श्रीनगर: जनता के पैसे की बर्बादी कैसे होती है, इसका एक उदाहरण पौड़ी विधानसभा क्षेत्र के परसुण्डा खाल के रछुली गांव में देखने को मिल सकता है. यहां दो सालों से आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) का भवन तैयार है, लेकिन उसमें अभीतक कक्षाओं का संचालन नहीं हो पाया है. यहां के स्थानीय लोगों ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए 2006 में अपनी 55 नाली जमीन आईटीआई भवन के लिए दान दी थी.
पहाड़ के युवाओं को घर के पास ही अच्छी तकनीकी शिक्षा मिल सके, इसी सपने के साथ 2006 में रछुली गांव निवासियों आईटीआई भवन के लिए अपनी 55 नाली भूमि दान की थी. कांग्रेस की तत्कालीन सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हीरा सिंह बिष्ट और उस दौर के शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी ने उक्त भूमि पर आईटीआई भवन बनाने की स्वीकृति दी थी, जिसके बाद इस भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया था. भवन को बने हुए दो साल हो चुके हैं, लेकिन आजतक यहां पर आईटीआई की कक्षाएं संचालित नहीं हो पाई हैं. जिससे ग्रामीणों में रोष है. वहीं ढाई करोड़ की लागत से बना ये भवन भी देखभाल के अभाव में क्षतिग्रस्त होता जा रहा है.
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वहीं अब स्थानीय लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि इस भवन को जनता इंटर कॉलेज परसुण्डा खाल को दे दिया जाए. परसुंडा खाल इंटर कॉलेज के पूर्व प्रबंधक रहे विनोद रावत ने कहा कि उनके अथक प्रयासों से 2006 में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हीरा सिंह बिष्ट और उस समय के शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी ने इस भवन निर्माण को स्वीकृति दी थी.
उन्होंने बताया कि अब यह बात सामने आ रही है कि निर्माणदाई संस्था द्वारा इस भवन को निर्माण निगम को सौंप दिया गया है. उन्होंने बताया कि 2 साल भवन बने हो चुके हैं, मगर अब तक इस भवन में आईटीआई की कक्षाएं संचालित नहीं हो पा रही हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
रछुली निवासी महावीर सिंह नेगी ने कहा कि अगर इसमें आईटीआई कक्षाएं संचालित करने में दिक्कत आ रही है तो इस बिल्डिंग को जनता इंटर कॉलेज परसुण्डा खाल को सौंप देना चाहिए. क्योंकि जनता इंटर कॉलेज के भवन भी बहुत जर्जर हालत में हैं और जब यहां पर आईटीआई की कक्षाएं संचालित होने लगेंगी तो दोबारा इसको वापस ले लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसमें विधायक की भी लापरवाही है कि वे क्षेत्र हित में कोई फैसला लेने में नाकाम सिद्ध हो रहे हैं. अगर यूं ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में ढाई करोड़ की बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार की होगी.