कोटद्वारः राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार में इमरजेंसी सेवाओं का बुरा हाल है. देर रात यहां आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि देर रात में इमरजेंसी में स्टाफ और डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं, जिसके कारण पूर्व में भी कई मरीजों की मृत्यु हो चुकी है.
बेस चिकित्सालय के इमरजेंसी में देर रात डॉक्टर व स्टाफ नदारद रहते हैं. मरीजों के परिजनों का कहना है कि स्टाफ और डॉक्टर स्टाफ रूम में दरवाजा बंद कर लेते हैं. वहीं, सीएमएस का कहना है कि कर्मचारी नियमावली में साफ लिखा होता है कि ड्यूटी करना उनका फर्ज है, अगर इस तरह की शिकायत है अवश्य ही ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
तीमारदार आशीष का कहना है कि जब भी किसी की हालत नाजुक होती है तो उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया जाता है, लेकिन अक्सर वहां पर देखा जाता है कि इमरजेंसी में मरीजों को उपचार नहीं मिल पाता.
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डॉक्टर स्टाफ वहीं मौजूद रहता लेकिन वह अपने स्टाफ रूम में कैद रहते हैं. ऐसे में पूर्व में भी कई मरीजों की मौत हो चुकी है. डॉक्टरों का इमरजेंसी में न होना और प्राइवेट प्रैक्टिस करने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की गई थी, तब जांच के दौरान यह बता दिया गया था कि डॉक्टर द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं की जाती, उसके बाद भी डॉक्टर और स्टाफ इमरजेंसी में मौजूद नहीं रहते.
बेस चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. बीसी काला का कहना है कि कर्मचारी नियमावली में साफ लिखा है कि ड्यूटी करना उनका फर्ज है. अगर, कोई ऐसा पाया जाता है तो उसके खिलाफ अवश्य कार्रवाई की जाएगी. रात को मैं स्वयं भी इमरजेंसी में राउंड पर रहूंगा.