पौड़ी: जिला पुलिस (Pauri District Police) ने जाखणीखाल थाना क्षेत्र से गुमशुदा विवाहिता को चार महीने बाद सकुशल ढूंढ लिया है. पुलिस अब विवाहिता को न्यायालय में पेश करने की कार्रवाई कर रही है.
लैंसडाउन तहसील क्षेत्र के जाखणीखाल थाने (Pauri Jakhanikhal Police Station) के अंतर्गत विवाहिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट इसी साल 27 फरवरी को दर्ज की गई. वहीं लैंसडाउन के थानाध्यक्ष मणिभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि सूचना उसके पति व ग्राम सिलोगी निवासी व्यक्ति ने दी. जिसमें उन्होंने बताया कि 26 फरवरी को उनकी पत्नी चैल्यूसैंण में दवाइयां लेने गई थी, लेकिन फिर वापस नहीं लौटी. इस पर उन्होंने पत्नी की काफी खोजबीन की. लेकिन कोई पता नहीं लगा. तब उन्होंने पुलिस को इसकी रिपोर्ट दी.
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जिस पर एसएसपी पौड़ी यशवंत सिंह चौहान (SSP Pauri Yashwant Singh Chauhan) ने कहा कि महिला संबंधी अपराध पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए टीम का गठन करने के निर्देश दिए गए. टीम ने कुशल नेतृत्व में विवाहिता को मध्यप्रदेश के जिला मुरैना ग्राम शंकरपुर से ढूंढ लिया है. जिसे अब न्यायालय में पेश करने की कार्रवाई की जा रही है. गुमशुदगी के मामले में पुलिस ने प्रेम प्रसंग से जुड़े होने से इनकार किया है. बताया कि विवाहिता की शादी को 8-10 साल हो गये हैं. जबकि उनकी कोई संतान नहीं है. एसओ ने बताया कि विवाहिता ने खुद ही गायब होने की बात स्वीकारी है.
मासूम को परिजनों से मिलवाया: बीती 27 जून को पौड़ी जिले के थाना लक्ष्मणझूला क्षेत्र में मथुरा का रहने वाला परिवार घूमने आया था. परमार्थ निकेतन के आसपास घूमने के दौरान उनकी बच्ची 3 साल की बेटी आयुषी अपने माता-पिता से बिछड़ गई. मां-बाप ने 3 साल की आयुषी को आसपास के क्षेत्रों में काफी खोजा. लेकिन, बेटी का कोई पता नहीं चला.
फिर उन्होंने बेटी की गुमशुदगी की सूचना क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मी पवन मैखुरी को दी. बताया कि पवन मैखुरी परमार्थ निकेतन के मुनि चैतन्यानंद महाराज के साथ तैनात हैं. पवन ने पतारसी सुरागसी कर महज आधे घंटे के भीतर ही आयुषी को ढूंढ कर परिजनों के सुपुर्द किया. पुलिसकर्मी पवन ने बताया कि आयुषी काफी दूर तक चली गयी थी और उसके कपड़ों से ही उसकी पहचान हो पाई.