कोटद्वार: झूला बस्ती स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड वहां के रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है. ट्रंचिंग ग्राउंड से निकलती दुर्गंध से आसपास के क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा बना हुआ है. स्थानीय लोगों ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य और इलाके की साफ-सफाई को लेकर नगर निगम कितना जिम्मेदार है, इसकी बानगी शहर से सटे हुए झूला बस्ती के पास कचरे के पहाड़ को देखकर मिलती है. ट्रंचिंग ग्राउंड पर पशुओं की लाश खुले में फेंकी जा रही है. आलम ये है कि आसपास के लोगों का सांस लेना और वहां से गुजरना तक मुश्किल हो गया है.
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स्थानीय निवासी महेंद्रपाल सिंह रावत ने कहा कि विगत 10 वर्षों से हम इस दंश को झेल रहे हैं. उन्होंने बताया कि 17 मरे गोवंश को खुले में फेंका गया है. लोगों की दुर्दशा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पशु-पक्षी इन जानवरों की लाश के टुकड़े घरों की छत पर गिरा रहे हैं.
मामले में नगर आयुक्त योगेश मेहरा का कहना है कि ट्रंचिंग ग्राउंड में कुछ पशुओं की डेड बॉडी को फेंकने का मामला प्रकाश में आया है. जिसकी जांच करवाई जा रही है. हालांकि ये साफ नहीं हो पा रहा है कि नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा पशुओं को वहां पर फेंका गया है या किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा. जांच के बाद आरोपी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई जरूर की जाएगी.