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PM आवास योजना के चक्कर में उजड़ी गरीबों की झोपड़ी, खुले आसमान के नीचे रहने को मजूबर!

पीएम आवास योजना की पूरी किस्त नहीं मिलने से कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में कई गरीबों का घर निर्माण अधूरा लटका हुआ है. जिसकी वजह से ये लोग खुले छत के नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं. बता दें कि इन लाभार्थियों को दो साल पहले पहली और दूसरी किस्त के रूप में कुल 80 हजार मिले, लेकिन शेष राशि नहीं मिलने से इन लोगो का घर का निर्माण अधर में लटका हुआ है.

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खुले आसमान के नीचे रहने को मजूबर!
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Published : Sep 9, 2022, 8:53 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 9:53 PM IST

कोटद्वार: प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) के तहत कोटद्वार नगर निगम (Kotdwar Municipal Corporation) में 656 परिवारों को चिन्हित किया गया था. इन लाभार्थियों ने अपनी झोपड़ी तोड़ मकान बनाने का काम शुरू भी कर दिया, लेकिन पीएम आवास योजना के तहत लाभार्थियों को पहली किस्त 20 हजार और दूसरी किस्त 60 हजार रुपए ही उपलब्ध हो पाई है. जबकि शेष किस्तों के लिए लाभार्थियों को पिछले दो साल से इंतजार करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से ये लोग बेघर हो गए हैं और इन्हें खुली छत के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है.

कोटद्वार नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों में 656 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चिन्हित किया. 656 में से 40 फीसदी ऐसे हैं लोग, जिनके पास सिर छुपाने का एकमात्र सहारा झोपड़ी थी, नगर निगम ने लाभार्थियों को प्रथम किस्त 20-20 हजार रुपए की किस्त जारी की. जिसके बाद लोगों ने झोपड़ी तोड़ कर मकान की नींव डालनी शुरू कर दी. वहीं, दूसरी किस्त 60-60 हजार रुपए जारी की गई तो लाभार्थियों ने दीवार खड़ी की. जिसके बाद से अभी तक तीसरी और चौथी किस्त नहीं मिलने से मकान का काम अधर में लटका है.

पीएम आवास योजना का सच

कोटद्वार में खूनीबड़ वार्ड नंबर 27 के बाखल बस्ती में 26 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए चिन्हित किया गया था. 26 परिवारों में से 11 परिवारों का प्रथम चरण में पक्का आवास बनाने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन तीसरे और चौथी किस्त जारी न होने पर 11 परिवार पिछले दो वर्षों से खुली छत में रातें काट रहे हैं. कुछ परिवारों ने बरसात और धूप से बचने के लिए प्लास्टिक सीट डाल कर अस्थायी व्यवस्था बनाई है, लेकिन बारिश और तेज आंधी में प्लास्टिक की सीट भी धोखा दे रही है.

ये भी पढ़ें: Uttarakhand Cabinet: धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला, UKSSSC की 5 परीक्षाएं निरस्त, UKPSC के हवाले 7000 पदों की भर्तियां

प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) की पूरी किस्त नहीं मिलने से निर्धन परिवार खुले छत के नीचे रहने को मजबूर हैं. खूनीबड़ निवासी नीला देवी ने कहा पहली और दूसरी किस्त में 80 हजार रुपये मिलने पर मकान का काम शुरू कर दिया, लेकिन बाकी किस्त नहीं मिली. जिसकी वजह से रिश्तेदारों से कर्ज लेकर मकान तो बना लिया, लेकिन अब कर्ज देने वाले परेशान कर रहे हैं. मामले में पीड़ित लाभार्थियों ने 18 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को ज्ञापन सौंपा था.

प्रेमवती देवी ने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए पूरी धनराशि नहीं मिली. जिसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की है. केंद्र सरकार से मांग है कि पक्का मकान बनाने के लिए जल्द शेष धनराशि जारी करें. बबीता देवी ने कहा दो साल पहले 80 हजार रुपए आये. उसके बाद कोई किस्त नहीं आई. मेरे पति बिमारी हैं. पति मजदूरी कर घर बनाते, लेकिन बीमारी के चलते वो मजदूरी भी नहीं मिल रही है.

कोटद्वार: प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) के तहत कोटद्वार नगर निगम (Kotdwar Municipal Corporation) में 656 परिवारों को चिन्हित किया गया था. इन लाभार्थियों ने अपनी झोपड़ी तोड़ मकान बनाने का काम शुरू भी कर दिया, लेकिन पीएम आवास योजना के तहत लाभार्थियों को पहली किस्त 20 हजार और दूसरी किस्त 60 हजार रुपए ही उपलब्ध हो पाई है. जबकि शेष किस्तों के लिए लाभार्थियों को पिछले दो साल से इंतजार करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से ये लोग बेघर हो गए हैं और इन्हें खुली छत के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है.

कोटद्वार नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों में 656 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चिन्हित किया. 656 में से 40 फीसदी ऐसे हैं लोग, जिनके पास सिर छुपाने का एकमात्र सहारा झोपड़ी थी, नगर निगम ने लाभार्थियों को प्रथम किस्त 20-20 हजार रुपए की किस्त जारी की. जिसके बाद लोगों ने झोपड़ी तोड़ कर मकान की नींव डालनी शुरू कर दी. वहीं, दूसरी किस्त 60-60 हजार रुपए जारी की गई तो लाभार्थियों ने दीवार खड़ी की. जिसके बाद से अभी तक तीसरी और चौथी किस्त नहीं मिलने से मकान का काम अधर में लटका है.

पीएम आवास योजना का सच

कोटद्वार में खूनीबड़ वार्ड नंबर 27 के बाखल बस्ती में 26 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए चिन्हित किया गया था. 26 परिवारों में से 11 परिवारों का प्रथम चरण में पक्का आवास बनाने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन तीसरे और चौथी किस्त जारी न होने पर 11 परिवार पिछले दो वर्षों से खुली छत में रातें काट रहे हैं. कुछ परिवारों ने बरसात और धूप से बचने के लिए प्लास्टिक सीट डाल कर अस्थायी व्यवस्था बनाई है, लेकिन बारिश और तेज आंधी में प्लास्टिक की सीट भी धोखा दे रही है.

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प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) की पूरी किस्त नहीं मिलने से निर्धन परिवार खुले छत के नीचे रहने को मजबूर हैं. खूनीबड़ निवासी नीला देवी ने कहा पहली और दूसरी किस्त में 80 हजार रुपये मिलने पर मकान का काम शुरू कर दिया, लेकिन बाकी किस्त नहीं मिली. जिसकी वजह से रिश्तेदारों से कर्ज लेकर मकान तो बना लिया, लेकिन अब कर्ज देने वाले परेशान कर रहे हैं. मामले में पीड़ित लाभार्थियों ने 18 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को ज्ञापन सौंपा था.

प्रेमवती देवी ने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए पूरी धनराशि नहीं मिली. जिसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की है. केंद्र सरकार से मांग है कि पक्का मकान बनाने के लिए जल्द शेष धनराशि जारी करें. बबीता देवी ने कहा दो साल पहले 80 हजार रुपए आये. उसके बाद कोई किस्त नहीं आई. मेरे पति बिमारी हैं. पति मजदूरी कर घर बनाते, लेकिन बीमारी के चलते वो मजदूरी भी नहीं मिल रही है.

Last Updated : Sep 9, 2022, 9:53 PM IST
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