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कोटद्वार: जिला विकास प्राधिकरण पर लगे गंभीर आरोप, जमकर हो रहा अवैध निर्माण - कोटद्वार जिला विकास प्राधिकरण

कोटद्वार में जिला विकास प्राधिकरण की आड़ में अवैध निर्माण कार्य किये जा रहे है. एक ओर स्थानीय प्रशासन कोटद्वार नगर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 534 से अतिक्रमण हटाने की बात कह रहा है. वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्राधिकरण की आड़ में खुलेआम अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है, लेकिन प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन आंख मूंदे बैठे हैं.

Illegal Construction in Kotdwar
Illegal Construction in Kotdwar
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Published : Feb 25, 2020, 8:01 AM IST

Updated : Feb 25, 2020, 9:34 AM IST

कोटद्वार: नगर में जिला विकास प्राधिकरण स्थानीय लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रहा है. प्राधिकरण के अधिकारी आम लोगों पर तो प्राधिकरण के नियमों को जबरन थोक दे रहा है, लेकिन ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों पर प्राधिकरण मेहरबान दिख रहा है. ऐसा ही मामला कोटद्वार नगर के NH-534 पर देखने को मिला. जहां पर खुलेआम फुटपाथ पर एक व्यवसायिक भवन के आगे अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण ऊंची पहुंच रखने वालों के सामने नतमस्तक दिख रहा है. वहीं, प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि लगातार प्राधिकरण के द्वारा ऐसे मामलों पर स्वत संज्ञान लेकर कार्रवाई की जा रही है.

स्थानीय निवासी मुजीब नैथानी ने प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा कि संयुक्त सचिव हो या उपाध्यक्ष डीडीए, ये तकनीकी अधिकारी नहीं है, ये तकनीकी अधिकारियों की संस्तुति पर आगे की कार्रवाई करते हैं, तकनीकी अधिकारी संयुक्त सचिव को गलत रिपोर्ट दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि व्यवसायिक भवनों पर 5 मीटर तो सेटबैक छोड़ना होता है. पार्किंग होना जरूरी है, जिन व्यवसायिक भवनों को यहां पर पास दिखा रहे हैं. उन व्यवसायिक भवनों को तकनीकी अधिकारियों को द्वारा कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी जारी नहीं किए गए हैं. इसलिए ये भवन अवैध हैं. उन्होंने कहा कि ये बात सयुक्त सचिव और उपाध्यक्ष को भी पता है. तकनीकी अधिकारी लोगों को गुमराह कर रहे हैं. आम आदमी परेशान है, बड़े लोग गलत तरीके से अपना काम करवा रहे हैं. नक्शे गलत रूप से स्वीकृत किए जा रहे हैं और उसी की आड़ में अवैध निर्माण का कार्य किया जा रहा है.

जिला विकास प्राधिकरण पर लगे गंभीर आरोप.

पढ़ें- चारधाम देवस्थानम एक्ट के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी, निरस्त करने की मांग

वहीं, प्राधिकरण के सुयक्त सचिव योगेश मेहरा का कहना है कि प्राधिकरण में जो शिकायतें या तो किसी के माध्यम से प्राप्त होती है या प्राधिकरण स्वत संज्ञान लेता हैं. ऐसे मामलों पर प्राधिकरण के द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. नियमित रूप से नोटिस जारी किए जा रहे हैं, अगर वह तय समय में अपना मानचित्र प्राधिकरण के समक्ष नहीं पेश करता है. तो ऐसे भवनों को सीज किया जा रहा है. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है, प्राधिकरण के द्वारा किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है. प्राधिकरण के नियम सबके लिए बराबर है चाहे वह कम आमदनी वाले व्यक्ति हो या अधिक आमदनी वाला व्यक्ति हो.

कोटद्वार: नगर में जिला विकास प्राधिकरण स्थानीय लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रहा है. प्राधिकरण के अधिकारी आम लोगों पर तो प्राधिकरण के नियमों को जबरन थोक दे रहा है, लेकिन ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों पर प्राधिकरण मेहरबान दिख रहा है. ऐसा ही मामला कोटद्वार नगर के NH-534 पर देखने को मिला. जहां पर खुलेआम फुटपाथ पर एक व्यवसायिक भवन के आगे अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण ऊंची पहुंच रखने वालों के सामने नतमस्तक दिख रहा है. वहीं, प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि लगातार प्राधिकरण के द्वारा ऐसे मामलों पर स्वत संज्ञान लेकर कार्रवाई की जा रही है.

स्थानीय निवासी मुजीब नैथानी ने प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा कि संयुक्त सचिव हो या उपाध्यक्ष डीडीए, ये तकनीकी अधिकारी नहीं है, ये तकनीकी अधिकारियों की संस्तुति पर आगे की कार्रवाई करते हैं, तकनीकी अधिकारी संयुक्त सचिव को गलत रिपोर्ट दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि व्यवसायिक भवनों पर 5 मीटर तो सेटबैक छोड़ना होता है. पार्किंग होना जरूरी है, जिन व्यवसायिक भवनों को यहां पर पास दिखा रहे हैं. उन व्यवसायिक भवनों को तकनीकी अधिकारियों को द्वारा कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी जारी नहीं किए गए हैं. इसलिए ये भवन अवैध हैं. उन्होंने कहा कि ये बात सयुक्त सचिव और उपाध्यक्ष को भी पता है. तकनीकी अधिकारी लोगों को गुमराह कर रहे हैं. आम आदमी परेशान है, बड़े लोग गलत तरीके से अपना काम करवा रहे हैं. नक्शे गलत रूप से स्वीकृत किए जा रहे हैं और उसी की आड़ में अवैध निर्माण का कार्य किया जा रहा है.

जिला विकास प्राधिकरण पर लगे गंभीर आरोप.

पढ़ें- चारधाम देवस्थानम एक्ट के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी, निरस्त करने की मांग

वहीं, प्राधिकरण के सुयक्त सचिव योगेश मेहरा का कहना है कि प्राधिकरण में जो शिकायतें या तो किसी के माध्यम से प्राप्त होती है या प्राधिकरण स्वत संज्ञान लेता हैं. ऐसे मामलों पर प्राधिकरण के द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. नियमित रूप से नोटिस जारी किए जा रहे हैं, अगर वह तय समय में अपना मानचित्र प्राधिकरण के समक्ष नहीं पेश करता है. तो ऐसे भवनों को सीज किया जा रहा है. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है, प्राधिकरण के द्वारा किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है. प्राधिकरण के नियम सबके लिए बराबर है चाहे वह कम आमदनी वाले व्यक्ति हो या अधिक आमदनी वाला व्यक्ति हो.

Last Updated : Feb 25, 2020, 9:34 AM IST
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