पौड़ी: जिला चिकित्सालय में बहुप्रतीक्षित आईसीयू बनकर तैयार हो गया है. आगामी 5 अगस्त से मरीजों के इलाज के आईसीयू का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. ऐसे में अब पौड़ी और आसपास के गांव से आने वाले मरीजों को आईसीयू के लिए दर-दर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी.
बता दें कि पौड़ी जिला चिकित्सालय में आईसीयू सुविधा न होने के चलते मरीजों को श्रीनगर या ऋषिकेश रेफर कर दिया जाता था. अब अस्पताल में आईसीयू बनने से दूर दराज के आने वाले मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा. जिला अस्पताल को आईसीयू की सौगात हंस फाउंडेशन की ओर से दी गई है.
पौड़ी में तैयार हुआ अत्याधुनिक मशीनों से लैस ICU, मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज - मरीजों के इलाज
जिला चिकित्सालय में बहुप्रतीक्षित आईसीयू बनकर तैयार हो गया है. आगामी 5 अगस्त से मरीजों के इलाज के आईसीयू का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.
पौड़ी: जिला चिकित्सालय में बहुप्रतीक्षित आईसीयू बनकर तैयार हो गया है. आगामी 5 अगस्त से मरीजों के इलाज के आईसीयू का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. ऐसे में अब पौड़ी और आसपास के गांव से आने वाले मरीजों को आईसीयू के लिए दर-दर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी.
बता दें कि पौड़ी जिला चिकित्सालय में आईसीयू सुविधा न होने के चलते मरीजों को श्रीनगर या ऋषिकेश रेफर कर दिया जाता था. अब अस्पताल में आईसीयू बनने से दूर दराज के आने वाले मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा. जिला अस्पताल को आईसीयू की सौगात हंस फाउंडेशन की ओर से दी गई है.
Body:जिला चिकित्सालय पौड़ी में बना आईसीयू आधुनिक मशीनों से मरीजों को बेहतर उपचार दिया जाएगा। जिला अस्पताल में 4 बेड वाले आईसीयू का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और 5 अगस्त को इसकी शुरुआत की जाएगी। इन दिनों ज़िला अस्पताल के आईसीयू के सफल संचालन के लिए डॉक्टर,नर्स,फार्मासिस्ट और टेक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं यह प्रशिक्षण 3 अगस्त तक दिया जाएगा।
Conclusion:आईसीयू के प्रशिक्षण देने मुंबई से आये जीआर मौर्य ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज पर मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए इस आईसीयू का निर्माण किया गया है उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर नर्स और टेक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वह आने वाले समय में मरीजों को बेहतर उपचार दे सकें। कहा कि आगामी 3 अगस्त तक सभी को इसका प्रशिक्षण दिया जाना है ताकि इस आईसीयू को सही तरीके से संचालित किया जा सके और यहां आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके।
बाईट-जीआर मौर्य(प्रशिक्षक)