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वन दरोगा की भर्ती पर लगी रोक पर बोले हरक सिंह- बेरोजगार युवाओं के हित में होगा निर्णय - पौड़ी न्यूज

नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की उस विज्ञप्ति पर रोक लगा दी है, जिसमें वन दरोगा के 300 से ज्यादा पदों पर भर्ती होनी थी. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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Published : Jan 12, 2020, 11:58 AM IST

श्रीनगर: नैनीताल हाई कोर्ट ने वन दरोगा के 300 से ज्यादा पदों में भर्ती के लिये 18 दिसंबर 2019 को जारी विज्ञप्ति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से जबाव दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट के शीतकालीन अवकाश के बाद होगी.

उत्तराखंड वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत.

श्रीनगर पहुंचे वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि पूर्व में फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती में भी कुछ दिक्कतें थी. इसमें योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान और आयु सीमा 24 साल थी. तब सरकार ने अध्याचन वापस लेकर इसमें बदलाव किया था. बेरोजगारों की मांग को देखते हुए गार्ड की योग्यता को विज्ञान की बजाय सामान्य इंटरमीडिएट और आयु सीमा 28 साल कर दी.

पढ़ें- ब्रिटिशकाल से सेना के प्रतीक चिन्ह बना रहा ये परिवार, सद्दाम हुसैन भी थे मुरीद

बता दें कि वन दारोगा की लगभग 300 पदों पर भर्ती होनी है. इसके लिए आयोग को अध्याचन भेजा जा चुका है. इसमें भी बेरोजगारों की मांग है शैक्षिक योग्यता को विज्ञान के बजाय सामान्य और आयु सीमा 28 की बजाय 35 साल की जाए. इस पर वन मंत्री का कहना है कि इस निर्णय की समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अध्याचन वापस भी लिया जा सकता है. निश्चिंत रहें कर्मियों की आवश्यकता और बेरोजगारों की मांग पर न्यायोचित निर्णय लिया जाएगा.

श्रीनगर: नैनीताल हाई कोर्ट ने वन दरोगा के 300 से ज्यादा पदों में भर्ती के लिये 18 दिसंबर 2019 को जारी विज्ञप्ति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से जबाव दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट के शीतकालीन अवकाश के बाद होगी.

उत्तराखंड वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत.

श्रीनगर पहुंचे वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि पूर्व में फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती में भी कुछ दिक्कतें थी. इसमें योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान और आयु सीमा 24 साल थी. तब सरकार ने अध्याचन वापस लेकर इसमें बदलाव किया था. बेरोजगारों की मांग को देखते हुए गार्ड की योग्यता को विज्ञान की बजाय सामान्य इंटरमीडिएट और आयु सीमा 28 साल कर दी.

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बता दें कि वन दारोगा की लगभग 300 पदों पर भर्ती होनी है. इसके लिए आयोग को अध्याचन भेजा जा चुका है. इसमें भी बेरोजगारों की मांग है शैक्षिक योग्यता को विज्ञान के बजाय सामान्य और आयु सीमा 28 की बजाय 35 साल की जाए. इस पर वन मंत्री का कहना है कि इस निर्णय की समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अध्याचन वापस भी लिया जा सकता है. निश्चिंत रहें कर्मियों की आवश्यकता और बेरोजगारों की मांग पर न्यायोचित निर्णय लिया जाएगा.

Intro:वन दारोगाओं की शैक्षिक योग्यता और आयु सीमा पर लेंगे न्यायोचित निर्णय

प्रदेश के वन मंत्री डा. हरक सिहं रावत बोले

श्रीनगर। प्रदेश के वन मंत्री डा. हरक सिहं रावत का कहना है कि वन दारोगों की नियुक्ति मामले में विधिक राय लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से उचित कदम उठाएगी।
Body:श्रीनगर पहुचे वन मंत्री से पत्रकारों ने वन दारोगाओं की भर्ती में हाईकोर्ट की ओर से रोक लगाने पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी। जिस पर मंत्री ने कहा कि पूर्व में फारेस्ट गार्ड की भर्ती में भी कुछ दिक्कतें थी। इसमें योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान और आयु सीमा २४ साल थी। तब मैंने अध्याचन वापस लेकर इसमें बदलाव किया। बेरोजगारों की मांग को देखते हुए गार्ड की योग्यता को विज्ञान के बजाय सामान्य इंटरमीडिएट और आयु सीमा २८ साल कर दी।

Conclusion:उन्होंने कहा कि अब वन दारोगा के लगभग ३०० पदों पर भर्ती होनी है। इसके लिए आयोग को अध्याचन भेजा था। इसमें भी बेरोजगारों की मांग है शैक्षिक योग्यता को विज्ञान के बजाय सामान्य और आयु सीमा २८ के बजाय ३२ साल की जाए। इसी प्रकरण में न्यायालय का निर्णय आया है। इस निर्णय की समीक्षा की जाएगी। आवश्यकता पड़ी, तो अध्याचन वापस ले सकते हैं। कर्मियों की आवश्यकता और बेरोजगारों की मांग पर न्यायोचित निर्णय लिया जाएगा
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