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ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर लैंडस्लाइड जोन, ट्रीटमेंट रिपोर्ट तैयार करेंगे NIT के इंजीनियर - बदरीनाथ नेशनल हाइवे

एनआईटी उत्तराखंड के इंजीनियर रुद्रप्रयाग और चमोली के नेशनल हाईवे का अध्ययन करेंगे. इसके बाद वे इन सभी का ट्रीटमेंट प्लान बनाकर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे. जिसे 10 दिनों के भीतर एनएचआईडीसीएल को सौंपा (NIT Engineer will be handed over to NHIDCL) जाएगा. संस्थान ने इसके लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर दी है.

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रुद्रप्रयाग-चमोली के नेशनल हाइवे ट्रीटमेंट के उपाय ढूंढेंग एनआईटी के इंजीनियर
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Published : Dec 11, 2022, 7:35 PM IST

श्रीनगर: एनआईटी उत्तराखंड (National Institute of Technology) के इंजीनियर रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के भूस्खलन और भू-धंसाव (landslide on Badrinath Highway) के ट्रीटमेंट के उपाय ढूंढने में मदद करेंगे. संस्थान ट्रीटमेंट के उपाय सहित इस पर आने वाले खर्चे की रिपोर्ट राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) नई दिल्ली को सौंपेगा. एनआईटी प्रशासन की मानें तो 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट एनएचआईडीसीएल को सौंप दी जाएगी. इस संबंध में दोनों संस्थानों के बीच एमओयू साइन हो गया है.

ट्रीटमेंट को लेकर प्लान बनाएंगे NIT के इंजीनियर.

एनएचआईडीसीएल (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन कार्यदायी एजेंसी है. यह एजेंसी पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रही है. इसके तहत चौड़ीकरण और सुधारीकरण कार्य हो रहा है.

कुछ स्थानों में चौड़ीकरण और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के सुधारीकरण में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए एनएचआईडीसीएल ने गत अक्टूबर माह में एनआईटी उत्तराखंड के साथ करार किया था. इसी के तहत एनआईटी के इंजीनियरों की टीम एनएचआईडीसीएल की ओर से चिन्हित स्थानों का अध्ययन करेगी. ये टीम 10 दिन में एनएचआईडीसीएल को रिपोर्ट देगी.

पढे़ं- 'गड्ढों में हिचकोले खाने पर लोग हमें देते हैं गालियां', खराब सड़कें देख भड़के मंत्री सतपाल

संस्थान के निदेशक प्रो ललित कुमार अवस्थी ने बताया एमओयू के अंतर्गत दोनों संस्थान राजमार्ग नेटवर्क इंजीनियरिंग और अन्य बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नवीन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकी पर जानकारी साझा करेंगे. उन्होंने बताया पहाड़ी इलाकों में एक कुशल सड़क परिवहन तंत्र विकसित करने में कई प्रकार की तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

जनपद रुद्रप्रयाग और चमोली के नेशनल हाईवे के उन स्थानों का चयन किया गया है, जहां रोड खराब है और लैंडस्लाइड हो रहा है. इन सभी का ट्रीटमेंट प्लान बनाकर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. जिसे 10 दिनों के भीतर एनएचआईडीसीएल को सौंपा जाएगा.

श्रीनगर: एनआईटी उत्तराखंड (National Institute of Technology) के इंजीनियर रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के भूस्खलन और भू-धंसाव (landslide on Badrinath Highway) के ट्रीटमेंट के उपाय ढूंढने में मदद करेंगे. संस्थान ट्रीटमेंट के उपाय सहित इस पर आने वाले खर्चे की रिपोर्ट राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) नई दिल्ली को सौंपेगा. एनआईटी प्रशासन की मानें तो 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट एनएचआईडीसीएल को सौंप दी जाएगी. इस संबंध में दोनों संस्थानों के बीच एमओयू साइन हो गया है.

ट्रीटमेंट को लेकर प्लान बनाएंगे NIT के इंजीनियर.

एनएचआईडीसीएल (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन कार्यदायी एजेंसी है. यह एजेंसी पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रही है. इसके तहत चौड़ीकरण और सुधारीकरण कार्य हो रहा है.

कुछ स्थानों में चौड़ीकरण और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के सुधारीकरण में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए एनएचआईडीसीएल ने गत अक्टूबर माह में एनआईटी उत्तराखंड के साथ करार किया था. इसी के तहत एनआईटी के इंजीनियरों की टीम एनएचआईडीसीएल की ओर से चिन्हित स्थानों का अध्ययन करेगी. ये टीम 10 दिन में एनएचआईडीसीएल को रिपोर्ट देगी.

पढे़ं- 'गड्ढों में हिचकोले खाने पर लोग हमें देते हैं गालियां', खराब सड़कें देख भड़के मंत्री सतपाल

संस्थान के निदेशक प्रो ललित कुमार अवस्थी ने बताया एमओयू के अंतर्गत दोनों संस्थान राजमार्ग नेटवर्क इंजीनियरिंग और अन्य बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नवीन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकी पर जानकारी साझा करेंगे. उन्होंने बताया पहाड़ी इलाकों में एक कुशल सड़क परिवहन तंत्र विकसित करने में कई प्रकार की तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

जनपद रुद्रप्रयाग और चमोली के नेशनल हाईवे के उन स्थानों का चयन किया गया है, जहां रोड खराब है और लैंडस्लाइड हो रहा है. इन सभी का ट्रीटमेंट प्लान बनाकर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. जिसे 10 दिनों के भीतर एनएचआईडीसीएल को सौंपा जाएगा.

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