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पहाड़ में स्वास्थ्य विभाग खुद ही बीमार, स्वास्थ्य निदेशक के आश्वासन से जगी उम्मीद

पर्वतीय अंचलों की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था लोगों पर भारी पड़ रही है. लोगों को बेहतर इलाज के लिए अन्य जनपदों का रुख करना पड़ता है.

pauri
पौड़ी में नहीं है उचित स्वास्थ्य व्यवस्था
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Published : Aug 7, 2020, 8:31 AM IST

पौड़ी: प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं, जहां लंबे समय से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. लोगों को समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है. ऐसे में लोगों को अन्य जनपदों के चक्कर काटने पड़ते हैं. इसकी बानगी पौड़ी में साफ देखी जा सकती है. स्वास्थ्य सुविधाओं की उचित व्यवस्था न होने से लोगों को इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी धन व्यय करना पड़ता है.

स्वास्थ्य निदेशक डॉ. भारती राणा.

प्रदेश सरकार एक ओर स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. जिससे लोगों को बेहतर इलाज के लिए अन्य जनपदों का रुख करना पड़ता है. नवनियुक्त स्वास्थ्य निदेशक डॉ. भारती राणा का कहना है कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि प्रदेश के सभी पहाड़ी जिलों में चिकित्सकों की कमी नहीं होने दी जाएगी. पहाड़ी जिले के दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. उन्होंने कहा कि सभी इलाकों में चिकित्सकों की जल्द तैनाती की जाए. जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल विवि में 10 सितंबर से परीक्षाएं, जल्द जारी होगा शेड्यूल

डॉ. भारती राणा ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश सरकार स्वास्थ्य पर काफी ध्यान दे रही है. ऐसे में क्षेत्र में जल्द चिकित्सकों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द सभी जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं को पटरी पर वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके अंडर में सात जिले हैं, जिनमें से पांच जिले पहाड़ी हैं, जो कि काफी दुर्गम हैं. सभी दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी.

पौड़ी: प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं, जहां लंबे समय से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. लोगों को समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है. ऐसे में लोगों को अन्य जनपदों के चक्कर काटने पड़ते हैं. इसकी बानगी पौड़ी में साफ देखी जा सकती है. स्वास्थ्य सुविधाओं की उचित व्यवस्था न होने से लोगों को इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी धन व्यय करना पड़ता है.

स्वास्थ्य निदेशक डॉ. भारती राणा.

प्रदेश सरकार एक ओर स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. जिससे लोगों को बेहतर इलाज के लिए अन्य जनपदों का रुख करना पड़ता है. नवनियुक्त स्वास्थ्य निदेशक डॉ. भारती राणा का कहना है कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि प्रदेश के सभी पहाड़ी जिलों में चिकित्सकों की कमी नहीं होने दी जाएगी. पहाड़ी जिले के दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. उन्होंने कहा कि सभी इलाकों में चिकित्सकों की जल्द तैनाती की जाए. जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके.

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डॉ. भारती राणा ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश सरकार स्वास्थ्य पर काफी ध्यान दे रही है. ऐसे में क्षेत्र में जल्द चिकित्सकों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द सभी जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं को पटरी पर वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके अंडर में सात जिले हैं, जिनमें से पांच जिले पहाड़ी हैं, जो कि काफी दुर्गम हैं. सभी दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी.

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