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धुमाकोट बस हादसे के 45 मृतकों के परिजनों को बीमा कंपनी देगी मुआवजा, MATC का आदेश

एमएटीसी (मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल) ने धुमाकोट तहसील के अंतर्गत वर्ष 2018 में हुई भयानक बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के आश्रितों को 1.01 करोड़ की मुआवजा राशि देने के आदेश जारी किए हैं. यही नहीं विलंब होने पर यह राशि बीमा कंपनी को 7 फीसदी की दर से चुकानी होगी.

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पौड़ी धुमाकोट बस दुर्घटना
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Published : Mar 15, 2022, 10:07 AM IST

पौड़ी: मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण (एमएसीटी) के अपर जिला जज तरुण की अदालत ने पौड़ी जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र धुमाकोट तहसील के अंतर्गत वर्ष 2018 में हुए भीषण बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के आश्रित को 1.01 करोड़ की मुआवजा राशि देने के आदेश जारी किए हैं. प्राधिकरण ने यह धनराशि एक माह के भीतर भुगतान के भी आदेश दिए हैं. यही नहीं विलंब होने पर यह राशि बीमा कंपनी को 7 फीसदी की दर से चुकानी होगी.

पौड़ी जिले में जुलाई 2018 में धुमाकोट तहसील के अंतर्गत एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस भयानक दुर्घटना में 45 लोगों की अकाल मौत हो गई थी. बस में सवार 5 लोगों के परिजनों ने बस का बीमा देने वाली कंपनी से मृतक आश्रितों को जीवन व्यापन करने के लिए प्रतिपूर्ति की गुहार लगाई थी. जिस पर प्राधिकरण ने प्रतिपूर्ति के दावों की जांच के बाद दि ओरिएंटल इंश्योरेंस बीमा कम्पनी को 1.01 करोड़ की मुआवजा राशि का भुगतान के आदेश दिए.

पढ़े-धुमाकोट में गहरी खाई में गिरी बारातियों से भरी टेंपो ट्रैवलर, तीन की मौत, 18 घायल

मामले में पहला केस: बस में सवार पौड़ी के टंडोली, अंदरोली निवासी सावित्री देवी (38) की मौत हो गई थी. वह पशुपालन और सब्जी उत्पादन का काम करती थी. इससे उन्हें 15,000 मासिक वेतन मिलता था. प्रतिपूर्ति के लिए उनके पति कुंवर सिंह ने पुत्री नेहा व निकिता तथा पुत्र नीरज की तरफ से क्लेम का दावा किया. जिस पर प्राधिकरण ने उनका कुल 10.88 लाख का क्लेम स्वीकार करते हुए बीमा कंपनी को चुकाने के आदेश दिए गए हैं.

मामले में दूसरा केस: पौड़ी जिले के धुमाकोट में हुई बस दुर्घटना में उमरू खटीमा निवासी दीपिका बिष्ट (26) की भी मौत हुई थी. उनके पिता नंदन सिंह बिष्ट ने क्लेम दायर करते हुए बीमा कम्पनी से 24.50 लाख रुपए मांग की थी. प्राधिकरण ने जांच कर कुल 7.35 लाख का क्लेम स्वीकार किया है. बस में सवार नंदन सिंह बिष्ट की धर्मपत्नी सरिता देवी (55) की भी मौत हुई थी. उनकी पत्नी पशुपालन एवं सब्जी उत्पादन का काम करती थी. नंदन सिंह बिष्ट ने इसके लिए 26.50 लाख रुपए की मांग की थी. प्राधिकरण ने इस मामले में 5.87 लाख रुपए चुकाने के आदेश जारी किए हैं.

पौड़ी: मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण (एमएसीटी) के अपर जिला जज तरुण की अदालत ने पौड़ी जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र धुमाकोट तहसील के अंतर्गत वर्ष 2018 में हुए भीषण बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के आश्रित को 1.01 करोड़ की मुआवजा राशि देने के आदेश जारी किए हैं. प्राधिकरण ने यह धनराशि एक माह के भीतर भुगतान के भी आदेश दिए हैं. यही नहीं विलंब होने पर यह राशि बीमा कंपनी को 7 फीसदी की दर से चुकानी होगी.

पौड़ी जिले में जुलाई 2018 में धुमाकोट तहसील के अंतर्गत एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस भयानक दुर्घटना में 45 लोगों की अकाल मौत हो गई थी. बस में सवार 5 लोगों के परिजनों ने बस का बीमा देने वाली कंपनी से मृतक आश्रितों को जीवन व्यापन करने के लिए प्रतिपूर्ति की गुहार लगाई थी. जिस पर प्राधिकरण ने प्रतिपूर्ति के दावों की जांच के बाद दि ओरिएंटल इंश्योरेंस बीमा कम्पनी को 1.01 करोड़ की मुआवजा राशि का भुगतान के आदेश दिए.

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मामले में पहला केस: बस में सवार पौड़ी के टंडोली, अंदरोली निवासी सावित्री देवी (38) की मौत हो गई थी. वह पशुपालन और सब्जी उत्पादन का काम करती थी. इससे उन्हें 15,000 मासिक वेतन मिलता था. प्रतिपूर्ति के लिए उनके पति कुंवर सिंह ने पुत्री नेहा व निकिता तथा पुत्र नीरज की तरफ से क्लेम का दावा किया. जिस पर प्राधिकरण ने उनका कुल 10.88 लाख का क्लेम स्वीकार करते हुए बीमा कंपनी को चुकाने के आदेश दिए गए हैं.

मामले में दूसरा केस: पौड़ी जिले के धुमाकोट में हुई बस दुर्घटना में उमरू खटीमा निवासी दीपिका बिष्ट (26) की भी मौत हुई थी. उनके पिता नंदन सिंह बिष्ट ने क्लेम दायर करते हुए बीमा कम्पनी से 24.50 लाख रुपए मांग की थी. प्राधिकरण ने जांच कर कुल 7.35 लाख का क्लेम स्वीकार किया है. बस में सवार नंदन सिंह बिष्ट की धर्मपत्नी सरिता देवी (55) की भी मौत हुई थी. उनकी पत्नी पशुपालन एवं सब्जी उत्पादन का काम करती थी. नंदन सिंह बिष्ट ने इसके लिए 26.50 लाख रुपए की मांग की थी. प्राधिकरण ने इस मामले में 5.87 लाख रुपए चुकाने के आदेश जारी किए हैं.

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