पौड़ी: महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत की आज 136 वीं जयंती पूरे देश में मनाई जा रही है. में जिला मुख्यालय पौड़ी में भी पंडित गोविंद बल्लभ पंत को याद किया गया. जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी में डीएम डॉ. आशीष चौहान ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की.
गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 1887 को पौड़ी में हुआ: आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले गोविंद बल्लभ पंत अपने ही लोगों के बीच बेगाने होकर रहे. दरअसल, ब्रिटिश गढ़वाल के मुख्यालय पौड़ी में गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर 1887 को हुआ था. यह बात आज भी अधिकांश लोग नहीं जानते हैं. ऐसे में भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत की 136 वीं जयंती पर कई वक्ताओं ने उनके जन्म स्थान च्वींचा गांव में पंत संग्रहालय बनाने की मांग उठाई है.
कलक्ट्रेट परिसर में विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन: इसके अलावा गोविंद बल्लभ पंत की 136 जयंती पर कलक्ट्रेट परिसर में जिला प्रशासन और संस्कृति विभाग की ओर से स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ आम लोगों द्वारा गोविंद बल्लभ पंत के जीवन चरित्र पर विस्तार से चर्चा की गई.
गोविंद बल्लभ पंत के जन्म स्थान पर बनेगा पंत संग्रहालय: डीएम ने कहा कि गोविंद बल्लभ पंत के जन्म स्थान पर उनके नाम पर संग्रहालय बनाने के लिए जरूरी प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि शहर में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की मूर्ति भी स्थापित की जाएगी. इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ें: गोविंद बल्लभ पंत ने स्वतंत्रता संग्राम में निभाई भी अहम भूमिका, छोटे से गांव से निकलकर पाया 'भारत रत्न'
हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने में पंत ने निभाई थी अहम भूमिका: डीएम आशीष चौहान ने कहा कि भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत ने हिंदू कोड बिल को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिससे महिला वर्ग को विशेष अधिकार प्राप्त हुए हैं. उन्होंने काशीपुर में प्रेम सभा का गठन किया. जिससे शैक्षणिक क्षेत्र में कई अहम बदलाव किए गए. उन्होंने कहा कि उनका योगदान न केवल भारत को आजादी दिलाने में था, बल्कि आजादी के बाद भारतीय संविधान में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा को खत्म कराने में भी था.
ये भी पढ़ें: 10 सितंबर को मनाई जाएगी पं गोविंद बल्लभ पंत की जयंती, कार्यक्रम में CM धामी करेंगे शिरकत