ETV Bharat / state

पौड़ी: रिवर्स पलायन के दावे खोखले, ग्रामीणों को नसीब नहीं एक अदद सड़क

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस मनाने जा रही है. वहीं, राज्य गठन के बाद से ही पहाड़ों से पलायन बदस्तूर जारी है. वहीं, राज्य सरकार रिवर्स पलायन को लेकर अबतक कोई रोडमैप तैयार नहीं कर पाई है. वहीं, लोग गांवों में भी रह रहे हैं, उन्हें आजतक मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है.

author img

By

Published : Nov 6, 2019, 7:01 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 9:29 PM IST

रिवर्स पलायन के दावे खोखले

पौड़ीः कुछ दिनों बाद ही उत्तराखंड अपना 19वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है. बावजूद इसके नगर पालिका पौड़ी क्षेत्र अंतर्गत एक ऐसा गांव है, जो विकास के कोसो दूर है. यहां राज्य स्थापना के बाद भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा है. आलम ये है कि गांव को एक अदद सड़क तक नसीब नहीं है.

रिवर्स पलायन के दावे खोखले.

राज्य सरकार कुछ दिनों बाद ही उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस मनाने जा रही है. वहीं, राज्य गठन के बाद से ही पहाड़ों से पलायन बदस्तूर जारी है. वहीं, राज्य सरकार रिवर्स पलायन को लेकर अबतक कोई रोडमैप तैयार नहीं कर पाई है. वहीं, लोग गांवों में भी रह रहे हैं, उन्हें आजतक मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है. ऐसे में नगड़ी- जुगनी के बाशिदें एक अदद सड़क के लिए मुंह बाहे खड़े हैं.

ये भी पढ़ेंःसंपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले PCS अधिकारियों पर सरकार सख्त, 85 को थमाया नोटिस

बता दें कि पौड़ी शहर के नजदीक नगड़ी- जुगनी गांव मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आज भूतहा होने की कगार पर है. वहीं, रिवर्स पलायन की बात कर रही सरकार आजतक इस गांव में एक सड़क तक नहीं पहुंचा पाई है. ऐसे में रिवर्स पलायन को लेकर सरकार के सारे दावे महज हवाई साबित हो रहे हैं.

इस गांव में पहुंचने के लिए ग्रामीणों को 3 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने के चलते कभी किसी की तबीयत बिगड़ने पर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. गांव में सड़क,बजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग धीरे-धीरे शहरों का रुख कर रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ना होने की वजह से बच्चों को स्कूल भी कच्चे रास्ते से होकर जाना पड़ता है. वहीं, जनप्रतिनिधि चुनाव में वोट पाने के लिए बड़े-बड़े वादे तो कर जाते हैं. लेकिन जीतने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा. यही कारण है कि गांव में सुविधाओं के अभाव के कारण यहां महज 15 परिवार ही रह गए है.

पौड़ीः कुछ दिनों बाद ही उत्तराखंड अपना 19वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है. बावजूद इसके नगर पालिका पौड़ी क्षेत्र अंतर्गत एक ऐसा गांव है, जो विकास के कोसो दूर है. यहां राज्य स्थापना के बाद भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा है. आलम ये है कि गांव को एक अदद सड़क तक नसीब नहीं है.

रिवर्स पलायन के दावे खोखले.

राज्य सरकार कुछ दिनों बाद ही उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस मनाने जा रही है. वहीं, राज्य गठन के बाद से ही पहाड़ों से पलायन बदस्तूर जारी है. वहीं, राज्य सरकार रिवर्स पलायन को लेकर अबतक कोई रोडमैप तैयार नहीं कर पाई है. वहीं, लोग गांवों में भी रह रहे हैं, उन्हें आजतक मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है. ऐसे में नगड़ी- जुगनी के बाशिदें एक अदद सड़क के लिए मुंह बाहे खड़े हैं.

ये भी पढ़ेंःसंपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले PCS अधिकारियों पर सरकार सख्त, 85 को थमाया नोटिस

बता दें कि पौड़ी शहर के नजदीक नगड़ी- जुगनी गांव मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आज भूतहा होने की कगार पर है. वहीं, रिवर्स पलायन की बात कर रही सरकार आजतक इस गांव में एक सड़क तक नहीं पहुंचा पाई है. ऐसे में रिवर्स पलायन को लेकर सरकार के सारे दावे महज हवाई साबित हो रहे हैं.

इस गांव में पहुंचने के लिए ग्रामीणों को 3 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने के चलते कभी किसी की तबीयत बिगड़ने पर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. गांव में सड़क,बजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग धीरे-धीरे शहरों का रुख कर रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ना होने की वजह से बच्चों को स्कूल भी कच्चे रास्ते से होकर जाना पड़ता है. वहीं, जनप्रतिनिधि चुनाव में वोट पाने के लिए बड़े-बड़े वादे तो कर जाते हैं. लेकिन जीतने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा. यही कारण है कि गांव में सुविधाओं के अभाव के कारण यहां महज 15 परिवार ही रह गए है.

Intro:नगर पालिका पौड़ी क्षेत्र के अंतर्गत ऐसा अनोखा गांव है जहां नगरपालिका की एक भी सुविधा आज तक गांव में नहीं पहुंच पाई है सड़क से करीब 3 किलोमीटर दूर गांव जहां नगर पालिका की ओर से ना ही बिजली दी गई और ना ही आज तक यहां रास्ते पक्के हो पाए है। बिजली ग्रामीण उपयोग कर रहे हैं उनकी व्यक्तिगत लगाई गई है ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें एहसास ही नहीं होता नगर पालिका क्षेत्र में आते हैं। गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं है जिससे जंगलों के बीच से होकर गांव तक जाना होता है जिससे जंगली जानवरों की दहशत के साथ आवाजाही करनी होती है।Body:उत्तराखंड राज्य बने 18 साल पूरे होने को है और आज जहां प्रदेश सरकार रिवर्स पलायन की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर जो लोग गांव में रहना भी चाहते हैं उन्हें पक्के रास्ते बिजली व पानी की सुविधा तक मुहैया नहीं करवाई जा रही है तो ऐसे में कैसे रिवर्स पलायन की बात कामयाब हो सकती हैपौड़ी शहर के समीप का गांव "नगड़ी- जुगनी" जो मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण आज पलायान की कगार पर आ गया है। जहां राज्य सरकार की ओर से हर गांव को सड़क से जोड़ने व सारी मूलभूत सुविधाएं देने की बात कही जा रही है तो वही यह गांव प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों से अलग थलक नजर आ रहा है। गांव में पहुंचने के लिए ग्रामीणों को 3 किलोमीटर का कच्चा रास्ता पैदल ही तय करना होता है कभी देर रात किसी बुजुर्ग या गर्भवती महिला की तबीयत खराब हो जाती है तो ग्रामीणों को मरीज को सड़क तक पहुंचाना चुनौती के समान हो जाता है। सड़क,बजली,पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण अब गांव से पलायन करने की और अपना विचार करने लगे हैं।Conclusion:ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ना होने की वजह से बच्चों को स्कूल भी कच्चे रास्ते होते हुए जाना पड़ता है, जबकि बुजुर्ग व्यक्तियों की तबीयत खराब हो जाने जंगल का रास्ता तय करते हुए बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक उपचार के लिए पहुंचाया जाता है कहा कि चुनाव के वक्त तो जनप्रतिनिधियों की ओर से वादे तो किए जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि आज तक उनकी सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा है, यही कारण है कि यहाँ कब 15 परिवार ही रह गए है।
बाइट-सलोनी बिष्ट(बालिका)
बाइट-सतेश्वरी देवी(बुजुर्ग महिला)
बाइट-रजनी बिष्ट(युवा)
बाइट-माखी देवी(बुजुर्ग)
Last Updated : Nov 6, 2019, 9:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.