कोटद्वार: दुगड्डा ब्लॉक की जुवा ग्राम सभा के लिए 3 किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति हुई थी. इस पर तत्काल कार्य शुरू हो गया था. लेकिन 21 साल गुजर जाने के बाद भी इस सड़क पर लंगूर गाड़ नदी पर पुल नहीं बना. जिस कारण ग्रामीणों को गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार विधायक, मुख्यमंत्री, लोक निर्माण विभाग और जिलाधिकारी से पुल निर्माण को लेकर मदद की गुहार लगाई. लेकिन अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जिसको लेकर मजबूरन ग्रामीणों को पुल निर्माण वाली जगह पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ा.
ग्रामीण राष्ट्रीय राजमार्ग दुगड्डा के समीप एकत्रित होकर जुलूस की शक्ल में लोक निर्माण विभाग के ऑफिस में पहुंचे. जहां पर उन्होंने अधिशासी अभियंता से मुलाकात की. उसके बाद पुल निर्माण वाली जगह पर धरने पर बैठ गए. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सरकार के द्वारा पुल निर्माण का आश्वासन नहीं दिया जाएगा. तब तक उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा.
धरने पर पहुंचे एक बुजुर्ग (90) ने कहा कि मैं जुवा गांव का निवासी हूं. अगर सरकार ने पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया तो मैं अपने इसी स्थान पर प्राण त्याग दूंगा.
स्थानीय ग्रामीण का कहना है कि उत्तराखंड निर्माण से पहले उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 3 किलोमीटर सड़क की स्वीकृति दी गई थी. लेकिन 21 साल गुजर जाने के बाद भी इस सड़क पर लंगूर गाड़ नदी पर पुल निर्माण नहीं हुआ. ग्रामीणों की एक ही मांग है कि लंगूर गाड़ नदी पर पुल निर्माण किया जाए और इस सड़क को गांव तक जोड़ा जाय.
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लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि पूर्व में यह पुल राज्य योजना से स्वीकृत था. दो बार पुल का एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया था. लेकिन वित्तीय संसाधनों की कमी होने के कारण पुल का निर्माण कार्य नहीं हो सका. उसके बाद इस पुल के निर्माण के लिये वर्ल्ड बैंक से बात की गई. लेकिन कुछ ही दिन पहले वर्ड बैंक ने भी पुल बनाने से हाथ खड़े कर दिए. अब दोबारा से राज्य योजना के तहत पुल का एस्टीमेट बनाया जा रहा है. एक महीने के अंदर एस्टीमेट बनाकर शासन को भेज दिया जाएगा. शासन से स्वीकृति मिलने के बाद पुल निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.