कोटद्वार: राज्य बनने के बाद से ही लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के निर्माण की मांग उठती रही है. मगर सालों बाद भी आज तक लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का निर्माण नहीं हो सका. आज भी राज्य के पास गढ़वाल और कुमाऊं मंडल को जोड़ने के लिए अपनी सड़क नहीं है. कुमाऊं मंडल की जनता को राजधानी तक पहुंचने के लिए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की सड़कों का सहारा लेना पड़ता है. अगर लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का निर्माण हो जाता है तो देहरादून और कुमाऊं मंडल की दूरी भी कम हो जाएगा.
अब एक बार फिर से लोक गायक एमएस बरनवाल के गढ़वाली एल्बम 'रोड लालढांग की' के कारण ये मार्ग चर्चा में आ गया है. इस एल्बम में संगीत निर्देशन वीरेंद्र नेगी राही ने दिया है. एल्बम में अभिनय एमएस बरनवाल, विनोद तोमर ने किया, जबकि सह अभिनय अजय पाल, राकेश, माहेश्वरी तोमर, अनुसूया रावत, किरन बरनवाल ने किया है, जबकि इस एल्बम में कैमरा और एडिटिंग गुड्डू निरंकारी के द्वारा की गई है.
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इस एल्बम ने लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग की मौजूदा हालत को सरकार की सामने रखा गया है. सालों से अटके इसके काम को इसमें दिखाया गया है. साथ ही सरकारों को इस मोटर मार्ग के निर्माण के प्रति रवैया दिखाया गया है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस एल्बम में लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग की हालत को देखकर सरकार नींद से जगती है या नहीं.