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पौड़ी: नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, आरोपी गिरफ्तार - चमोली पूर्व प्रधान ठगी के आरोप में गिरफ्तार

नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख से अधिक की ठगी करने वाले पूर्व प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने अपने को सचिवालय का अधिकारी बताया था.

pauri
पूर्व प्रधान गिरफ्तार
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Published : Aug 11, 2020, 7:03 AM IST

Updated : Aug 11, 2020, 7:23 AM IST

पौड़ी: दिल्ली दंगे में मृतक दिलबर के भाई से नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख से अधिक की ठगी करने वाले पूर्व प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. चमोली जनपद के एक पूर्व प्रधान ने खुद को सचिवालय का अधिकारी बताकर मृतक दिलबर के भाई से चेक लिया था. चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर तीन लाख से अधिक की धनराशि निकाल ली गई थी.

बता दें कि, कुछ समय पूर्व दिल्ली में हुए दंगों में थलीसैंण विकासखंड के रोखड़ा गांव निवासी दिलवर सिंह की मौत हो गई थी. दंगाइयों ने दिलबर पर उस समय अचानक हमला कर दिया था. जब वह गोदाम में सो रहा था. दिलबर के परिजनों को दिल्ली सरकार, उत्तराखंड सरकार के अलावा कुछ अन्य संगठनों ने भी आर्थिक सहायता दी थी. मृतक दिलबर के बड़े भाई देवेंद्र ने बताया कि बीते मार्च महीने को उन्हें एक व्यक्ति ने फोन करके बताया कि वह सचिवालय देहरादून में कार्यरत हैं.

वहीं नौकरी देने के लिए उन्हें उच्चाधिकारियों के निर्देश मिले हैं. उन्होंने कहा कि, उक्त व्यक्ति ने उन्हें पैठाणी में आने को कहा था. साथ ही दो चेक और अपने शैक्षणिक दस्तावेज भी साथ लाने की बात कही थी. उस व्यक्ति ने अपना नाम बीरेंद्र सिंह बताया था. जिसे वे मार्च महीने में अपने बैक एकाउंट के दो चेक और शैक्षिणक प्रमाण पत्र लेकर पैठाणी पहुंचा था. यहां उसने उक्त व्यक्ति बीरेंद्र को अपने सभी शैक्षणिक दस्तावेज और दो चेक दिए.

लेकिन जून महीने में एक बार फिर बीरेंद्र ने फोन कर बताया कि नौकरी के लिए प्रार्थना पत्र पिता के नाम से लिखा जाना है. इसलिए उसे अपने पिता के बैंक एकाउंट के चेक लेकर पौड़ी पहुंचना है. जिसके बाद उसने पौड़ी आकर बीरेंद्र को अपने पिता के नाम के दो चेक और प्रार्थना पत्र सौंप दिए, दोनों चेक ब्लैंक थे. हालांकि एक चेक पर उसके पिता के हस्ताक्षर थे.

पढ़ें: सरयू के तेज बहाव में बहा एक व्यक्ति, जिला मुख्यालय से टूटा 30 गांवों का संपर्क

देवेंद्र ने बताया कि जब वह 30 जून को किसी कार्य से श्रीनगर बैंक गए तो पता चला के उसके पिता के बैंक एकाउंट से तीन लाख 25 हजार की राशि निकाली गई है. बैंक से जानकारी मिली कि उक्त राशि बीरेंद्र के एकाउंट में ट्रांसफर हुई है. उन्होंने कहा कि कई दिनों तक बीरेंद्र उक्त राशि को वापस करने का झांसा देता रहा. लेकिन बीते 30 जुलाई को देवेंद्र ने थाना पैठाणी में देवेंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी लोकसेवक बनने के आरोप में मुकदता दर्ज कराया. थानाध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि विवेचना पूर्ण करने के बाद बीरेंद्र को उसकी दीदी के गांव खेत (गैरसैंण) से गिरफ्तार कर लिया गया है.

पौड़ी: दिल्ली दंगे में मृतक दिलबर के भाई से नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख से अधिक की ठगी करने वाले पूर्व प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. चमोली जनपद के एक पूर्व प्रधान ने खुद को सचिवालय का अधिकारी बताकर मृतक दिलबर के भाई से चेक लिया था. चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर तीन लाख से अधिक की धनराशि निकाल ली गई थी.

बता दें कि, कुछ समय पूर्व दिल्ली में हुए दंगों में थलीसैंण विकासखंड के रोखड़ा गांव निवासी दिलवर सिंह की मौत हो गई थी. दंगाइयों ने दिलबर पर उस समय अचानक हमला कर दिया था. जब वह गोदाम में सो रहा था. दिलबर के परिजनों को दिल्ली सरकार, उत्तराखंड सरकार के अलावा कुछ अन्य संगठनों ने भी आर्थिक सहायता दी थी. मृतक दिलबर के बड़े भाई देवेंद्र ने बताया कि बीते मार्च महीने को उन्हें एक व्यक्ति ने फोन करके बताया कि वह सचिवालय देहरादून में कार्यरत हैं.

वहीं नौकरी देने के लिए उन्हें उच्चाधिकारियों के निर्देश मिले हैं. उन्होंने कहा कि, उक्त व्यक्ति ने उन्हें पैठाणी में आने को कहा था. साथ ही दो चेक और अपने शैक्षणिक दस्तावेज भी साथ लाने की बात कही थी. उस व्यक्ति ने अपना नाम बीरेंद्र सिंह बताया था. जिसे वे मार्च महीने में अपने बैक एकाउंट के दो चेक और शैक्षिणक प्रमाण पत्र लेकर पैठाणी पहुंचा था. यहां उसने उक्त व्यक्ति बीरेंद्र को अपने सभी शैक्षणिक दस्तावेज और दो चेक दिए.

लेकिन जून महीने में एक बार फिर बीरेंद्र ने फोन कर बताया कि नौकरी के लिए प्रार्थना पत्र पिता के नाम से लिखा जाना है. इसलिए उसे अपने पिता के बैंक एकाउंट के चेक लेकर पौड़ी पहुंचना है. जिसके बाद उसने पौड़ी आकर बीरेंद्र को अपने पिता के नाम के दो चेक और प्रार्थना पत्र सौंप दिए, दोनों चेक ब्लैंक थे. हालांकि एक चेक पर उसके पिता के हस्ताक्षर थे.

पढ़ें: सरयू के तेज बहाव में बहा एक व्यक्ति, जिला मुख्यालय से टूटा 30 गांवों का संपर्क

देवेंद्र ने बताया कि जब वह 30 जून को किसी कार्य से श्रीनगर बैंक गए तो पता चला के उसके पिता के बैंक एकाउंट से तीन लाख 25 हजार की राशि निकाली गई है. बैंक से जानकारी मिली कि उक्त राशि बीरेंद्र के एकाउंट में ट्रांसफर हुई है. उन्होंने कहा कि कई दिनों तक बीरेंद्र उक्त राशि को वापस करने का झांसा देता रहा. लेकिन बीते 30 जुलाई को देवेंद्र ने थाना पैठाणी में देवेंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी लोकसेवक बनने के आरोप में मुकदता दर्ज कराया. थानाध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि विवेचना पूर्ण करने के बाद बीरेंद्र को उसकी दीदी के गांव खेत (गैरसैंण) से गिरफ्तार कर लिया गया है.

Last Updated : Aug 11, 2020, 7:23 AM IST
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