कोटद्वारः जल जीवन मिशन के तहत इन दिनों पहाड़ी क्षेत्रों में हर घर नल लगाने की योजना पर काम चल रहा है. लेकिन ठेकेदार योजना पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. ठेकेदारों के द्वारा पाइप लाइन को खुले में छोड़ा जा रहा है. आलम ये है कि खुले पाइपों के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
भारत सरकार की योजना जल जीवन मिशन के तहत इन दिनों पौड़ी जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में हर घर नल लगाने की योजना प्रगति पर है. जल निगम और जल संस्थान के द्वारा अलग-अलग ब्लॉकों में इस योजना पर काम किया जा रहा है. लेकिन जल निगम और जल संस्थान के ठेकेदारों के द्वारा गांव के रास्तों पर पाइपलाइन को खुले में छोड़ दिया जा रहा है. जिस कारण राह चलते ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जयहरीखाल ब्लॉक में भी ठेकेदार पाइपलाइन को जमीन के बाहर ही छोड़ रहे हैं. ग्रामीणों को कहना है कि पाइपों को ऐसे खुले में छोड़ने से लोगों को चलने में दिक्कत हो रही है तो दूसरी तरफ पाइपों के क्षतिग्रस्त होने का डर भी बना हुआ है.
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क्या है जल जीवन निशान
जल जीवन मिशन नल जल आपूर्ति के साथ 4 करोड़ से ज्यादा ग्रामीणों के घरों में पेयजल उपलब्ध कराना है. इस मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2019 को की गई थी. जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण के घर में नल का पानी पहुंचना है. इस योजना के तहत व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन द्वारा सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने की कल्पना की गई है. 2024 तक भारत के सभी ग्रामीण घरों में नल का जल कनेक्शन प्रदान करने का प्रयास है.
लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत का कहना है कि मामला गंभीर है. पाइपलाइन को जमीन के अंदर दबाने का प्रावधान होता है. इस संबंध में जल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों से बात की जाएगी.