श्रीनगर: आस्था कभी विज्ञान को चुनौती देती दिखाई देती है. ऐसा ही एक पर्व श्रीनगर के कमलेश्वर महादेव मंदिर में मनाया जाता है. जिसके लिए ऐतिहासिक व पौराणिक कमलेश्वर महादेव मंदिर में दीया अनुष्ठान की तैयारियां तेज हो गई हैं. संतान प्राप्ति के लिए यहां लोग हाथों में दीये लिए लोग भगवान शिव की उपासना करते हैं.10 नवंबर कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को आयोजित होने वाले खड़े दीपक के अनुष्ठान के लिए इस साल देश-विदेश के श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. मंदिर में निसंतान दंपत्ति रातभर खड़े होकर दीया लेकर अनुष्ठान करते हैं.
धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि श्रीनगर के ऐतिहासिक कमलेश्वर मंदिर का जीर्णोधार आदि गुरू शकराचार्य ने करवाया था. पौराणिक मान्यता देव असुर संग्राम के दौरान भगवान विष्णु ने यहां भगवान शिव की तपस्या की थी. वहीं भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर उन्हें सुदर्शन चक्र दिया. इस पूजा को देख रहे निसंतान दंपत्ति ने बाबा भोलेनाथ से संतान का वरदान मांगा. मां पार्वती के अनुरोध पर भगवान शिव ने उन्हें संतान प्राप्ति का वर दिया. पौराणिक मान्यता है कि जो भी चतुर्दशी पर्व के दौरान मंदिर में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खड़ा दीया अनुष्ठान करता है उसे संतान प्राप्ति होती है.
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शिवलिंग को ढका जाता है मक्खन से
मंदिर के महंत आशुतोष पूरी महाराज ने बताया कि देशभर से भक्त खड़े दीये की अनुष्ठान में शामिल होने के लिए संपर्क कर रहे हैं. मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु शीष नवाने आते हैं. पूजा में भगवान शिव को 100 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. जिसके बाद शिवलिंग को मक्खन से ढका जाता है. जिसमे बाद निसंतान दंपत्ति दीये जलाकर उपासना करते हैं. इस साल 10 नवम्बर को यह अनुष्ठान किया जा रहा है. जिसमे इस बार अमेरिका, दिल्ली, बिहार, यूपी, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से 190 लोगों ने अनुष्ठान के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है.