श्रीनगर: कहते हैं कि हुनर किसी परिचय का मोहताज नहीं होता है. कुछ ऐसा ही पौड़ी पैठाणी के बनास गांव के रहने वाले अंकित कुमार ने कर दिखाया है.वहीं गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के के पौड़ी जिले के पैठाणी के बनास गांव के रहने वाले अंकित कुमार ने दस किलोमीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है. अंकित की इस उपलब्धि पर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है और अंकित के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. वहीं अंकित के पिता घोड़ा खच्चर से रेत ढो कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं.
स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत के प्रतिनिधि उत्तराखंड सहकारी संघ के अध्यक्ष मातवर सिंह रावत ने बनास गांव पहुंचकर अंकित के माता-पिता से मुलाकात की. साथ ही उन्होंने अंकित के माता-पिता को शॉल ओढ़ाकर बधाई दी. इस दौरान अंकित के पिता ध्यानी लाल ने बताया कि अंकित बचपन से भारतीय सेना में भर्ती होना चाहता था, जिसके लिए वह रोजाना सुबह उठकर दस से पन्द्रह किलोमीटर दौड़ता था.
पढ़ें-37th Goa National Games 2023 में 3 स्वर्ण पदकों के साथ उत्तराखंड ने जीते 13 पदक, टेबल टैली में पाया 20वां स्थान
भारतीय सेना की लैंसडाउन भर्ती में भी अंकित ने प्रतिभाग किया, लेकिन लिखित परीक्षा में अंकित चूक गया, जिसके बाद भी अंकित ने हौसला बनाए रखा. हालांकि दौड़ में अंकित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, लेकिन अंकित की पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं है. अंकित के पिता ने बताया कि वो घोड़ा-खच्चर से रेत ढो कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं. कहा कि परिवार की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी नहीं है, उनकी आजीविका का एक मात्र साधन घोड़ा-खच्चर संचालन है. कहा कि अंकित ने ये मुकाम अपनी मेहनत और लगन से हासिल किया है. वहीं परिजनों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अंकित के लिए सरकार को सोचना चाहिए तथा कोई व्यवसाय देना चाहिए. कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि मातवर सिंह रावत द्वारा अंकित के परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया गया.