पौड़ी: उत्तराखंड पुलिस साइबर क्राइम की चुनौतियां से पार पाने के लिए लगातार काम कर रही है और काफी हद तक इस दिशा में कामयाब भी हो रही है. यही कारण है कि साइबर क्राइम की ठगी को शिकार हुआ कोई व्यक्ति यदि समय से पुलिस को मामले की सूचना दे रहा है तो पुलिस उसकी मदद कर रही है और कई मामलों में पीड़ित को पैसे भी वापस मिल रहे हैं. ऐसे ही एक मामले पौड़ी जिले से सामने आया है, जहां पुलिस ने पीड़ित के 70 हजार रुपए वापस कराए हैं.
पौड़ी एसएसपी यशवन्त सिंह चौहान ने बताया कि बीती 21 मार्च खनैता तल्ला निवासी सुनील रावत ने पुलिस को एक तहरीर दी थी. तहरीर में सुनील रावत ने पुलिस को बताया था कि उसे एक व्यक्ति का कॉल आया था. कॉल करने वाले व्यक्ति को खुद को सुनील रावत की जीजा बताया था, जो बाद में एक साइबर ठग निकला.
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साइबर ठग ने सुनील से कहा कि वे पेटीएम के जरिए उसके करीब 70 हजार रुपए भेज रहा है. इसके लिए साइबर ठग ने सुनील के मोबाइल पर मैसेज के जरिए एक लिंक भेजा और बोला इस लिंक पर क्लिक करो. लिंक पर क्लिक करने के बाद सुनील के पास एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आया. साइबर ठग ने सुनील से ओटीपी नंबर पूछा और सुनील ने उसे बता दिया.
सुनील के मुताबिक इसके कुछ देर बात ही उसके खाते से करीब 70 हजार रुपए साफ हो गए. इसके बाद सुनील को अहसास हुआ की, उसके साथ साइबर ठगी हुई है और कॉल करने वाले व्यक्ति साइबर ठग का था. इसके बाद सुनील ने देर किए बिना थाने में पूरे मामले की शिकायत. थाना पुलिस ने भी तत्काल साइबर थाने को ट्रांसफर किया. उसी का नतीजा है कि 15 दिनों के बाद पुलिस पीड़ित सुनील की 70 रुपए की धनराशि वापस दिलाने में कामयाब हुई.
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साइबर ठगी के शिकार यहां करें शिकायत: साइबर ठगी का शिकार कोई भी व्यक्ति ई-सुरक्षा चक्र कंट्रोल रूम 155-260 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. इसके अलावा पीड़ित व्यक्ति पास के थाने या फिर साइबर थाने में जाकर मामले की शिकायत कर सकता है. ये शिकायत 24 घंटे के अंदर होनी चाहिए. इससे आपके पैसे मिलने की उम्मीद ज्यादा होगी.
ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति यदि ई-सुरक्षा चक्र कंट्रोल रूम में तत्काल कॉल करता है तो उससे ये फायदा होगा कि इसकी सूचना तत्काल गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरपी) पर दर्ज की जाएगी. यहां शिकायत दर्ज होते ही सभी बैंक और वॉलेट की ओर से पीड़ित की धनराशि बचाने का प्रयास किया जाएगा.