श्रीनगरः शारदीय नवरात्रि आज 7 अक्टूबर से शुरू हो गए हैं. नवरात्रि के पहले दिन मां के मठ-मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. इसके अलावा मठ-मंदिरों के आसपास की दुकानें सजी हुई हैं. पौड़ी जिले के मां ज्वाल्पा सिद्धपीठ मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ जुटी है. इस पौराणिक और ऐतिहासिक सिद्धपीठ मंदिर की आस्था इन नवरात्रि के 9 दिनों में भक्तों के लिए मायने रखती है.
नवरात्रि के दौरान भक्त मां ज्वाल्पा सिद्धपीठ मंदिर में आने से खुद को रोक नहीं पाते हैं. मन्दिर में मां भगवती और इन्द्राणी की पूजा-पाठ करने के लिए भक्त दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं. शारदीय नवरात्रि में मां का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त का तांता मंदिर में लगा रहता है.
वहीं, कोरोना काल के दौरान इन शारदीय नवरात्रि में पहुंच रहे भक्तों से मंदिर समीति ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का आह्वान किया है. वहीं, मां के इस मंदिर में नवरात्र के सप्तमी, अष्ठमी और नवमी को विशेष पूजा-पाठ भी किए जाते हैं. माना जाता है की मंदिर में सच्चे मन से पहुंचने वाले भक्त की हर मुराद पूरी होती है.
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ये है मान्यताः सिद्धपीठ मां ज्वाल्पा देवी मंदिर की मान्यता है कि इंद्र देव की पत्नी सची ने इंद्र को पाने के लिए और माता भगवती को इसी जगह पर स्थापित होने के लिए वर्षों तक आराधना की थी. ऐसे में मां भगवती ने सची की तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूरी की. तब से मां इसी स्थान पर स्थापित हैं. खास बात ये है कि यहां मां की अखंड जोत हर समय जली रहती है. यही वजह है कि मंदिर को ज्वाल्पा नाम से जाना जाता है.