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सूरत अग्निकांड से कोटद्वार प्रशासन ने नहीं ली सीख, निगम के ऑडिटोरियम में नहीं हैं फायर उपकरण - कोटद्वार

कोटद्वार नगर निगम के ऑडिटोरियम में अबतक फायर उपकरण नहीं लगाये गए हैं. इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रशासन को पत्र लिखकर ऑडिटोरियम को सीज करने की मांग की है.

कोटद्वार नगर निगम.
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Published : Jun 21, 2019, 4:29 PM IST

कोटद्वार: सूरत अग्निकांड के बाद भी कोटद्वार प्रशासन ने नगर निगम के ऑडिटोरियम में फायर उपकरण नहीं लगाये हैं. ऑडिटोरियम को बने 2 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अबतक ऑडिटोरियम में फायर उपकरण नहीं लगाए गये हैं. जबकि ऑडिटोरियम के भू-तल में करीब 12 से ज्यादा व्यावसायिक दुकानें हैं.

इसके अलावा प्रथम तल पर एक विशालकाय मीटिंग हॉल है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग बैठकों में हिस्सा लेते हैं. लेकिन, इस ऑडिटोरियम के मीटिंग हॉल से लेकर भू-तल तक किसी भी प्रकार के फायर उपकरण नहीं लगाए गए हैं. सवाल ये उठता है कि बिना फायर उपकरण लगाए हुए इस बिल्डिंग को अनापत्ति प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त हुआ है.

पढ़ें- स्मैक के खिलाफ लोगों ने खोला मोर्चा, नशेड़ियों को सिखाया सबक, पुलिस बेखबर

स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि ऑडिटोरियम होने के कारण यहां पर काफी लोगों का आना-जाना लगा रहता है. वहीं, गर्मी के सीजन में आग लगने का भी खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि फायर ब्रिगेड अधिकारी को नगर निगम से पत्राचार कर जल्द इस बिल्डिंग पर फायर उपकरण लगवाने और उपकरण न लगने तक इस ऑडिटोरियम को सीज करने की मांग की है.

सूरत अग्निकांड से कोटद्वार प्रशासन ने नहीं ली सीख.

इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी कोटद्वार से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस संबंध में कार्रवाई करने का अधिकार जिलाधिकारी को ही है. उन्होंने कहा फिर भी वो फायर स्टेशन इंचार्ज और नगर निगम से पत्राचार कर मामले को देखेंगे.

पढ़ें- YOGA DAY: पीएम मोदी बोले- योग सबका है, इसे जीवन का हिस्सा बनाना जरूरी

बता दें कि विगत माह में सूरत में एक व्यवसायी बहु मंजिला भवन में हुए अग्निकांड में कई लोगों की जान चली गई थी. लेकिन, उस घटना के बाद भी पौड़ी के कोटद्वार में स्थानीय प्रशासन ने सिख नहीं ली. बदरीनाथ मार्ग पर शहर के बीचों बीच बने भारी भरकम ऑडिटोरियम की बिल्डिंग में फायर उपकरण नहीं लगे हैं. इस ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक विभाग के कार्यक्रम से लेकर जनप्रतिनिधियों की बैठक होती है.

कोटद्वार: सूरत अग्निकांड के बाद भी कोटद्वार प्रशासन ने नगर निगम के ऑडिटोरियम में फायर उपकरण नहीं लगाये हैं. ऑडिटोरियम को बने 2 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अबतक ऑडिटोरियम में फायर उपकरण नहीं लगाए गये हैं. जबकि ऑडिटोरियम के भू-तल में करीब 12 से ज्यादा व्यावसायिक दुकानें हैं.

इसके अलावा प्रथम तल पर एक विशालकाय मीटिंग हॉल है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग बैठकों में हिस्सा लेते हैं. लेकिन, इस ऑडिटोरियम के मीटिंग हॉल से लेकर भू-तल तक किसी भी प्रकार के फायर उपकरण नहीं लगाए गए हैं. सवाल ये उठता है कि बिना फायर उपकरण लगाए हुए इस बिल्डिंग को अनापत्ति प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त हुआ है.

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स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि ऑडिटोरियम होने के कारण यहां पर काफी लोगों का आना-जाना लगा रहता है. वहीं, गर्मी के सीजन में आग लगने का भी खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि फायर ब्रिगेड अधिकारी को नगर निगम से पत्राचार कर जल्द इस बिल्डिंग पर फायर उपकरण लगवाने और उपकरण न लगने तक इस ऑडिटोरियम को सीज करने की मांग की है.

सूरत अग्निकांड से कोटद्वार प्रशासन ने नहीं ली सीख.

इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी कोटद्वार से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस संबंध में कार्रवाई करने का अधिकार जिलाधिकारी को ही है. उन्होंने कहा फिर भी वो फायर स्टेशन इंचार्ज और नगर निगम से पत्राचार कर मामले को देखेंगे.

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बता दें कि विगत माह में सूरत में एक व्यवसायी बहु मंजिला भवन में हुए अग्निकांड में कई लोगों की जान चली गई थी. लेकिन, उस घटना के बाद भी पौड़ी के कोटद्वार में स्थानीय प्रशासन ने सिख नहीं ली. बदरीनाथ मार्ग पर शहर के बीचों बीच बने भारी भरकम ऑडिटोरियम की बिल्डिंग में फायर उपकरण नहीं लगे हैं. इस ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक विभाग के कार्यक्रम से लेकर जनप्रतिनिधियों की बैठक होती है.

Intro:summary- सूरत अग्नि कांड से भी नही ली कोटद्वारा प्रशासन ने सुध , नगर निगम के ऑडिटोरियम में नही लगे है फायर उपकरण, कभी भी हो सकती है कोई बड़ी दुर्घटना। intro- कोटद्वार नगर निगम के ऑडिटोरियम को बने 2 साल से अधिक समय बीत गया है लेकिन आज तक भी ऑडिटोरियम में फायर उपकरण नहीं लगाए गए जबकि ऑडिटोरियम में भू तल पर 2 दर्जन से अधिक व्यावसायिक दुकानें हैं और प्रथम तल पर एक विशालकाय मीटिंग हॉल है जिसमें हजारों की संख्या में लोग बैठकों में हिस्सा लेते हैं, लेकिन इस ऑडिटोरियम के मीटिंग हॉल से लेकर भूतल तक किसी भी प्रकार के फायर उपकरण नहीं लगाए गए हैं सवाल तो यह भी उठता है कि बिना फायर उपकरण लगाए हुए इस बिल्डिंग को अनापत्ति प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त हुआ है


Body:वीओ1- बता दें कि विगत माह में सूरत में एक व्यवसाई बहु मंजिले भवन में हुए अग्निकांड में कई लोगों की जानें गई थी लेकिन उस घटना के बाद भी पौड़ी जिले के कोटद्वार में स्थानीय प्रशासन ने सिख नही ली, आज भी बद्रीनाथ मार्ग पर शहर के बीचों बीच बने भारी भरकम ऑडिटोरियम की बिल्डिंग में फायर उपकरण नहीं लगाए हुए है, इस ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक विभाग के कार्यक्रम से लेकर जनप्रतिनिधियों की बैठक, नगर निगम की बैठेंगे जैसे तमाम कार्यक्रम ऑडिटोरियम की मीटिंग हॉल में होते हैं फायर उपकरण ना लगे होने के कारण कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है लेकिन स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान देने के बजाय चैन की नींद सो रहा है। वीओ2- स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि ऑडिटोरियम होने के कारण यहां पर काफी लोगों का आवागमन रहता है गर्मी के सीजन के चलते ही आग लगने का भय बना रहता है फायर ब्रिगेड अधिकारी को नगर निगम से पत्राचार कर शीघ्र ही इस बिल्डिंग पर फायर उपकरण लगवाने चाहिए जब तक ऑडिटोरियम में फायर उपकरण लगते हैं तब तक इस ऑडिटोरियम को सीज कर देना चाहिए अगर इस ऑडिटोरियम में किसी प्रकार की कोई जान माल की हानि होती है तो उसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी। बाइट महेश नेगी वीओ3 - जब इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी कोटद्वार से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस संबंध में कार्यवाही करने का अधिकार जिलाधिकारी को ही है फिर भी मैं फायर स्टेशन इंचार्ज और नगर निगम से पत्राचार कर फायर उपकरणों के लगे होने की जानकारी करूंगा। बाइट जोधराम जोशी सीओ कोटद्वारा।


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