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पौड़ी महिला अस्पताल में लगाई गई खास यूनिट, ठंड में होने वाली बीमारियों से नवजात को नहीं होगा कोई खतरा - नवजात शिशु

पौड़ी के महिला चिकित्सालय में न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत की गयी है.यहां शुरू की गई यूनिट में नवजात बच्चों के कम वजन, निमोनिया, पीलिया आदि रोगों का उपचार किया जाएगा.

महिला चिकित्सालय में न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत
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Published : Feb 16, 2019, 9:29 PM IST


पौड़ी: जिले में अब नवजात शिशुओं को संक्रमण रोगों से आसानी से बचाया जा सकेगा. इसके लिए महिला चिकित्सालय में न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत की गयी है. जिसमें ठंड से होने वाली बीमारियों और संक्रमण रोगों का उपचार किया जाएगा. जन्म लेते ही बच्चे निमोनिया, पीलिया आदि बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. जिसके इलाज के लिए तिमारदारों को दर-दर भटकना पड़ता है. तिमारदारों की परेशानी को देखते हुए जिला महिला चिकित्सालय में संक्रमण रोगों के उपचार के लिए दो अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं. जहां बाल रोग विशेषज्ञ की देखरेख में नवजात शिशुओं का उपचार किया जाएगा.

महिला चिकित्सालय में न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत
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जिला महिला चिकित्सालय में शुरू किये गये न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट से जिले के दूर-दराज से आने वाले लोगों को राहत मिलेगी. यहां शुरू की गई यूनिट में नवजात बच्चों के कम वजन, निमोनिया, पीलिया आदि रोगों का उपचार किया जाएगा. अब तक नवजात बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों की मदद लेनी पड़ती थी, लेकिन अब इस यूनिट की शुरुआत होने के बाद लोगों को प्राइवेट अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.


जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिक्षक मेघना असवाल ने बताया कि एक माह तक के बच्चों को ठंड लगने से निमोनिया, पीलिया आदि बीमारी होने का खतरा रहता है. पौड़ी जैसे ठंडे स्थानों पर इस तरह की शिकायतें ज्यादा आती हैं. जिसे देखते हुए न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि अब जिला अस्पताल में आसानी से बाल रोग विशेषज्ञ की देखरेख में नवजात बच्चों का इलाज किया जा सकेगा.

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पौड़ी: जिले में अब नवजात शिशुओं को संक्रमण रोगों से आसानी से बचाया जा सकेगा. इसके लिए महिला चिकित्सालय में न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत की गयी है. जिसमें ठंड से होने वाली बीमारियों और संक्रमण रोगों का उपचार किया जाएगा. जन्म लेते ही बच्चे निमोनिया, पीलिया आदि बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. जिसके इलाज के लिए तिमारदारों को दर-दर भटकना पड़ता है. तिमारदारों की परेशानी को देखते हुए जिला महिला चिकित्सालय में संक्रमण रोगों के उपचार के लिए दो अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं. जहां बाल रोग विशेषज्ञ की देखरेख में नवजात शिशुओं का उपचार किया जाएगा.

महिला चिकित्सालय में न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत
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जिला महिला चिकित्सालय में शुरू किये गये न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट से जिले के दूर-दराज से आने वाले लोगों को राहत मिलेगी. यहां शुरू की गई यूनिट में नवजात बच्चों के कम वजन, निमोनिया, पीलिया आदि रोगों का उपचार किया जाएगा. अब तक नवजात बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों की मदद लेनी पड़ती थी, लेकिन अब इस यूनिट की शुरुआत होने के बाद लोगों को प्राइवेट अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.


जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिक्षक मेघना असवाल ने बताया कि एक माह तक के बच्चों को ठंड लगने से निमोनिया, पीलिया आदि बीमारी होने का खतरा रहता है. पौड़ी जैसे ठंडे स्थानों पर इस तरह की शिकायतें ज्यादा आती हैं. जिसे देखते हुए न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि अब जिला अस्पताल में आसानी से बाल रोग विशेषज्ञ की देखरेख में नवजात बच्चों का इलाज किया जा सकेगा.

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Intro:पौड़ी-
नवजात शिशुओ को होने वाली संक्रमण रोग का उपचार अब आसानी से हो पायेगा। महिला चिकित्सालय में न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुवात कर दी गयी है जिसमें की ठंड से होने वाली बीमारियों का उपचार किया जाएगा। बच्चों के जन्म होते ही ठंड के कारण निमोनिया पीलिया आदि बीमारियों से बच्चे ग्रसित हो जाते हैं जिनको उपचार के लिए दर-दर भटकना पड़ता था लेकिन अब पौड़ी के दूरदराज छेत्रो और पौड़ी में जन्म लेने वाले बच्चों को इन बीमारियों के उपचार के लिए कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। पौड़ी के जिला महिला चिकित्सालय में उपचार के लिए दो मशीनों की शुरुवात की गई है। बाल रोग विशेषज्ञ की देखरेख में सारा उपचार किया जाएगा।


Body:जिला महिला चिकित्सालय पौड़ी में न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की शुरुआत कर दी गई है जिसमें कि नवजात बच्चों को कम वजन, निमोनिया पीलिया आदि रोगों के का उपचार किया जाएगा और इसमें बच्चों का विशेष उपचार किया जाएगा। नवजात बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों की मदद लेनी पड़ती थी लेकिन अब इस यूनिट की शुरुवात होने के बाद जनता को उपचार के लिए दर दर नही भटकना पड़ेगा। एक माह तक के बच्चों को होने वाली बीमारियों का आसानी से उपचार हो पायेगा।


Conclusion:महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक मेघना असवाल ने बताया कि एक माह तक के बच्चों को ठंड लगने से या निमोनिया पीलिया आदि बीमारी होने का खतरा रहता है पौड़ी जैसे ठंडे स्थानों पर इस तरह की शिकायत आती है कि नवजात बच्चे इन बीमारियों से ग्रसित हो जाते है। इन बीमारियों का इलाज जिला महिला अस्पताल में आसानी से किया जाएगा। पौड़ी व आसपास के क्षेत्रों में नवजात बच्चों को यदि इस तरह की समस्या होती है तो उन्हें दर दर भटकने की आवश्यकता नहीं होती अब आसानी से अस्पताल में उनका उपचार किया जाएगा इसके लिए बाल रोग विशेषज्ञ की देखरेख में उनका पूरा किया जाएगा
बाईट- डॉ मेघना असवाल
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