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उत्तराखंड का पहला जिला बना पौड़ी जहां गढ़वाली बोली में होगी पढ़ाई

पौड़ी डीएम धीराज सिंह ने बताया कि पहाड़ी बोली के विकास और संरक्षण के लिए पौड़ी जनपद में एक से पांचवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में गढ़वाली बोली के पुस्तकों की पढ़ाई की शुरुआत जल्द की जाएगी.

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Published : Jul 11, 2019, 6:54 PM IST

Updated : Jul 11, 2019, 7:31 PM IST

स्कूलों में पढ़ाई जाएगी गढ़वाली

पौड़ी: जिला प्रशासन की कोशिश के बाद अब पौड़ी जनपद में कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों में गढ़वाली बोली में कोर्स शुरू किये जायेंगे. पौड़ी उत्तराखंड का पहला जिला है, जहां पहाड़ी बोली पाठ्यक्रम में शामिल होने जा रही है. इसकी किताबों के लिए 40 लाख के बजट की डिमांड सचिव शिक्षा को भेज दी गई है.

पढ़ें- देवभूमि का ये गांव सरकार के दावों को दिखा रहा आइना, विकास की आस में पथराई आंखें

जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गब्र्याल की इस पहल की शुरुआत सबसे पहले पौड़ी ब्लॉक के स्कूलों से ही की जानी थी, लेकिन बीते 29 जून को गढ़वाल मंडल की स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पौड़ी के कंडोलिया मैदान से इस पहल की न सिर्फ सराहना की, बल्कि पूरे जिले में ही इसे लागू कराने की घोषणा भी. उन्होंने पांचवीं तक के लिए बनी गढ़वाली बोली की पुस्तकों का विमोचन करते हुए लेखक मंडल को सम्मानित भी किया.

गढ़वाली बोली में होगी पढ़ाई

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पौड़ी डीएम धीराज सिंह ने बताया कि पहाड़ी बोली के विकास और संरक्षण के लिए पौड़ी जनपद में एक से पांचवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में गढ़वाली बोली के पुस्तकों की पढ़ाई की शुरुआत जल्द की जाएगी.

पौड़ी: जिला प्रशासन की कोशिश के बाद अब पौड़ी जनपद में कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों में गढ़वाली बोली में कोर्स शुरू किये जायेंगे. पौड़ी उत्तराखंड का पहला जिला है, जहां पहाड़ी बोली पाठ्यक्रम में शामिल होने जा रही है. इसकी किताबों के लिए 40 लाख के बजट की डिमांड सचिव शिक्षा को भेज दी गई है.

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जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गब्र्याल की इस पहल की शुरुआत सबसे पहले पौड़ी ब्लॉक के स्कूलों से ही की जानी थी, लेकिन बीते 29 जून को गढ़वाल मंडल की स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पौड़ी के कंडोलिया मैदान से इस पहल की न सिर्फ सराहना की, बल्कि पूरे जिले में ही इसे लागू कराने की घोषणा भी. उन्होंने पांचवीं तक के लिए बनी गढ़वाली बोली की पुस्तकों का विमोचन करते हुए लेखक मंडल को सम्मानित भी किया.

गढ़वाली बोली में होगी पढ़ाई

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पौड़ी डीएम धीराज सिंह ने बताया कि पहाड़ी बोली के विकास और संरक्षण के लिए पौड़ी जनपद में एक से पांचवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में गढ़वाली बोली के पुस्तकों की पढ़ाई की शुरुआत जल्द की जाएगी.

Intro:ज़िला प्रसाशन के प्रयासों   के बाद अब पौड़ी जनपद में कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों में गढ़वाली बोली में कोर्स शुरू किये जायेंगे। पौड़ी उत्तराखंड का पहला जिला है जहाँ पहाड़ी बोली पाठ्यक्रम में शामिल होने जा रही है। इसकी किताबों के लिए 40 लाख के बजट की डिमांड सचिव शिक्षा को भेज दी गई है। जिलाधिकारी पौड़ी के प्रयासों से यह संभव हो पाया है कि पहाड़ की बोली भाषा गढ़वाली में ही बच्चों के पाठ्यक्रम होंगे।


Body:ज़िलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गब्र्याल की इस पहल की शुरुआत सबसे पहले पौड़ी  ब्लॉक के स्कूलों से ही की जानी  थी लेकिन बीते 29 जून को गढ़वाल मंडल की स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पौड़ी के कंडोलिया मैदान से इस पहल की न सिर्फ सराहना की, बल्कि पूरे जिले में ही इसे लागू कराने की घोषणा भी। उन्होंने पांचवीं तक के लिए बनी गढ़वाली बोली की पुस्तकों का विमोचन करते हुए लेखक मंडल को सम्मानित भी किया। धीराज सिंह ने बताया कि पहाड़ी बोली के विकास और संरक्षण के लिए पौड़ी जनपद में एक से पांचवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में गढ़वाली बोली की पुस्तकों की पढ़ाई की शुरुआत जल्द की जाएगी।

बाईट- धीराज सिंह गब्र्याल(ज़िलाधिकारी पौड़ी)


Conclusion:प्राथमिक विद्यालय देवार की शिक्षिका मंजू नौटियाल ने बताया कि गढ़वाली बोली के संरक्षण और उसके प्रचार-प्रसार के लिए जिला प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयास काफी सराहनीय है  कहा कि विद्यालय के अतिरिक्त समय में वह बच्चों को गढ़वाली भाषा में प्रार्थना और कविताएं सिखाती हैं मासूम नौनिहाल गढ़वाली भाषा को सीखने में काफी रुचि ले रहे हैं और इसी रुचि के कारण हमारी गढ़वाली बोली भाषा का प्रचार प्रसार और संरक्षण हो सकेगा। 

बाईट- मंजू नौटियाल(शिक्षिका)
Last Updated : Jul 11, 2019, 7:31 PM IST
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