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पौड़ी में भूमि का होगा डिजिटलीकरण, जिले ने पूरा किया पीएम स्वामित्व योजना का लक्ष्य - pauri latest news

पौड़ी में भूमि का डिजिटलीकरण होने जा रहा है. डिजिटाइजेशन को लेकर बनाई गई पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत पौड़ी जिले ने तय लक्ष्य को हासिल कर लिया है. शासन की ओर से जिले को 1,184 गांवों का लक्ष्य सौंपा गया था. जिसे प्रशासन ने इस माह पूरा कर लिया है.

Land digitization
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Published : Feb 23, 2022, 12:39 PM IST

Updated : Feb 23, 2022, 1:04 PM IST

पौड़ी: डिजिटाइजेशन के इस दौर में जहां सभी चीजें डिजिटल हो चुकी हैं, वहीं भूमि का डिजिटलीकरण भी होने जा रहा है. आने वाले समय में लोग अपनी जमीन की सीमाओं को ऑनलाइन देख सकेंगे. डिजिटाइजेशन को लेकर बनाई गई पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत पौड़ी जिले ने तय लक्ष्य को हासिल कर लिया है. शासन की ओर से जिले को 1,184 गांवों का लक्ष्य सौंपा गया था. जिसे प्रशासन ने इस माह पूरा कर लिया है. सभी गांवों की मैपिंग तैयार करने के बाद सर्वे ऑफ इंडिया को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.

जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि पौड़ी जनपद को 1,184 गांवों का लक्ष्य सौंपा गया था. जिसे प्रशासन ने पूरा कर लिया है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जनपद के खिर्सू ब्लॉक से ग्वाड़ और मुसौली दो गांव छूटे हुए थे. जिन्हें बीते सप्ताह भ्रमण कर पूरा कर लिया गया है. इन दोनों गांवों में मैपिंग के लिए ड्रोन को दूसरी बार उड़ाया गया. यानी इन गांवों के लिए री-फ्लाइंग की गई. साथ ही पुराने मैप की जगह अब नए मैप को तैयार कर देहरादून सर्वे ऑफ इंडिया भेजा गया है. डीएम ने बताया कि अभी जिन जगहों पर मैपिंग के कार्य में कमी दिखाई दे रही है, वहां भी री-फ्लाइंग की जाएगी.

पौड़ी में भूमि का होगा डिजिटलीकरण.

पढ़ें: डीडीहाट में पोस्टल बैलेट से कथित छेड़छाड़ वाले वायरल वीडियो पर कांग्रेस की मांग, हो उच्च स्तरीय जांच

क्या होंगे फायदे: पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत मैपिंग संबंधी डाटा को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर उम्मीदवारों की सभी समस्याओं की जानकारी का उल्लेख होगा. इस पोर्टल पर ऑनलाइन भूमि से संबंधित सारी जानकारियां भी उपलब्ध रहेंगी. यही नहीं योजना के तहत लाभार्थियों को प्रधानमंत्री स्वामित्व कार्ड भी दिए जाएंगे.

डीएम ने बताया कि इससे जमीन संबंधी मामलों में भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़े में भी अंकुश लगाया जा सकेगा. साथ ही संपत्ति कार्ड मिलने से जमीन पर होने वाले सभी विवाद खत्म होने की संभावना है. यही नहीं जबरन किसी की भूमि पर हक जताने वालों की भी खैर नहीं होगी. अगर किसी की भूमि पर कोई जबरन मालिकाना हक जताता है तो उसका विवरण पहले से ही सरकार के पास मौजूद होगा. पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत लोगों को अब पटवारी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. साथ ही आने वाले समय में काश्तकारों को इस योजना के तहत ऋण की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. यह योजना आधुनिक समय में भूमि का डिजिटल रूप है.

पौड़ी: डिजिटाइजेशन के इस दौर में जहां सभी चीजें डिजिटल हो चुकी हैं, वहीं भूमि का डिजिटलीकरण भी होने जा रहा है. आने वाले समय में लोग अपनी जमीन की सीमाओं को ऑनलाइन देख सकेंगे. डिजिटाइजेशन को लेकर बनाई गई पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत पौड़ी जिले ने तय लक्ष्य को हासिल कर लिया है. शासन की ओर से जिले को 1,184 गांवों का लक्ष्य सौंपा गया था. जिसे प्रशासन ने इस माह पूरा कर लिया है. सभी गांवों की मैपिंग तैयार करने के बाद सर्वे ऑफ इंडिया को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.

जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि पौड़ी जनपद को 1,184 गांवों का लक्ष्य सौंपा गया था. जिसे प्रशासन ने पूरा कर लिया है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जनपद के खिर्सू ब्लॉक से ग्वाड़ और मुसौली दो गांव छूटे हुए थे. जिन्हें बीते सप्ताह भ्रमण कर पूरा कर लिया गया है. इन दोनों गांवों में मैपिंग के लिए ड्रोन को दूसरी बार उड़ाया गया. यानी इन गांवों के लिए री-फ्लाइंग की गई. साथ ही पुराने मैप की जगह अब नए मैप को तैयार कर देहरादून सर्वे ऑफ इंडिया भेजा गया है. डीएम ने बताया कि अभी जिन जगहों पर मैपिंग के कार्य में कमी दिखाई दे रही है, वहां भी री-फ्लाइंग की जाएगी.

पौड़ी में भूमि का होगा डिजिटलीकरण.

पढ़ें: डीडीहाट में पोस्टल बैलेट से कथित छेड़छाड़ वाले वायरल वीडियो पर कांग्रेस की मांग, हो उच्च स्तरीय जांच

क्या होंगे फायदे: पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत मैपिंग संबंधी डाटा को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर उम्मीदवारों की सभी समस्याओं की जानकारी का उल्लेख होगा. इस पोर्टल पर ऑनलाइन भूमि से संबंधित सारी जानकारियां भी उपलब्ध रहेंगी. यही नहीं योजना के तहत लाभार्थियों को प्रधानमंत्री स्वामित्व कार्ड भी दिए जाएंगे.

डीएम ने बताया कि इससे जमीन संबंधी मामलों में भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़े में भी अंकुश लगाया जा सकेगा. साथ ही संपत्ति कार्ड मिलने से जमीन पर होने वाले सभी विवाद खत्म होने की संभावना है. यही नहीं जबरन किसी की भूमि पर हक जताने वालों की भी खैर नहीं होगी. अगर किसी की भूमि पर कोई जबरन मालिकाना हक जताता है तो उसका विवरण पहले से ही सरकार के पास मौजूद होगा. पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत लोगों को अब पटवारी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. साथ ही आने वाले समय में काश्तकारों को इस योजना के तहत ऋण की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. यह योजना आधुनिक समय में भूमि का डिजिटल रूप है.

Last Updated : Feb 23, 2022, 1:04 PM IST
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