दिन पहले 108 दीप जलाये जाएंगे.

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फलस्वाड़ी में सीता माता और लक्ष्मण मंदिर में आज शाम 108 दीपों से होगा प्रकाशमय
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Published : Aug 4, 2020, 6:02 PM IST

पौड़ी: अयोध्या में 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के उत्साह में जिले के कोट ब्लॉक में स्थित लक्ष्मण जी और मां सीता के मंदिर में आज शाम को 108 दिए जलाकर मंदिरों को प्रकाशमय किया जाएगा. पौड़ी के सितोनस्यूं में भी भगवान राम सीता और लक्ष्मण जी से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं हैं.

श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन को लेकर सितोनस्यूं क्षेत्र में आज शाम से पूजा-अर्चना का कार्यक्रम रखा गया है. श्री लक्ष्मण मंदिर समिति के सचिव प्रदीप कुमार भट्ट ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के आधार पर उनके क्षेत्र सितोनस्यूं में मां सीता और लक्ष्मण जी का मंदिर है. कहा जाता है कि जब लक्ष्मण जी मां सीता को विदा कराने गए थे, तो वापस आते हुए देवल गांव के समीप विश्राम किया था.

जानकारी देते श्री लक्ष्मण मंदिर समिति के सचिव प्रदीप कुमार भट्ट.

आदि गुरू शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में यहां पर लक्ष्मण जी के मंदिर की स्थापना की थी. फलस्वाड़ी गांव में मां सीता ने भू-समाधि ली थी. यहीं पर मां सीता का मंदिर स्थापित है, जिसके चलते यहां हर साल एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से भी लगातार प्रयास किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: गणेश गोदियाल ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- हवाई सफर बना मजाक

वहीं, आज शाम से देवल मंदिर और मां सीता के मंदिर में 108 दिए जलाए जाएंगे, साथ ही भजन कीर्तन कर भगवान राम सीता और लक्ष्मण जी की पूजा अर्चना की जाएगी. पांच अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन से पहले मां सीता के मंदिर में भी सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित होगा.

पौड़ी: अयोध्या में 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के उत्साह में जिले के कोट ब्लॉक में स्थित लक्ष्मण जी और मां सीता के मंदिर में आज शाम को 108 दिए जलाकर मंदिरों को प्रकाशमय किया जाएगा. पौड़ी के सितोनस्यूं में भी भगवान राम सीता और लक्ष्मण जी से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं हैं.

श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन को लेकर सितोनस्यूं क्षेत्र में आज शाम से पूजा-अर्चना का कार्यक्रम रखा गया है. श्री लक्ष्मण मंदिर समिति के सचिव प्रदीप कुमार भट्ट ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के आधार पर उनके क्षेत्र सितोनस्यूं में मां सीता और लक्ष्मण जी का मंदिर है. कहा जाता है कि जब लक्ष्मण जी मां सीता को विदा कराने गए थे, तो वापस आते हुए देवल गांव के समीप विश्राम किया था.

जानकारी देते श्री लक्ष्मण मंदिर समिति के सचिव प्रदीप कुमार भट्ट.

आदि गुरू शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में यहां पर लक्ष्मण जी के मंदिर की स्थापना की थी. फलस्वाड़ी गांव में मां सीता ने भू-समाधि ली थी. यहीं पर मां सीता का मंदिर स्थापित है, जिसके चलते यहां हर साल एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से भी लगातार प्रयास किया जा रहा है.

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वहीं, आज शाम से देवल मंदिर और मां सीता के मंदिर में 108 दिए जलाए जाएंगे, साथ ही भजन कीर्तन कर भगवान राम सीता और लक्ष्मण जी की पूजा अर्चना की जाएगी. पांच अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन से पहले मां सीता के मंदिर में भी सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित होगा.

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