पौड़ी: जिले में जल जीवन मिशन का कार्य अभी तक 70 फीसदी से भी कम हुआ है. इस पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई. डीएम ने पेयजल विभाग को 15 जून तक कार्य को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है. डीएम ने कहा कि तय लक्ष्य हासिल नहीं करने पर संबंधितों के वेतन पर रोक लगाई जाएगी.
डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान ने जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा बैठक लेते हुए पेयजल विभाग को मिशन के कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा. उन्होंने कहा कि अभी तक मिशन के तहत हुए कार्यों का महज 67 फीसदी कार्य ही पूर्ण किया गया. जिस पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि अधीक्षण अभियंता जल निगम के सभी अधिशासी अभियंताओं के स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करें. जिसमें प्रतिदिन हो रहे कार्यों के फोटोग्राफ के साथ ही दैनिक प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें. पेयजल विभाग की ओर से बताया गया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत 2,764 कार्यों का लक्ष्य निर्धारित है. जिसके लिए विभाग ने 2,746 कार्यों पर टेंडर प्रक्रिया करते हुए 1852 कार्य पूरे कर लिए हैं.
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जल जीवन के कार्यों में वन भूमि बनी अड़चन: जल जीवन मिशन के कार्यों को पूरा करने के लिए वन भूमि के चलते समस्या खड़ी हो रही है. बताया गया कि कई गांवों में इसके चलते कार्य नहीं हो पाया है. वहीं डीएम ने कहा कि वन भूमि संबंधित जिला स्तरीय समिति का अधिकार है. अधिनियम के तहत बुनियादी सुविधाओं के क्रियान्वयन हेतु एक हेक्टेयर से कम वन भूमि पर यदि 75 से कम पेड़ आ रहे हैं, तो ऐसे स्थिति में समिति के पास पेड़ों के कटान का निर्णय लेने का अधिकार है. डीएम ने बताया कि भेडा हंसूड़ी गांव में 37 व कीर्ति कोठार में 43 पेड़ मिशन के आड़े आ रहे हैं. जिसमें समिति द्वारा निर्णय लिया गया है कि इन दो जगहों पर एक हेक्टेयर से कम भूमि तथा 75 से कम पेड़ों के मानक के आधार पर कटान की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी.