श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड और महाराजा रणजीत सिंह पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय बठिंडा पंजाब के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस एमओयू पर एनआईटी के निदेशक प्रो ललित कुमार अवस्थी और डॉ. हरिहरन मुथुसामी, डीन (रिसर्च एंड कंसल्टेंसी) तथा एमआरएसपीटीयू के वाइस चांसलर प्रो बूटा सिंह सिद्धू, डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. कवलजीत सिंह संधू ने हस्ताक्षर किए. एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया. जिसमें बताया गया की इस द्विपक्षीय समझौते में छात्रों और संकाय सदस्यों को अकादमिक और अनुसंधान का लाभ मिलेगा.
एनआईटी निदेशक प्रो अवस्थी ने कहा यह संयुक्त सहयोग एनआईटी और एमआरएसपीटीयू दोनों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा. जिसमें दोनों संस्थानों के छात्रों और संकाय सदस्यों को एक दूसरे के संस्थान में कम अवधि के लिए जाने का अवसर मिल सकेगा. साथ ही इस एमओयू के तहत छात्रों को दोनों संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों और विशेषज्ञता का भी लाभ मिलेगा. छात्रों को बहु-विषयक और अंतःविषय शिक्षा की पेशकश एनईपी 2020 के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है. ऐसे में विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग और साझेदारी एनईपी 2020 के कार्यान्वयन की सफलता की कुंजी साबित हो सकती है.
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इस एमओयू में आपसी हितों/बहु-विषयक क्षेत्रों में शोधार्थियों का संयुक्त पर्यवेक्षण, शैक्षणिक सम्मेलनों, कार्यशालाओं और संगोष्ठियों आदि का संयुक्त संगठन के साथ-साथ अकादमिक सूचनाओं, विद्वानों की जानकारी, सामग्री और प्रकाशनों का आदान-प्रदान भी शामिल है.
कुलपति प्रो बूटा सिंह सिद्धू ने कहा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), उत्तराखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रहा है. वहां पर अध्ययन और शोध कार्य के लिए एक मजबूत और अनुकूल वातावरण और प्रणाली है. ऐसे में दोनों संस्थानों का एक साथ आना उन छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए नए आयाम और अवसर प्रदान करेगा जो बहुविषयक अध्ययन और शोध में रूचि रखते हैं.