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कोरोना वायरस का खौफ, सामान्य मरीज की मदद से भी कतरा रहे लोग

लोग कोरोना वायरस से इतने खौफजदा हैं कि कोई भी किसी की मदद करने को आगे आने से भी कतराने लगे हैं. ताजा मामला श्रीनगर के घसिया महादेव का है. जहां दो बच्चों की उल्टी-दस्त के कारण तबीयत बिगड़ गई. उस समय इन बच्चों के माता-पिता घर में मौजूद नहीं थे. वही, पड़ोसी इन बच्चों को दूर से तमाशबीन बन देख रहे थे, लेकिन को मदद को आगे नहीं आए.

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Published : Jun 10, 2020, 9:25 AM IST

Updated : Jun 10, 2020, 10:51 AM IST

srinagar
बच्चों की पड़ोसियों ने नहीं की मदद

श्रीनगर: कोरोना संक्रमण का खतरा अब मानवीय संवेदनाओं पर भी असर डाल रहा है. लोग कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से इतने डर हुए हैं कि एक दूसरे की मदद करने से भी परहेज कर रहे हैं. वहीं, सामान्य मरीज की मदद के लिए भी लोग आगे आने से कतरा रहे हैं. ताजा मामला श्रीनगर के घसिया महादेव का है. जहां दो बच्चों की उल्टी-दस्त के कारण तबीयत बिगड़ गई. उस समय इन बच्चों के माता-पिता घर में मौजूद नहीं थे. वहीं, पड़ोसी इन बच्चों को दूर से तमाशबीन बन देख रहे थे, लेकिन को मदद को आगे नहीं आए.

बताया जा रहा है कि इन बच्चों के माता पिता नेपाली मूल के है. जो घसिया महादेव में रहते है. जब इन बच्चों की तबीयत बिगड़ी उस वक्त इनके माता पिता घर मौजूद नहीं थे. वहीं, सूचना मिलने पर एक स्थानीय युवक अजय गिरि इनकी मदद को आगे आया. जिसके बाद उसने वार्ड नबंर-3 के नोडल अधिकारी महेश गिरि को कॉल किया. बच्चों की सहायता के लिए 108 को कॉल करने के साथ ही आंगनबाड़ी वर्कर प्रतिभा गोदियाल एवं कुसुम असवाल को बुलाया गया. जिसके बाद 108 से बच्चों को बेस अस्पताल ले जाया गया.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: 1537 पहुंचा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा, 722 लोगों ने जीती 'जंग'

हालांकि, अस्पताल में ट्रीटमेंट के बाद दोनों बच्चों को छुट्टी दे दी गई. वार्ड नंबर-3 के नोडल अधिकारी महेश ने बताया कि घटना के वक्त कोई भी घर में नहीं था. बच्चों की मां भी अस्पताल में भर्ती है. ऐसे में यदि बच्चों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जाता, उनके साथ कुछ भी हो सकता था.

श्रीनगर: कोरोना संक्रमण का खतरा अब मानवीय संवेदनाओं पर भी असर डाल रहा है. लोग कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से इतने डर हुए हैं कि एक दूसरे की मदद करने से भी परहेज कर रहे हैं. वहीं, सामान्य मरीज की मदद के लिए भी लोग आगे आने से कतरा रहे हैं. ताजा मामला श्रीनगर के घसिया महादेव का है. जहां दो बच्चों की उल्टी-दस्त के कारण तबीयत बिगड़ गई. उस समय इन बच्चों के माता-पिता घर में मौजूद नहीं थे. वहीं, पड़ोसी इन बच्चों को दूर से तमाशबीन बन देख रहे थे, लेकिन को मदद को आगे नहीं आए.

बताया जा रहा है कि इन बच्चों के माता पिता नेपाली मूल के है. जो घसिया महादेव में रहते है. जब इन बच्चों की तबीयत बिगड़ी उस वक्त इनके माता पिता घर मौजूद नहीं थे. वहीं, सूचना मिलने पर एक स्थानीय युवक अजय गिरि इनकी मदद को आगे आया. जिसके बाद उसने वार्ड नबंर-3 के नोडल अधिकारी महेश गिरि को कॉल किया. बच्चों की सहायता के लिए 108 को कॉल करने के साथ ही आंगनबाड़ी वर्कर प्रतिभा गोदियाल एवं कुसुम असवाल को बुलाया गया. जिसके बाद 108 से बच्चों को बेस अस्पताल ले जाया गया.

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हालांकि, अस्पताल में ट्रीटमेंट के बाद दोनों बच्चों को छुट्टी दे दी गई. वार्ड नंबर-3 के नोडल अधिकारी महेश ने बताया कि घटना के वक्त कोई भी घर में नहीं था. बच्चों की मां भी अस्पताल में भर्ती है. ऐसे में यदि बच्चों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जाता, उनके साथ कुछ भी हो सकता था.

Last Updated : Jun 10, 2020, 10:51 AM IST
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