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देवभूमि में हनुमान जी का ये मंदिर है बेहद खास, 2025 तक हो चुकी है भंडारे की एडवांस बुकिंग

कोटद्वार स्थित श्री सिद्धबली धाम श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. बजरंग बली के इस पौराणिक मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है. जहां सिद्धबली बाबा के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे हैं और भक्ति के रंग में सराबोर दिखाई देते हैं.

श्री सिद्धबली धाम में लगा रहता है भक्तों का तांता.
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Published : Apr 19, 2019, 12:07 PM IST

कोटद्वार: उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. वहीं यहां पग- पग पर मंदिर मठ और शिवालय इनकी महत्ता को बताते हैं. जिनका वर्णन पुराणों में भी मिलता है. देवभूमि वैदिक काल से ही ऋषि मुनियों की तपोस्थलीय रही है. वहीं पौड़ी जनपद में स्थित पौराणिक श्री सिद्धबली धाम हमेशा से ही लोगों की आस्था का केन्द्र रहा है. जहां सिद्धबली बाबा के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे हैं और भक्ति के रंग में सराबोर दिखाई देते हैं.

कोटद्वार स्थित श्री सिद्धबली धाम श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. बजरंग बली के इस पौराणिक मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है. मंदिर समिति के मुताबिक सिद्धबली धाम में श्रद्धालुओं को इतनी आस्था है कि 2025 तक मंगलवार, शनिवार और रविवार के दिन भंडारे की एडवांस बुकिंग हो गई है. वहीं मंदिर समिति द्वारा 2026 के लिए भंडारे की बुकिंग अभी नहीं की जा रही है. सिद्धबली धाम में मंगल शनि और रविवार को भंडारा कराने के लिए श्रद्धालुओं को 7 साल बाद यानि 2026 में अवसर मिलेगा. बाकी के बचे दिन सोमवार, बुद्धवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार के लिए 2020 तक भंडारे की एडवांस बुकिंग हो गई है.

श्री सिद्धबली धाम में लगा भक्तों का तांता.

मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान सिद्धबली की सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है. जब लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है भक्त मंदिर में भंडारा कर हनुमान जी को भोग लगाते हैं. लोगों में मान्यता है कि सिद्धबली मंदिर में बाबा के दर्शन करने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. जहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है. यहीं नहीं सिद्धबली धाम में प्रतिवर्ष देश ही नहीं विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु और सैलानी पहुंचते हैं.

कोटद्वार: उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. वहीं यहां पग- पग पर मंदिर मठ और शिवालय इनकी महत्ता को बताते हैं. जिनका वर्णन पुराणों में भी मिलता है. देवभूमि वैदिक काल से ही ऋषि मुनियों की तपोस्थलीय रही है. वहीं पौड़ी जनपद में स्थित पौराणिक श्री सिद्धबली धाम हमेशा से ही लोगों की आस्था का केन्द्र रहा है. जहां सिद्धबली बाबा के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे हैं और भक्ति के रंग में सराबोर दिखाई देते हैं.

कोटद्वार स्थित श्री सिद्धबली धाम श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. बजरंग बली के इस पौराणिक मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है. मंदिर समिति के मुताबिक सिद्धबली धाम में श्रद्धालुओं को इतनी आस्था है कि 2025 तक मंगलवार, शनिवार और रविवार के दिन भंडारे की एडवांस बुकिंग हो गई है. वहीं मंदिर समिति द्वारा 2026 के लिए भंडारे की बुकिंग अभी नहीं की जा रही है. सिद्धबली धाम में मंगल शनि और रविवार को भंडारा कराने के लिए श्रद्धालुओं को 7 साल बाद यानि 2026 में अवसर मिलेगा. बाकी के बचे दिन सोमवार, बुद्धवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार के लिए 2020 तक भंडारे की एडवांस बुकिंग हो गई है.

श्री सिद्धबली धाम में लगा भक्तों का तांता.

मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान सिद्धबली की सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है. जब लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है भक्त मंदिर में भंडारा कर हनुमान जी को भोग लगाते हैं. लोगों में मान्यता है कि सिद्धबली मंदिर में बाबा के दर्शन करने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. जहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है. यहीं नहीं सिद्धबली धाम में प्रतिवर्ष देश ही नहीं विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु और सैलानी पहुंचते हैं.

Intro:एंकर- उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है और यहां पर पग पग पर मिलने वाले मंदिर मठ और शिवाले इनकी मेहता को उजागर करते हैं इसके साथ ही प्राचीन ग्रंथ वेद पुराणों में भी इसका जीवंत उदाहरण देखने को मिलता है कि उत्तराखंड में देवी देवताओं का वास होने के साथ-साथ यहां पर ऋषि मुनियों की कर्म स्थली भी रही है एक ऐसा ही पौराणिक सिद्ध पीठ पौड़ी जिले के कोटद्वार में भी स्थित है जहां पर देश से लेकर विदेश तक के श्रद्धालु हर वर्ष लाखों करोड़ों की संख्या में पहुंचते सिद्धबली बाबा के दर्शन कर अपने जीवन में सुख की अनुभूति करते हैं


Body:वीओ1- मंदिर समिति के मुताबिक सिद्धबली धाम में श्रद्धालुओं इतनी आस्था है की 2025 तक मंगलवार, शनिवार और रविवार के दिन भंडारे की एडवांस बुकिंग हो गई है, अभी 2026 की बुकिंग मंदिर समिति के द्वारा नही की जा रही है, सिद्धबली धाम में मंगल शनि और रविवार को भंडारा कराने के लिए अब श्रद्धालुओं को 7 साल बाद यानी 2026 में यह शुभ अवसर मिलेगा,

बाकी के बचे दिन सोमबार, बुद्धबार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार के लिए 2020 तक भंडारे की एडवांस्ड बुकिंग हो गईं है,

मान्यता है कि दूरदराज से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और सिद्धबली बाबा के आगे मत्था टेक मन्नतें मांगते हैं जब सिद्धबली बाबा उनकी मनते पूर्ण कर लेता है तो उनके द्वारा यहां पर भंडारे का आयोजन किया जाता है।



वीओ2- उधर मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के मुताबिक सिद्धबली मंदिर में सच्चे मन से दर्शन करने मन को सुकून मिलता है और सच्चे मन से मनौती मांगने पर और उनकी मनोकामना पूरी होती है जब भी बाबा के भक्तों को कोई परेशानी है दिक्कत होती है तो सिद्धबली बाबा उनकी रक्षा कर उनके घरों में खुशहाली लाते हैं इसलिए ही सिद्धबली धाम में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देश से ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु और सैलानी पहुंचते हैं।

खबर से सम्बंधित बाइट मेरे द्वारा 10 बजे तक भेज दी जायेगी।


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