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कोटद्वार में पार्किंग स्थल पर धड़ल्ले से हो रहा निर्माण कार्य, मूक बना प्रशासन

निर्माण कराने से पहले बिल्डर प्राधिकरण में पार्किंग दिखाकर नक्शा तो पास करवा लेते हैं, लेकिन पार्किंग के स्थान पर माफिया दुकान या फ्लैट का निर्माण कर देते हैं. बावजूद इसके प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है.

पार्किंग एरिया में धड़ल्ले से हो रहा निर्माण कार्य
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Published : Jun 2, 2019, 1:21 PM IST

Updated : Jun 2, 2019, 2:26 PM IST

कोटद्वार: शहर में बिल्डर मनमानी तरीके से नगर निगम के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. पार्किंग एरिया में लगातार अवैध निर्माण किया जा रहा है. जिससे मुख्य मार्गों और गलियों में वाहनों की कतारें लगना जनता के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है. लेकिन स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला विकास प्राधिकरण तक इस ओर आंखें मूंदे बैठा है.

पार्किंग एरिया में धड़ल्ले से हो रहा निर्माण कार्य.

कोटद्वार को गढ़वाल का द्वार माना जाता है. बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को कोटद्वार से ही लैंसडाउन, पौड़ी, सतपुली , ताड़केश्वर जाना पड़ता है. लेकिन पर्यटकों को कोटद्वार पहुंचकर जाम में घंटों खड़ा रहना पड़ता है. बता दें कि कोटद्वार में दर्जनों शॉपिंग कॉम्पलेक्स, होटल्स, हाउसिंग सोसायटी बनी हुई हैं, जिनमें पार्किंग की व्यवस्था तक नहीं की गई है.

पढ़ें- अनोखी मिसालः 14 साल से अलविदा जुमे का रोजा रखता है ये हिंदू परिवार

इस तरह के निर्माण कराने से पहले बिल्डर प्राधिकरण में पार्किंग दिखाकर नक्शा तो पास करवा लेते हैं, लेकिन पार्किंग के स्थान पर माफिया दुकान या फ्लैट का निर्माण कर देते हैं. बावजूद इसके प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है.

स्थानीय निवासी मुजीब नैथानी का कहना है कि इसमें साफ तौर पर प्रशासन की कमी है. डीडीए में कोई भी ऐसी सूचना नहीं है कि कहीं कोई भवन निर्माण हो रहा है. डीडीए के अनुसार कोटद्वार में कहीं भी भवन निर्माण कार्य नहीं हो रहा है. जितने भी कोटद्वार में व्यवसायिक भवन है, उनको अभी तक डीडीए की ओर से कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है. मतलब कि वह व्यवसाई भवन अभी कंप्लीट नहीं हुए हैं. उनमें व्यवसाई गतिविधि नहीं हो सकती. लेकिन कोटद्वार में सारे व्यवसायिक भवनों में गतिविधियां शुरू हो गई हैं.

उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से ये घोर लापरवाही है, जिसकी शिकायत हम कई बार कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं के यहां व्यवसायिक भवन हैं. जिस वजह से विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

जिला विकास प्राधिकरण के संयुक्त सचिव मनीष कुमार का कहना है कि जब से जिला विकास प्राधिकरण गठित हुआ है तब से लेकर अब तक जितने भी भवन बने हैं, नियम के अनुसार जगह नहीं छोड़ी गई हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं. कई भवनों को सील किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे भवन जहां नियम अनुसार पार्किंग व्यवस्था नहीं है, उनके खिलाफ डीडीए के प्रावधानों के अनुरुप कार्रवाई की जा रही है.

कोटद्वार: शहर में बिल्डर मनमानी तरीके से नगर निगम के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. पार्किंग एरिया में लगातार अवैध निर्माण किया जा रहा है. जिससे मुख्य मार्गों और गलियों में वाहनों की कतारें लगना जनता के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है. लेकिन स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला विकास प्राधिकरण तक इस ओर आंखें मूंदे बैठा है.

पार्किंग एरिया में धड़ल्ले से हो रहा निर्माण कार्य.

कोटद्वार को गढ़वाल का द्वार माना जाता है. बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को कोटद्वार से ही लैंसडाउन, पौड़ी, सतपुली , ताड़केश्वर जाना पड़ता है. लेकिन पर्यटकों को कोटद्वार पहुंचकर जाम में घंटों खड़ा रहना पड़ता है. बता दें कि कोटद्वार में दर्जनों शॉपिंग कॉम्पलेक्स, होटल्स, हाउसिंग सोसायटी बनी हुई हैं, जिनमें पार्किंग की व्यवस्था तक नहीं की गई है.

पढ़ें- अनोखी मिसालः 14 साल से अलविदा जुमे का रोजा रखता है ये हिंदू परिवार

इस तरह के निर्माण कराने से पहले बिल्डर प्राधिकरण में पार्किंग दिखाकर नक्शा तो पास करवा लेते हैं, लेकिन पार्किंग के स्थान पर माफिया दुकान या फ्लैट का निर्माण कर देते हैं. बावजूद इसके प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है.

स्थानीय निवासी मुजीब नैथानी का कहना है कि इसमें साफ तौर पर प्रशासन की कमी है. डीडीए में कोई भी ऐसी सूचना नहीं है कि कहीं कोई भवन निर्माण हो रहा है. डीडीए के अनुसार कोटद्वार में कहीं भी भवन निर्माण कार्य नहीं हो रहा है. जितने भी कोटद्वार में व्यवसायिक भवन है, उनको अभी तक डीडीए की ओर से कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है. मतलब कि वह व्यवसाई भवन अभी कंप्लीट नहीं हुए हैं. उनमें व्यवसाई गतिविधि नहीं हो सकती. लेकिन कोटद्वार में सारे व्यवसायिक भवनों में गतिविधियां शुरू हो गई हैं.

उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से ये घोर लापरवाही है, जिसकी शिकायत हम कई बार कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं के यहां व्यवसायिक भवन हैं. जिस वजह से विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

जिला विकास प्राधिकरण के संयुक्त सचिव मनीष कुमार का कहना है कि जब से जिला विकास प्राधिकरण गठित हुआ है तब से लेकर अब तक जितने भी भवन बने हैं, नियम के अनुसार जगह नहीं छोड़ी गई हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं. कई भवनों को सील किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे भवन जहां नियम अनुसार पार्किंग व्यवस्था नहीं है, उनके खिलाफ डीडीए के प्रावधानों के अनुरुप कार्रवाई की जा रही है.

Intro:एंकर- कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में बिल्डर मनमानी तरीके से काम कर रहे हैं इतना ही नहीं पार्किंग एरिया में भी अवैध निर्माण कर रहे हैं जिससे मुख्य मार्ग और गलियों में वाहनों की कतार लग जाती है स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला विकास प्राधिकरण इस और आंखें मूंदे बैठा है ऐसे में स्थानीय लोगों को और बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को घंटों जाम में खड़ा रहना पड़ता है और भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है


Body:वीओ1- कोटद्वार को गढ़वाल का द्वार माना जाता है बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को कोटद्वार से ही लैंसडौन, पौडी, सतपुली , ताडकेश्वर जाना पड़ता है, लेकिन पर्यटकों को कोटद्वार पहुंचकर जाम में घंटों खड़ा रहना पड़ता है यह सब जिला विकास प्राधिकरण और नगर निगम व स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से ही होता है बता दें कि कोटद्वार में एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों शॉपिंग कंपलेक्स होटल्स हाउसिंग सोसायटी बने हुए जिनमें पार्किंग की व्यवस्था नहीं है इस तरह के निर्माण कराने
से पहले प्राधिकरण में पार्किंग दिखाकर नक्शा तो पास करवा लेते हैं उसके बावजूद पार्किंग के स्थान पर भी बिल्डर माफिया दुकान या फ्लैट का निर्माण कर देते हैं,

वीओ2- वहां स्थानीय निवासी का कहना है कि इसमें साफ तौर पर प्रशासन की कमी है क्योंकि भवन निर्माण नियमावली में स्पष्ट है कि जिस दिन बुनियाद रखी जाएगी उस दिन भी इंजीनियर उसकी तस्दीक करेगा उसके बाद जब बिल्डिंग अलग-अलग फेस पर होगी तो इंजीनियर उसकी तस्दीक करेगा यहां पर कोई भी तस्दीक नहीं की जाती डीडीए में, डीडीए में कोई भी ऐसी सूचना नहीं है कि कहीं कोई भवन निर्माण हो रहे हो, डीडीए के अनुसार कोटद्वार में कोई भी भवन निर्माण कार्य नहीं हो रहा है जितने भी कोटद्वार में व्यवसायिक भवन है उनको अभी तक डीडीए की ओर से कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है मतलब है कि वह व्यवसाई भवन अभी कंप्लीट नहीं हुए हैं उनमें व्यवसाई गतिविधि नहीं हो सकती लेकिन कोटद्वार में सारे व्यवसायिक भवनों में गतिविधि शुरू हो गई है यह प्रशासन की घोर लापरवाही है जिसकी शिकायत हम कई बार कर चुके हैं क्योंकि भाजपा के और कांग्रेस के बड़े नेता के सब यह व्यवसायिक भवन है इसलिए विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं प्राधिकरण में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हो रहा है इसकी हम कई बार शिकायत कर चुके हैं गलत तरीके से नक्शा पास प्राधिकरण के द्वारा किए जा रहे हैं नवंबर माह में हमने प्राधिकरण की शिकायत की थी लेकिन आज जून महा लग गया है शिकायत पर अभी तक कोई अमल नहीं किया गया यह कोटद्वार में प्रशासन की स्थिति है, पुराने डीएम साहब ने कुछ सुधारने की कोशिश भी की थी लेकिन नए डीएम साहब चैन की नींद सो रहे हैं
बाइट मुजीब नैथानी


Conclusion:वीओ3- वहीं जिला विकास प्राधिकरण के संयुक्त सचिव मनीष कुमार का कहना है कि जब से जिला विकास प्राधिकरण गठित हुआ है तब से लेकर अब तक जितने भी भवन बने हैं खासतौर पर व्यवसायिक भवन में नाम्स के अनुरूप जगह नहीं छोड़ी गई है तो उनके खिलाफ लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं कई भवनों को सील किया गया है आज भी मेरे द्वारा कुछ भवनों को सील करने के आदेश पारित किए गए हैं जो भी ऐसे भवन जो नॉर्म्स के अनुरूप नहीं है पार्किंग व्यवस्था नहीं है उनके खिलाफ डीडीए के प्रावधानों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है

बाइट मनीष कुमार संयुक्त सचिव जिला विकाश प्रधिकरण कोटद्वार।
Last Updated : Jun 2, 2019, 2:26 PM IST
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