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भू कानून और मूल निवास की मांग को सांसद तीरथ सिंह रावत का समर्थन, इसी के लिए हुआ था राज्य आंदोलन

Tirath Rawat's support to land law and original residence In Uttarakhand इन दिनों पूरे प्रदेश में भू कानून ओर मूल निवास कानून को लेकर जनता सड़कों पर है. पूरे प्रदेश में इन दोनों कानूनों को बदलने की मांग उठ रही है. इस आंदोलन को पूर्व मुख्यमंत्री और गढ़वाल लोकसभा सीट के सांसद ने अपना समर्थन दिया है.

original residence In Uttarakhand
तीरथ रावत का बयान
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 6, 2024, 1:50 PM IST

Updated : Jan 6, 2024, 2:40 PM IST

मूल निवास की मांग को सांसद तीरथ सिंह रावत का समर्थन

श्रीनगर: पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकारें जनता की इस मांग को टालती रही हैं. जबकि इन्हीं मांगों के लिए अलग उत्तराखंड राज्य की मांग की गई थी. पहाड़ की जवानी पहाड़ में ही रोजगार करे, इसके लिए राज्य आंदोलनकारियों ने आंदोलन किया था. लेकिन राज्य की सरकारें जनता की आवाज़ को भांपने में असमर्थ रहीं. जिसका नतीजा है कि आज युवा सड़कों पर आंदोलन करके भू कानून और मूल निवास की मांग कर रहे हैं.

बीजेपी सरकार मांग पूरी करेगी- तीरथ: उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दोनों मुद्दों पर कमेटी का गठन किया है है. जिसके परिणाम सकारात्मक होंगे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने राज्य का गठन किया था. प्रदेश सरकार जनता की आवाज़ सुनेगी. मूल निवास और भू कानून को लेकर उचित फैसला लिया जाएगा. जनता की मांग जायज है. पूर्व में राज्य आंदोलन की अवधारणा यही रही है. राज्य के लोगों, युवाओं को रोजगार के लिए भटकने नहीं दिया जाएगा. जिन लोगों ने राज्य आंदोलन के दौरान लाठी डंडे खाए उन्हें नहीं भुलाया जाएगा. दुर्भाग्य है कि राज्य आंदोलनकारियों के सपने अब भी अधूरे हैं, लेकिन भाजपा की सरकार उन सभी कार्यों को पूरा करेगी.

उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन को तोड़ने के लिए बहुत से राजनीतिक दलों ने प्रयास किये थे. लेकिन आंदोलन की महत्ता को समझते हुए तत्कालीन केंद्र सरकार ने राज्य का गठन किया था. उन्होंने किसी राजनीतिक दल का नाम ना लेते हुए कहा कि ऐसे राजनीतिक दल भी हैं, जिन्होंने जघन्य अपराध करते हुए राज्य आंदोलन को दबाने की कोशिश की थी, लेकिन राज्य बना. जनता की मांग है मूल निवास और भू कानून की तो जनता के फैसले को देखते हुए ही स्टेट गवर्नमेंट ने कमेटी का गठन किया है. राज्य के नौजवानों को सरकारी दफ़्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे. सरकार जल्द कोई फैसला लेगी.
ये भी पढ़ें: सख्त भू-कानून की मांग को लेकर उत्तराखंड में घमासान, सीएम धामी ने लिया बड़ा फैसला, शुरू हुई सियासत

मूल निवास की मांग को सांसद तीरथ सिंह रावत का समर्थन

श्रीनगर: पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकारें जनता की इस मांग को टालती रही हैं. जबकि इन्हीं मांगों के लिए अलग उत्तराखंड राज्य की मांग की गई थी. पहाड़ की जवानी पहाड़ में ही रोजगार करे, इसके लिए राज्य आंदोलनकारियों ने आंदोलन किया था. लेकिन राज्य की सरकारें जनता की आवाज़ को भांपने में असमर्थ रहीं. जिसका नतीजा है कि आज युवा सड़कों पर आंदोलन करके भू कानून और मूल निवास की मांग कर रहे हैं.

बीजेपी सरकार मांग पूरी करेगी- तीरथ: उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दोनों मुद्दों पर कमेटी का गठन किया है है. जिसके परिणाम सकारात्मक होंगे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने राज्य का गठन किया था. प्रदेश सरकार जनता की आवाज़ सुनेगी. मूल निवास और भू कानून को लेकर उचित फैसला लिया जाएगा. जनता की मांग जायज है. पूर्व में राज्य आंदोलन की अवधारणा यही रही है. राज्य के लोगों, युवाओं को रोजगार के लिए भटकने नहीं दिया जाएगा. जिन लोगों ने राज्य आंदोलन के दौरान लाठी डंडे खाए उन्हें नहीं भुलाया जाएगा. दुर्भाग्य है कि राज्य आंदोलनकारियों के सपने अब भी अधूरे हैं, लेकिन भाजपा की सरकार उन सभी कार्यों को पूरा करेगी.

उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन को तोड़ने के लिए बहुत से राजनीतिक दलों ने प्रयास किये थे. लेकिन आंदोलन की महत्ता को समझते हुए तत्कालीन केंद्र सरकार ने राज्य का गठन किया था. उन्होंने किसी राजनीतिक दल का नाम ना लेते हुए कहा कि ऐसे राजनीतिक दल भी हैं, जिन्होंने जघन्य अपराध करते हुए राज्य आंदोलन को दबाने की कोशिश की थी, लेकिन राज्य बना. जनता की मांग है मूल निवास और भू कानून की तो जनता के फैसले को देखते हुए ही स्टेट गवर्नमेंट ने कमेटी का गठन किया है. राज्य के नौजवानों को सरकारी दफ़्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे. सरकार जल्द कोई फैसला लेगी.
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Last Updated : Jan 6, 2024, 2:40 PM IST
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