कोटद्वार: उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. वहीं यहां पग- पग पर मंदिर मठ और शिवालय इनकी महत्ता को बताते हैं. जिनका वर्णन पुराणों में भी मिलता है. देवभूमि वैदिक काल से ही ऋषि मुनियों की तपोस्थलीय रही है. वहीं पौड़ी जनपद में स्थित पौराणिक श्री सिद्धबली धाम हमेशा से ही लोगों की आस्था का केन्द्र रहा है. जहां सिद्धबली बाबा के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे हैं और भक्ति के रंग में सराबोर दिखाई देते हैं.
कोटद्वार स्थित श्री सिद्धबली धाम श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. बजरंग बली के इस पौराणिक मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है. मंदिर समिति के मुताबिक सिद्धबली धाम में श्रद्धालुओं को इतनी आस्था है कि 2025 तक मंगलवार, शनिवार और रविवार के दिन भंडारे की एडवांस बुकिंग हो गई है. वहीं मंदिर समिति द्वारा 2026 के लिए भंडारे की बुकिंग अभी नहीं की जा रही है. सिद्धबली धाम में मंगल शनि और रविवार को भंडारा कराने के लिए श्रद्धालुओं को 7 साल बाद यानि 2026 में अवसर मिलेगा. बाकी के बचे दिन सोमवार, बुद्धवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार के लिए 2020 तक भंडारे की एडवांस बुकिंग हो गई है.
मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान सिद्धबली की सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है. जब लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है भक्त मंदिर में भंडारा कर हनुमान जी को भोग लगाते हैं. लोगों में मान्यता है कि सिद्धबली मंदिर में बाबा के दर्शन करने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. जहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है. यहीं नहीं सिद्धबली धाम में प्रतिवर्ष देश ही नहीं विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु और सैलानी पहुंचते हैं.