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फैक्ट्री मालिकों की मनमानी पर सरकार सख्त, मजदूरों का हक मारने वालों पर होगी कार्रवाई - मदद का आश्वासन

कोटद्वार में फैक्ट्री मालिकों की मनमानी की वजह से जमदूरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. परेशान मजदूरों ने श्रम मंत्री से मदद की गुहार लगाई है.

फैक्ट्रियों की मनमानी पर सख्त हुए श्रम मंत्री
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Published : May 11, 2019, 11:39 AM IST

कोटद्वार: सिडकुल के सिगड्डी स्थित फैक्ट्री मालिकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन कोई न कोई फैक्ट्री प्रबंधन मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखा दे रहे हैं. जिससे मजदूर परेशान हैं. परेशान मजदूरों ने श्रम मंत्री से मदद की गुहार लगाई है. श्रम मंत्री ने सभी मजदूरों को मदद का आश्वासन दिया है.

पढे़ं- अग्निशमन विभाग की पड़ताल: 19 सालों में आग की घटनाओं में 4,159 लोगों ने गंवाई जान

फैक्ट्री प्रबंधकों की मनमानी से परेशान श्रमिकों ने श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से मुलाकात की. जिस पर श्रम मंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए श्रम आयुक्त और पर्यावरण अधिकारियों से कहा है कि वो फैक्ट्री प्रबंधन से वार्ता कर समस्या का जल्द से जल्द समधान करें.

हरक सिंह रावत ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए डिप्टी लेबर कमिश्नर मधु नेगी से कहा है कि सिडकुल क्षेत्रीय प्रबंधक नौटियाल और पर्यावरण बोर्ड से बात कर 2 दिन में श्रमिकों की समस्या का हल निकालें. उन्होंने कहा कि जो भी फैक्ट्री श्रमिकों के हक की अनदेखी कर रही है. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

फैक्ट्रियों की मनमानी पर सख्त हुए श्रम मंत्री

क्या है मामला?

सिगड़ी में स्थित फैक्ट्रियों के मालिक मनमानी पर उतारू हैं. फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मजदूरों को 15 दिन के लिए जबरन अवकाश पर भेज दिया जाता है. इन दिनों का उन्हें वेतन भी नहीं दिया जाता है. जिस कारण मजदूरों को मात्र 15 दिन के वेतन से ही गुजारा करना पड़ता है. फैक्ट्री प्रबंधन की मनमानी से मजदूर परेशान हैं.

कोटद्वार: सिडकुल के सिगड्डी स्थित फैक्ट्री मालिकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन कोई न कोई फैक्ट्री प्रबंधन मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखा दे रहे हैं. जिससे मजदूर परेशान हैं. परेशान मजदूरों ने श्रम मंत्री से मदद की गुहार लगाई है. श्रम मंत्री ने सभी मजदूरों को मदद का आश्वासन दिया है.

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फैक्ट्री प्रबंधकों की मनमानी से परेशान श्रमिकों ने श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से मुलाकात की. जिस पर श्रम मंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए श्रम आयुक्त और पर्यावरण अधिकारियों से कहा है कि वो फैक्ट्री प्रबंधन से वार्ता कर समस्या का जल्द से जल्द समधान करें.

हरक सिंह रावत ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए डिप्टी लेबर कमिश्नर मधु नेगी से कहा है कि सिडकुल क्षेत्रीय प्रबंधक नौटियाल और पर्यावरण बोर्ड से बात कर 2 दिन में श्रमिकों की समस्या का हल निकालें. उन्होंने कहा कि जो भी फैक्ट्री श्रमिकों के हक की अनदेखी कर रही है. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

फैक्ट्रियों की मनमानी पर सख्त हुए श्रम मंत्री

क्या है मामला?

सिगड़ी में स्थित फैक्ट्रियों के मालिक मनमानी पर उतारू हैं. फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मजदूरों को 15 दिन के लिए जबरन अवकाश पर भेज दिया जाता है. इन दिनों का उन्हें वेतन भी नहीं दिया जाता है. जिस कारण मजदूरों को मात्र 15 दिन के वेतन से ही गुजारा करना पड़ता है. फैक्ट्री प्रबंधन की मनमानी से मजदूर परेशान हैं.

Intro:एंकर- सिडकुल सिगड्डी में स्थित फैक्ट्रियों के प्रबंधको की दबंगई का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है आए दिन कोई न कोई फैक्ट्री श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखा दे रही है तो कहीं श्रमिक अपनी दैनिक मजदूरी के लिए फैक्ट्रियों के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं सिडकुल सिगद्दि स्थित फेक्ट्री प्रबंधकों की दबंगई से परेशान होकर श्रमिको ने श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत से मिलकर अपनी पीडा सुनाई, जिस पर श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत कड़ा रूख अपनाते हुए श्रम आयुक्त और पर्यावरण अधिकारियों को फैक्ट्री प्रबंधन से वार्ता कर समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया।


Body:वीओ1- सिडकुल सिगड़ी में किसी न किसी फैक्ट्री में रोजाना श्रमिक अपनी दैनिक मजदूरी और अपने अधिकारियों के लिए फैक्ट्रियो के खिलाफ धरना प्रदर्शन व शिकायत कर करते आ रहे है, लेकिन किसी भी तरह से श्रमिकों की किसी ने भी सहायता नहीं की जिससे श्रमिक हताश होकर अब श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत से मुलाकात की और उन्हें अपना दुख दर्द सुनाया, श्रमिको ने फेक्ट्री प्रबंधक पर मनमानी का आरोप लगाते हुए श्रम मंत्री से न्याय दिलाने की मांग की, उन्होंने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा उनको 15 दिन के लिए जबरन अवकाश पर भेज दिया जाता है और इन दिनों का उन्हें वेतन भी नहीं दिया जाता है जिसके कारण मात्र 15 दिन के वेतन से ही गुजारा करना पड़ता है फैक्ट्रियों की मनमानी का विरोध करने पर उन्हें ट्रैक्टर से निकाल दिया जाता है उन्होंने श्रम मंत्री से फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें नियमित रूप से रोजगार दिलाने की मांग की है मामले को गंभीर बताते हुए फोन पर ही श्रम आयुक्त और पर्यावरण अधिकारियों को फैक्ट्री प्रबंधन से वार्ता कर श्रमिकों का समस्या का समाधान करने के निर्देश जारी किए।


Conclusion:वीओ2- वही पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने डिप्टी लेबर कमिश्नर मधु नेगी को तत्काल ही फोन कर कहा कि सिडकुल क्षेत्रीय प्रबंधक नौटियाल और पर्यावरण बोर्ड से बात कर तुरंत ही 2 दिन में कोटद्वार भ्रमण कर फैक्ट्री प्रबंधन से वार्ता कर श्रमिकों की समस्या का हल निकाला जाए उन्होंने कहा कि चाहे रेनबो फैक्ट्री हो या केएमसी फैक्ट्री हो या कोई अन्य फैक्ट्री क्यों ना हो जो श्रमिकों का हक है वह उन्हें मिलना चाहिए जिन फैक्ट्रियों में श्रमिकों को जबरदस्ती निकाला जा रहा हैं जिन फैक्ट्रियों में श्रम कानून की अनदेखी की जा रही है उन में श्रम कानून का कड़ाई से पालन किया जाएगा मंत्री ने कहा कि वैसे हम इंस्पेक्टर राज लागू नहीं करना चाहते लेकिन अगर कोई फैक्ट्री कर्मचारियों का उत्पीड़न श्रमिकों का उत्पीड़न करती है तो उस फैक्ट्री के प्रबंधक के खिलाफ सरकार, पर्यावरण बोर्ड, श्रम मंत्रालय और उद्योग विभाग कड़ी कार्यवाही करेगा इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा हम किसी तरह से भी श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वाले फैक्ट्रीयो को नही बकसेगे।

बाइट डॉ हरक सिंह रावत श्रम मंत्री
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