कोटद्वार: सूरत अग्निकांड के बाद भी कोटद्वार प्रशासन ने नगर निगम के ऑडिटोरियम में फायर उपकरण नहीं लगाये हैं. ऑडिटोरियम को बने 2 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अबतक ऑडिटोरियम में फायर उपकरण नहीं लगाए गये हैं. जबकि ऑडिटोरियम के भू-तल में करीब 12 से ज्यादा व्यावसायिक दुकानें हैं.
इसके अलावा प्रथम तल पर एक विशालकाय मीटिंग हॉल है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग बैठकों में हिस्सा लेते हैं. लेकिन, इस ऑडिटोरियम के मीटिंग हॉल से लेकर भू-तल तक किसी भी प्रकार के फायर उपकरण नहीं लगाए गए हैं. सवाल ये उठता है कि बिना फायर उपकरण लगाए हुए इस बिल्डिंग को अनापत्ति प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त हुआ है.
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स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि ऑडिटोरियम होने के कारण यहां पर काफी लोगों का आना-जाना लगा रहता है. वहीं, गर्मी के सीजन में आग लगने का भी खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि फायर ब्रिगेड अधिकारी को नगर निगम से पत्राचार कर जल्द इस बिल्डिंग पर फायर उपकरण लगवाने और उपकरण न लगने तक इस ऑडिटोरियम को सीज करने की मांग की है.
इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी कोटद्वार से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस संबंध में कार्रवाई करने का अधिकार जिलाधिकारी को ही है. उन्होंने कहा फिर भी वो फायर स्टेशन इंचार्ज और नगर निगम से पत्राचार कर मामले को देखेंगे.
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बता दें कि विगत माह में सूरत में एक व्यवसायी बहु मंजिला भवन में हुए अग्निकांड में कई लोगों की जान चली गई थी. लेकिन, उस घटना के बाद भी पौड़ी के कोटद्वार में स्थानीय प्रशासन ने सिख नहीं ली. बदरीनाथ मार्ग पर शहर के बीचों बीच बने भारी भरकम ऑडिटोरियम की बिल्डिंग में फायर उपकरण नहीं लगे हैं. इस ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक विभाग के कार्यक्रम से लेकर जनप्रतिनिधियों की बैठक होती है.