पौड़ी: ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर अब जिला स्तरीय अधिकारी भी गंभीर नहीं हैं. इस बात की पोल पोखड़ा ब्लॉक में आयोजित बीडीसी की बैठक में खुल गई है. दरअसल मीटिंग में एक भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. जिसके चलते ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा किया और जनप्रतिनिधियों ने निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए इसकी शिकायत डीएम से की.
दूरस्थ क्षेत्र से आने वाले लोगों की नहीं हुई सुनवाई: पोखड़ा ब्लॉक में इस वित्तीय वर्ष की पहली बीडीसी बैठक आयोजित हुई. जिसमें एक भी अधिकारी नहीं पहुंचा. ऐसा भी नहीं है कि इस बैठक की पूर्व जानकारी किसी भी विभागों को नहीं भेजी गई, बल्कि ब्लॉक कार्यालय की ओर से इसका रोस्टर और बैठक की तिथि समय से सभी को प्रेषित कर दी गई थी. इसके बावजूद किसी भी अधिकारी ने बैठक में उपस्थित होना जरूरी नहीं समझा. जिससे दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले ग्राम प्रधानों द्वारा क्षेत्र की समस्याओं को सदन के पटल पर नहीं रखा जा सका.
उदासीनता का मामला फिर दोहराया: ब्लॉक प्रमुख प्रीति देवी ने कहा कि अधिकारियों की उदासीनता का मामला फिर दोहराया गया है. अधिकारियों के नहीं पहुंचने से दूरस्थ क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क और वन्य जीवों से संबंधित शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी है. जिससे लोगों ने इस सत्र की पहली बीडीसी बैठक का बहिष्कार किया.
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सतपाल महाराज के समक्ष भी उठा मनमानी का मामला: सतपाल महाराज की विधानसभा सीट चौबट्टाखाल के अंतर्गत आने वाले पोखड़ा ब्लॉक में अधिकारियों की मनमानी की बात पहले भी उठी है. तब भी ब्लॉक प्रमुख प्रीति देवी ने क्षेत्रीय विधायक सतपाल महाराज से अधिकारियों की मनमानी की शिकायत की थी. जिससे अधिकारियों को इस प्रकार की मनमानी की पुनरावृत्ति न करने की सख्त हिदायत दी गई थी. लेकिन इसके बाद भी अधिकारी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं.
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