कोटद्वारः सतीचौड क्षेत्र में बहने वाले ग्वालगढ़ नाले में रिवर ट्रेनिंग नीति के नियमों को ताक पर रखकर पट्टे धारकों ने नाले की गहरी खुदाई कर डाली है. जिस पर प्रशासन ने पैमाइश कर नियमों के विपरीत चुगान पर लाखों रुपये का जुर्माना लगा दिया है.
दरअसल, जून महीने में कोटद्वार के ग्वालगढ़ नाले में रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनेलाइज का कार्य किया गया था. चैनलाइज का मुख्य उद्देश्य बरसात के मौसम में बाढ़ जैसी स्थिति से बचाना था. जहां प्रशासन ने रिवर ट्रेनिंग नीति के नियमों के तहत 3 मीटर तक नाले की सफाई की अनुमति पट्टे धारकों को दी थी, लेकिन पट्टे धारकों ने रिवर ट्रेनिंग नीति के नियम को ताक में रखकर नाले की सफाई कर डाली.
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बीते 28 जून को प्रशासन ने कोटद्वार क्षेत्र में बहने वाली नदियों में हो रहे रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनलाइज के कार्य का निरीक्षण किया था. तब प्रशासन ने इस नाले का भी निरीक्षण किया. जहां जांच में पाया गया कि खनन कारियों ने पूरी नाली को खोद दिया है. जिस प्रशासन ने मानकों से इतर खनन होने पर पट्टे धारक के खिलाफ जुर्माने की संस्तुति के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है. वहीं, जिलाधिकारी से संस्तुति मिलने के बाद पटे धारक से जुर्माना वसूला जाएगा.
वहीं, उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा का कहना है कि रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनेलाइज के कार्य में शासन ने कुछ पट्टा धारकों का समय बढ़ा दिया गया है. इसके तहत हो रहे चैनलाइज कार्य का जब निरीक्षण किया गया तो खासतौर पर ग्वालगढ़ नाले में कुछ अनियमितताएं पाई गई. नाले में मानकों से ज्यादा निकासी भी की गई. जिस पर अनुज्ञाधारक के खिलाफ खनन नियमावली के तहत जुर्माना तय किया जाएगा.