ETV Bharat / state

यात्रियों से गुलजार रहने वाले तीन धारा पर पसरा सन्नाटा, खतरे में अस्तित्व - srinagar latest news

बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा के बीच पड़ने वाले बेड़ू पानी (तीन धारा) का अस्तित्व खतरे में है. यहां अविरल बहने वाली जड़ी-बूटियों की जलधारा सूखने के कगार पर है.

srinagar-garhwal
तीन धारा पर सन्नाटा
author img

By

Published : Dec 11, 2020, 6:07 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 8:08 PM IST

श्रीनगर गढ़वालः अगर आप बदरीनाथ-केदारनाथ आये होंगे तो तीनधारा में जरूर रुके होंगे. यहां पर मिलने वाले पराठे, मैगी से लेकर चाय-बिस्कुट जरूर खाये होंगे. चारधाम यात्रा के दौरान यहां रौनक काफी बढ़ जाती है. वैसे इस जगह को लोग आमतौर पर तीन धारा के नाम से जानते हैं, लेकिन सही नाम बेड़ू पानी है, जो समय के साथ-साथ तीन धारा के नाम से जाना जाने लगा. तीन स्त्रोतों के बीच बसा तीन धारा अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. कभी यहां पानी की मोटी धारा बहा करती थी. लेकिन आज जलस्तर बेहद कम हो गया है. स्थानीय लोग इसके पीछे की वजह ऑल वेदर रोड को मानते हैं.

तीन धारा का अस्तित्व खतरे में.

तीन धाराओं के बीच बसा बेड़ू पानी धीरे-धीरे तीन धारा से जाना जाने लगा. ऐसा माना जाता है कि इन तीन धाराओं में पहाड़ी जड़ी-बूटियां का स्वाद और महक रहती है. इसी विशेषता के चलते यहां का पानी लेने के लिए देश-विदेश तक के लोग लालायित रहते हैं. यहां का पानी स्वास्थ्य लाभ के लिए बेहद गुणकारी है.

लेकिन ऑल वेदर रोड कटिंग कार्य के चलते तीनों स्रोतों का काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जल धारा बेहद कम हो गई है. जिसने स्थानीय लोगों को परेशानी में डाल दिया है. लोगों का कहना है कि पहले इन स्रोतों से पानी की कभी न रुकने वाली धारा बहा करती थी. लेकिन ये जलधारा अब सूखने के कगार पर हैं. इन स्त्रोतों पर अब लोग भी नहीं रुका करते हैं. इससे यहां के स्थानीय कारोबारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.

पढ़ेंः अब आपको आत्मनिर्भर भी बनाएगा मनरेगा, स्वरोजगार के लिए भी मिलेगी मदद

1986 से तीन धारा में दुकान चला रहे 70 वर्षीय प्रेम सिंह रावत ने ईटीवी भारत को बताया कि इन तीन स्रोतों का बहुत बड़ा महत्व था. इन तीन स्रोतों के कारण ही इस जगह को तीन धारा कहा गया. लोग दूर-दराज से यहां आकर इन धारों का पानी पिया करते और पानी अपने साथ ले जाया करते थे.

वे कहते हैं कि इन तीनों स्रोतों में पहाड़ की जड़ी-बूटियां घुलकर आती थीं. इसलिये इसे औषधीय गुण वाला पानी कहा जाता था. ऑल वेदर रोड निर्माण के बाद तीनों धारे सूखने लगी हैं. पानी की धार अब इतनी पतली हो गई है कि अगर जल्द इनका संरक्षण नहीं किया तो ये सूख जाएंगी.

प्रेम सिंह रावत कहते हैं कि इस बारे में वे कई बार प्रशासन से शिकायत भी कर चुके हैं. लेकिन हुआ कुछ भी नहीं. वहीं, युवा व्यापारी धीरज सिंह बताते हैं कि रोड कटिंग से फायदा तो नहीं हुआ लेकिन अब यहां लोग नहीं रुक रहे हैं. इससे उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है. अब तो घर-परिवार पालने में भी दिक्कत आ रही है.

श्रीनगर गढ़वालः अगर आप बदरीनाथ-केदारनाथ आये होंगे तो तीनधारा में जरूर रुके होंगे. यहां पर मिलने वाले पराठे, मैगी से लेकर चाय-बिस्कुट जरूर खाये होंगे. चारधाम यात्रा के दौरान यहां रौनक काफी बढ़ जाती है. वैसे इस जगह को लोग आमतौर पर तीन धारा के नाम से जानते हैं, लेकिन सही नाम बेड़ू पानी है, जो समय के साथ-साथ तीन धारा के नाम से जाना जाने लगा. तीन स्त्रोतों के बीच बसा तीन धारा अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. कभी यहां पानी की मोटी धारा बहा करती थी. लेकिन आज जलस्तर बेहद कम हो गया है. स्थानीय लोग इसके पीछे की वजह ऑल वेदर रोड को मानते हैं.

तीन धारा का अस्तित्व खतरे में.

तीन धाराओं के बीच बसा बेड़ू पानी धीरे-धीरे तीन धारा से जाना जाने लगा. ऐसा माना जाता है कि इन तीन धाराओं में पहाड़ी जड़ी-बूटियां का स्वाद और महक रहती है. इसी विशेषता के चलते यहां का पानी लेने के लिए देश-विदेश तक के लोग लालायित रहते हैं. यहां का पानी स्वास्थ्य लाभ के लिए बेहद गुणकारी है.

लेकिन ऑल वेदर रोड कटिंग कार्य के चलते तीनों स्रोतों का काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जल धारा बेहद कम हो गई है. जिसने स्थानीय लोगों को परेशानी में डाल दिया है. लोगों का कहना है कि पहले इन स्रोतों से पानी की कभी न रुकने वाली धारा बहा करती थी. लेकिन ये जलधारा अब सूखने के कगार पर हैं. इन स्त्रोतों पर अब लोग भी नहीं रुका करते हैं. इससे यहां के स्थानीय कारोबारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.

पढ़ेंः अब आपको आत्मनिर्भर भी बनाएगा मनरेगा, स्वरोजगार के लिए भी मिलेगी मदद

1986 से तीन धारा में दुकान चला रहे 70 वर्षीय प्रेम सिंह रावत ने ईटीवी भारत को बताया कि इन तीन स्रोतों का बहुत बड़ा महत्व था. इन तीन स्रोतों के कारण ही इस जगह को तीन धारा कहा गया. लोग दूर-दराज से यहां आकर इन धारों का पानी पिया करते और पानी अपने साथ ले जाया करते थे.

वे कहते हैं कि इन तीनों स्रोतों में पहाड़ की जड़ी-बूटियां घुलकर आती थीं. इसलिये इसे औषधीय गुण वाला पानी कहा जाता था. ऑल वेदर रोड निर्माण के बाद तीनों धारे सूखने लगी हैं. पानी की धार अब इतनी पतली हो गई है कि अगर जल्द इनका संरक्षण नहीं किया तो ये सूख जाएंगी.

प्रेम सिंह रावत कहते हैं कि इस बारे में वे कई बार प्रशासन से शिकायत भी कर चुके हैं. लेकिन हुआ कुछ भी नहीं. वहीं, युवा व्यापारी धीरज सिंह बताते हैं कि रोड कटिंग से फायदा तो नहीं हुआ लेकिन अब यहां लोग नहीं रुक रहे हैं. इससे उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है. अब तो घर-परिवार पालने में भी दिक्कत आ रही है.

Last Updated : Dec 11, 2020, 8:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.