ETV Bharat / state

लैंसडाउन वन प्रभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कसी कमर , QRT टीम का किया गठन - वन्यजीवों की सुरक्षा की तैयारी पूरी

लैंसडाउन वन प्रभाग ने मॉनसून सत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी कर ली हैं. प्रभाग ने हर रेंज में QRT का गठन किया है जो हर सप्ताह अपने रेंज में गश्त कर रिपोर्ट डीएफओ को प्रेषित करेगी.

lansdowne forest division
QRT का गठन
author img

By

Published : Jul 1, 2021, 11:18 AM IST

कोटद्वार: लैंसडाउन वन प्रभाग एक संवेदनशील वन प्रभाग है. जिसके पूर्व में कॉर्बेट नेशनल पार्क लगा है, तो पश्चिम में राजाजी नेशनल पार्क से जुड़ा है. इस वन प्रभाग में कई जंगली जानवर रहते हैं. जिससे ये वन प्रभाग संवेदनशील माना जाता है.

बता दें कि, मॉनसून सत्र में जंगलों में झाड़ियां अधिक हो जाती हैं, जिसकी वजह से वन्यजीव तस्कर सक्रिय हो जाते हैं. झाड़ियों के कारण वन्यजीवों पर अधिक खतरा मंडराने लगता है. ऐसे में वन प्रभाग में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रभाग की पांचों रेंज के प्रभारियों के साथ बैठक कर डीएफओ ने हर रेंज में क्यूआरटी (Quick Response Team) का गठन किया है. जो हर सप्ताह जंगल में गश्त करेगी और उसकी रिपोर्ट डीएफओ(Divisional Forest Officer) को प्रेषित करेगी.

वन्यजीवों की सुरक्षा की तैयारी पूरी.

ये भी पढ़ें: शादी सालगिरह में 'तमंचे पे डिस्को' करना पड़ा महंगा, मुकदमा दर्ज

लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ(Divisional Forest Officer) दीपक सिंह ने बताया कि 15 जून के बाद मॉनसून सत्र शुरू हो जाता है. इसके मद्देनजर 15 जून को ही डीएफओ द्वारा सभी रेंज अधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई थी. उस मीटिंग में वन्यजीवों की सुरक्षा एवं बाढ़ से संबंधित सभी विषयों पर बातचीत की गई थी. डीएफओ का कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हर रेंज में एक क्यूआरटी (Quick Response Team) का गठन कर दिया गया है. जो अपने रेंज में हर हफ्ते गश्त करेगी और एक रिपोर्ट डीएफओ कार्यालय को प्रस्तुत करेगी.

ये भी पढ़ें: डूबती नैया को बचाने में जुटा परिवहन निगम, वेतन और खर्चों में करेगा कटौती

बता दें कि, क्यूआरटी मुख्य मानकों के अनुसार टीम को जंगल में क्या दिखा, क्या जंगल के अंदर कोई गैर कानूनी गतिविधि तो नहीं थी, ये सब रिपोर्ट में अंकित कर डीएफओ ऑफिस में देना होगा.

कोटद्वार: लैंसडाउन वन प्रभाग एक संवेदनशील वन प्रभाग है. जिसके पूर्व में कॉर्बेट नेशनल पार्क लगा है, तो पश्चिम में राजाजी नेशनल पार्क से जुड़ा है. इस वन प्रभाग में कई जंगली जानवर रहते हैं. जिससे ये वन प्रभाग संवेदनशील माना जाता है.

बता दें कि, मॉनसून सत्र में जंगलों में झाड़ियां अधिक हो जाती हैं, जिसकी वजह से वन्यजीव तस्कर सक्रिय हो जाते हैं. झाड़ियों के कारण वन्यजीवों पर अधिक खतरा मंडराने लगता है. ऐसे में वन प्रभाग में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रभाग की पांचों रेंज के प्रभारियों के साथ बैठक कर डीएफओ ने हर रेंज में क्यूआरटी (Quick Response Team) का गठन किया है. जो हर सप्ताह जंगल में गश्त करेगी और उसकी रिपोर्ट डीएफओ(Divisional Forest Officer) को प्रेषित करेगी.

वन्यजीवों की सुरक्षा की तैयारी पूरी.

ये भी पढ़ें: शादी सालगिरह में 'तमंचे पे डिस्को' करना पड़ा महंगा, मुकदमा दर्ज

लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ(Divisional Forest Officer) दीपक सिंह ने बताया कि 15 जून के बाद मॉनसून सत्र शुरू हो जाता है. इसके मद्देनजर 15 जून को ही डीएफओ द्वारा सभी रेंज अधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई थी. उस मीटिंग में वन्यजीवों की सुरक्षा एवं बाढ़ से संबंधित सभी विषयों पर बातचीत की गई थी. डीएफओ का कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हर रेंज में एक क्यूआरटी (Quick Response Team) का गठन कर दिया गया है. जो अपने रेंज में हर हफ्ते गश्त करेगी और एक रिपोर्ट डीएफओ कार्यालय को प्रस्तुत करेगी.

ये भी पढ़ें: डूबती नैया को बचाने में जुटा परिवहन निगम, वेतन और खर्चों में करेगा कटौती

बता दें कि, क्यूआरटी मुख्य मानकों के अनुसार टीम को जंगल में क्या दिखा, क्या जंगल के अंदर कोई गैर कानूनी गतिविधि तो नहीं थी, ये सब रिपोर्ट में अंकित कर डीएफओ ऑफिस में देना होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.