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श्रीनगर में दो दिवसीय कांडा मेले का आगाज, सैकड़ों की संख्या में पहुंचे भक्त

श्रीनगर में लगने वाला दो दिवसीय कांडा मेले का आगाज हो गया है. ऐसे में मेले के पहले दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है.

Kanda fair
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Published : Nov 5, 2021, 2:01 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 2:12 PM IST

श्रीनगर: क्षेत्र में लगने वाला दो दिवसीय कांडा मेले की शुरुआत हो गई है. कांडा मेले के पहले दिन ही सैकड़ों की तादाद में यहां भक्त पहुंचे हैं. ऐसे में सभी श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते मंदिर में भगवान शिव के दर्शन किए और शिव को मंजुघोष अर्पित किया. हर साल दीपावली के ठीक एक दिन बाद कांडा मेले का आयोजन किया जाता है. इन मेले में दूर-दूर से भक्त जन भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं.

बता दें कि पहले कांडा मेले में बलि दिये जाने की प्रथा थी. जिस पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में अब भक्तों द्वारा श्रीफल, फूल व प्रसाद ही देवी को और मंजुघोष महादेव शिव को चढ़ाया जाता है.

श्रीनगर में दो दिवसीय कांडा मेले का आगाज.

मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां आता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है. एक पुरानी दन्त कथा के अनुसार इस क्षेत्र मे मंजू नाम की कन्या थी जो की तपस्विनी थी. उस कन्या ने इस क्षेत्र मे तपस्या कर भगवान शिव से यहां पर विराजमान होने की मनोकामना मांगी. तभी से इस मंदिर को मंजुघोष कांडा से जाना जाता है.

पढ़ें: गंगोत्री धाम के कपाट बंद, अब 6 माह मुखबा में होंगे मां गंगा के दर्शन

मान्यता यह भी है कि जब आदि गुरु शंकराचार्य केदारनाथ भगवान के पुर्नोत्थान के लिए आए तो उन्होंने इस क्षेत्र को शिव क्षेत्र कहा और ग्रामीणों को यहा भव्य आयोजन करने के आदेश दिए. तब से लेकर आज भी मेले का आयोजन होता आ रहा है. पहले कालान्तर में यहां मेले पर बली प्रथा थी लेकिन बाद में इस प्रथा पर रोक लगा दी गई.

श्रीनगर: क्षेत्र में लगने वाला दो दिवसीय कांडा मेले की शुरुआत हो गई है. कांडा मेले के पहले दिन ही सैकड़ों की तादाद में यहां भक्त पहुंचे हैं. ऐसे में सभी श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते मंदिर में भगवान शिव के दर्शन किए और शिव को मंजुघोष अर्पित किया. हर साल दीपावली के ठीक एक दिन बाद कांडा मेले का आयोजन किया जाता है. इन मेले में दूर-दूर से भक्त जन भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं.

बता दें कि पहले कांडा मेले में बलि दिये जाने की प्रथा थी. जिस पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में अब भक्तों द्वारा श्रीफल, फूल व प्रसाद ही देवी को और मंजुघोष महादेव शिव को चढ़ाया जाता है.

श्रीनगर में दो दिवसीय कांडा मेले का आगाज.

मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां आता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है. एक पुरानी दन्त कथा के अनुसार इस क्षेत्र मे मंजू नाम की कन्या थी जो की तपस्विनी थी. उस कन्या ने इस क्षेत्र मे तपस्या कर भगवान शिव से यहां पर विराजमान होने की मनोकामना मांगी. तभी से इस मंदिर को मंजुघोष कांडा से जाना जाता है.

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मान्यता यह भी है कि जब आदि गुरु शंकराचार्य केदारनाथ भगवान के पुर्नोत्थान के लिए आए तो उन्होंने इस क्षेत्र को शिव क्षेत्र कहा और ग्रामीणों को यहा भव्य आयोजन करने के आदेश दिए. तब से लेकर आज भी मेले का आयोजन होता आ रहा है. पहले कालान्तर में यहां मेले पर बली प्रथा थी लेकिन बाद में इस प्रथा पर रोक लगा दी गई.

Last Updated : Nov 5, 2021, 2:12 PM IST
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