श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण के 10 साल हो चुके हैं. लेकिन हालात सुधरने की बजाय और भी बिगड़ते जा रहे हैं. अस्पताल में बाल रोग विभाग विशेषज्ञों के कमी के कारण बच्चों का इलाज नहीं हो पा रहा है. ऐसे में स्थानीय लोग इलाज के लिए देहरादून और ऋषिकेश का रुख कर रहे हैं.
निर्माण के बाद से ही राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमराई हुई है. अस्पताल का बाल रोग विभाग डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. जिसके चलते अस्पताल में बीमार बच्चों का इलाज नहीं हो पा रहा है. अस्पताल के बाल रोग विभाग में वैसे तो 11 पद स्वीकृत हैं लेकिन, विभाग मात्र एक ही डॉक्टर के भरोसे चल रहा है.
वहीं, बाल रोग विभाग में एक एसोसिएट प्रोफेसर, दो असिस्टेंट प्रोफेसर, तीन एसआर, चार एनएचएम के पद खाली है. डॉक्टरों की कमी से अस्पताल के निक्कू वार्ड में आईसीयू का भी संचालन नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण बीमार बच्चों को देहरादून और ऋषिकेश रेफर करना पड़ रहा है. जबकि, इस अस्पाल पर चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी जनपद का भार भी है.
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इस मामले में बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. आनंद जैन का कहना है कि वे अकेले अस्पताल का सारा काम नहीं देख सकते हैं, उन्हें मेडिकल कॉलेज के छात्रों को पढ़ाना भी पड़ता है. अगर अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए तो बाल रोग विभाग अच्छे से कार्य करने लगेगा. जब अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट से जानकारी चाही, तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बारे में विभाग को अवगत करवाया गया है.