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कोटद्वार के कैफ का नाम गिनीज बुक में दर्ज, पैर से तीन मिनट में खाए 65 अंगूर

कैफ अली खान उम्र मूल रूप से यूपी के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं वर्तमान में वे कोटद्वार में रह रहे हैं. उनकी इस उपलब्धि से पूरा परिवार खुश है.

कैफ के घर पर लगा बधाई देने वालों का तांता.
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Published : May 10, 2019, 10:01 AM IST

Updated : May 10, 2019, 4:23 PM IST

कोटद्वार: कहते हैं दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मंजिल मिल ही जाती है. ये पक्तियां उत्तर-प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले कैफ अली खान पर सटीक बैठती हैं. जिन्होंने पैर से 3 मिनट में 65 अंगूर खाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया है. उनकी इस उपलब्धि से पूरा परिवार खुश है. साथ ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

कैफ ने मेहनत और लगन से किया ये मुकाम हासिल.

कैफ ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि इस रिकॉर्ड को हासिल करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. उन्होंने बताया कि यहां तक पहुंचने में उनके माता और पिता का हाथ है. जिन्होंने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया. वे अपने नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज करना चाहते हैं. जिसके लिए वे काफी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे अब फास्ट टाइपिंग विद नोज बाय की-बोर्ड करने जा रहे हैं. जिसमें नाक से की-बोर्ड में टाइपिंग करनी होती है. जिसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं. कैफ का कहना है कि उनकी ख्वाहिश सबसे ज्यादा रिकॉर्ड दर्ज कराने की है.

बता दें कि कैफ अली खान (19) पुत्र शाहिद खान मूल रूप से यूपी के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं. वर्तमान में वे कोटद्वार में रह रहे हैं. कैफ ने गुरु राम राय पब्लिक स्कूल श्रीनगर से इंटर की पढ़ाई की है. उनके पिता कोटद्वार में ईसीएच में चिकित्सक हैं. कैफ को 6 मई को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से जारी प्रमाण पत्र मिल चुका है.

वहीं,कैफ के पिता शाहिद खान का कहना है कि मुझे भरोसा ही नहीं था कि वह ऐसा कर पाएगा, लेकिन जब उसे प्रमाण पत्र मिला तो तब मुझे भरोसा हुआ. उन्होंने कहा कि कैफ आगे भी अच्छा करेगा ऐसा उनको भरोसा है. वहीं कैफ की मां का कहना है कि बेटे का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने से उन्हें काफी खुशी मिली है. मैंने हमेशा कैफ का साथ दिया और आगे भी उसे प्रेरित करती रहूंगी.

कोटद्वार: कहते हैं दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मंजिल मिल ही जाती है. ये पक्तियां उत्तर-प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले कैफ अली खान पर सटीक बैठती हैं. जिन्होंने पैर से 3 मिनट में 65 अंगूर खाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया है. उनकी इस उपलब्धि से पूरा परिवार खुश है. साथ ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

कैफ ने मेहनत और लगन से किया ये मुकाम हासिल.

कैफ ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि इस रिकॉर्ड को हासिल करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. उन्होंने बताया कि यहां तक पहुंचने में उनके माता और पिता का हाथ है. जिन्होंने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया. वे अपने नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज करना चाहते हैं. जिसके लिए वे काफी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे अब फास्ट टाइपिंग विद नोज बाय की-बोर्ड करने जा रहे हैं. जिसमें नाक से की-बोर्ड में टाइपिंग करनी होती है. जिसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं. कैफ का कहना है कि उनकी ख्वाहिश सबसे ज्यादा रिकॉर्ड दर्ज कराने की है.

बता दें कि कैफ अली खान (19) पुत्र शाहिद खान मूल रूप से यूपी के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं. वर्तमान में वे कोटद्वार में रह रहे हैं. कैफ ने गुरु राम राय पब्लिक स्कूल श्रीनगर से इंटर की पढ़ाई की है. उनके पिता कोटद्वार में ईसीएच में चिकित्सक हैं. कैफ को 6 मई को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से जारी प्रमाण पत्र मिल चुका है.

वहीं,कैफ के पिता शाहिद खान का कहना है कि मुझे भरोसा ही नहीं था कि वह ऐसा कर पाएगा, लेकिन जब उसे प्रमाण पत्र मिला तो तब मुझे भरोसा हुआ. उन्होंने कहा कि कैफ आगे भी अच्छा करेगा ऐसा उनको भरोसा है. वहीं कैफ की मां का कहना है कि बेटे का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने से उन्हें काफी खुशी मिली है. मैंने हमेशा कैफ का साथ दिया और आगे भी उसे प्रेरित करती रहूंगी.

Intro:एंकर- मूल रूप से सुल्तानपुर यूपी के कैप अली खान ने पैर से 3 मिनट में 65 अंगूर खा कर विश्व रिकॉर्ड बनाया के इस रिकॉर्ड को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया जिसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से कैप अली खान को प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है तो वही ही इस रिकॉर्ड बनाने के बाद कैफ अली खान के पिताजी को अभी भी अपने बेटे पर भरोसा नहीं हो रहा है कि उसने यह सब कैसे कर दिया है। वही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से जारी प्रमाण पत्र मिलने के बाद कैप के पूरे परिवार में खुशी का माहौल है कि आपके परिवार और उसके दोस्त की मां ने कैप के घर पर पहुंचकर उस को फूल मालाओं से सम्मानित.


Body:वीओ1- बता दें कि कैप अली खान उम्र 19 वर्ष पुत्र शाहिद खान मूल रूप से यूपी के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं वर्तमान में वह कोटद्वार में रह रहे हैं कैफ ने गुरु राम राय पब्लिक स्कूल श्रीनगर से इंटर की पढ़ाई की है उनके पिताजी पूर्व में राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल में आकस्मिक विभाग में प्रभारी रह चुके हैं वर्तमान में कोटद्वार में ईसीएच् में चिकित्सक हैं कैप ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए बहुत मेहनत की, तब उसके दोस्तों ने भी कहा कि तू यह सब कुछ नहीं कर सकता पर लेकिन कैफ ने हिम्मत नहीं हारी, इस रिकॉर्ड बनाने में सबसे ज्यादा साथ कैप की मम्मी और उसके दोस्त की मम्मी ने कैप का साथ दिया जिससे कि कैप ने आज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया, कैप को 6 मई को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से जारी प्रमाण पत्र मिल चुका है तो वहीं कैप कोटद्वार में अपने परिवार के साथ रहकर और भी रिकार्ड बनाने की कोशिश कर रहा है कैप का कहना है कि मेरी ख्वाहिश है कि विश्व का वह व्यक्ति बनो की जिसके नाम सबसे ज्यादा वर्ल्ड रिकॉर्ड हो वीओ2- कैप के पिता शाहिद खान का कहना है कि मुझे भरोसा ही नहीं था कि वह ऐसा कर देगा लेकिन जब उसे प्रमाण पत्र मिला तो तब मुझे भरोसा हुआ और मुझे उम्मीद है कि आगे भी हुआ अच्छा करेगा तो वही कहती माता का कहना है कि मुझे बहुत खुशी है कि मेरे बेटे का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ है और जैसे मैंने उसका साथ अभी दिया है वैसे आगे भी मरते दम तक उसका साथ दूंगी बाइट डॉ शाहिद खान कैफ के पिता बाइट आलिया बेगम माता कैफ


Conclusion:वीओ4- वहीं कैफ के दोस्त की माँ बबिता आहूजा का कहना है कि मेरे बेटे का दोस्त है तो मैंने अपने बेटे के दोस्त होने के नाते उसका साथ दिया मेहनत उसकी थी हम तो सिर्फ उसके सामने बैठे रहते थे कि जिससे कि उसका हौसला बना रहे आगे भी उसका साथ देते रहेंगे बाइट बबीता आहूजा दोस्त की माँ वीओ5- कैफ अली खान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी जब मेने यह काम शुरू किया तो लोगों ने और मेरे दोस्तों ने कहा था कि यह काम तो तू नहीं कर पाएगा लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और जैसे तैसे कर मैंने यह कार्य पूरा किया अब सब लोग सोच रहे हैं कि आखिर यह कैसे हुआ अब सब मेरे दोस्त और लोग मेरे आगे पीछे घूम रहे हैं पहले किसी ने मेरा साथ दिया सिर्फ मेरा एक दोस्त था उसने ही मेरा साथ दिया था और मेरे मम्मी पापा ने साथ दिया जो मैं आज यहां तक पहुंच गया हूं मुझे पता है कि मैं किन परिस्थितियों से निकल कर और कितनी मेहनत के बाद यहां तक पहुंचा हूं आज लोग कह रहे हैं कि यह सब किस्मत का खेल है मुझे नहीं लगता कि किस्मत से कुछ होता है मेहनत करने से सब कुछ होता है आगे मुझे बहुत सारे रिकॉर्ड बनाने हैं मुझे इंडिया को रिप्लेसन करना है कि इंडिया से कोई है जिसने बहुत सारे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं मुझे कुछ ऐसे रिकार्ड बनाने हैं कि जिससे विश्व में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड बनाने का श्रेय मुझे मिले सबसे पहले मैं अब फास्ट टाइपिंग विद नोज बाय कीबोर्ड करने जा रहा हूं मैं सफलता का श्रेय अपनी मां को देता हूं कि उन्होंने कार्य में मेरा साथ दिया बाइट कैफ अली खान
Last Updated : May 10, 2019, 4:23 PM IST
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