कोटद्वार: तेलीस्रोत नाले को रिवर ट्रेंनिग नीति के तहत चैनलाइज किया जा रहा है, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन व विधायक की मिलीभगत के कारण नाले को डेढ़ मीटर की जगह 5 मीटर गहरा खोदा गया है, जिसके चलते बारिश के दौरान बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
बता दें, इन दिनों कोटद्वार तहसील के तेलीस्रोत नाले को रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनेलाइज किया जा रहा है. जिसके तहत नाले में 22 मीटर तक सफाई होनी है. नीति के तहत नाले की कुल चौड़ाई का दोनों ओर 1/4 भाग छोड़ना था और डेढ़ मीटर गहराई तक नाले की सफाई होनी थी. लेकिन मानकों को ताक में रखकर नाले को 5 मीटर से भी ज्यादा गहरा खोद दिया गया है.
स्थानीय निवासी रामेश्वरी देवी का कहना है कि उनके घर नदी के किनारे पर हैं. विभाग ने इस नाले को इतना गहरा खोद दिया कि अगर पानी आएगा तो वह हमारे घर को भी बहा कर ले जाएगा. पूर्व में भी इस नाले में खनन किया गया था, तब लोगों के घरों में पानी घुसा था.
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इस पर पूर्व उपप्रधान दीपा देवी ने कहा है कि पूर्व में भी नाले में खनन हुआ था और तब पूरी बस्ती में घुस गया था, जिस कारण लोगों का काफी नुकसान हुआ था. इस बार भी प्रशासन ने खनन शुरू कर दिया है. ऐसे में उन्होंने शासन-प्रशासन से गांव की सुरक्षा की मांग की है.
पार्षद जगदीश मेहरा ने बताया कि रिवर ट्रेनिंग का नाम से खनन का कार्य किया जा रहा है. नाले को 17 से 18 फीट गहरा खोद दिया गया है. उन्होंने कहा कि मानकों को ताक पर रखा गया है. पूर्व की सुरक्षा दीवारें अब टूटने की कगार पर हैं. वहीं उनके गांव पर खतरा मंडराने लगा है.