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HNB गढ़वाल विवि से करार तोड़ना हुआ आसान, महाविद्यालयों को अब तत्काल मिल सकेगी एनओसी

अब महाविद्यालयों की ओर से असंबद्धीकरण के लिए पत्र मिलने पर एचएनबी गढ़वाल विवि तत्काल एनओसी देगा. ऐसे में विवि से करार तोड़ना अब आसान हो गया है.

hnb garhwal university
एचएनबी गढ़वाल विवि
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Published : Aug 11, 2020, 5:57 PM IST

श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से असंबद्ध होने का दारोमदार अब अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के ऊपर है. संबंधित महाविद्यालयों की ओर से असंबद्धीकरण के लिए पत्र मिलने पर गढ़वाल विवि की ओर से तत्काल एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) दे दी जाएगी.

जानकारी देते एचएनबी गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार.

बता दें कि एचएनबी गढ़वाल विवि में पहले करीब 170 सरकारी महाविद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय और गैर सरकारी उच्च शिक्षण संस्थान संबद्ध (affiliate) थे. करीब तीन साल पहले प्रदेश के 52 सरकारी महाविद्यालयों को गढ़वाल विवि से असंबद्ध कर श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध कर दिया गया था. जिसके बाद गढ़वाल विवि से 117 अशासकीय महाविद्यालय और निजी संस्थान जुड़े रह गए.

वहीं, गढ़वाल विवि की ओर से कई बार 17 अशासकीय महाविद्यालयों को पृथक करने की कोशिश करने को लेकर एमएचआरडी को पत्र भेजे गए, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से मामला अटकता रहा. इनमें ज्यादातार देहरादून और हरिद्वार के कॉलेज शामिल हैं. खास बात ये है कि अशासकीय महाविद्यालयों से परीक्षा परिणाम समय पर न आने और रिजल्ट में गड़बड़ी के मामले में विवि का टकराव होता रहा है.

ये भी पढ़ेंः श्रीनगर: एचएनबी गढ़वाल विवि ने शिक्षण संस्थानों को हेल्पलाइन नंबर जारी करने के दिए आदेश

प्रदेश के मौजूदा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और गढ़वाल विवि की ओर से विशेष प्रयास किए गए हैं. जिसके बाद करीब एक महीने पहले एमएचआरडी ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को उक्त अशासकीय महाविद्यालयों के असंबद्धीकरण के लिए पत्र भेजा है.

एचएनबी गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने बताया कि विवि को एक महीने पहले एमएचआरडी से प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र की कॉपी मिली थी. इसी पत्र के साथ विवि ने संबंधित महाविद्यालयों को पत्र भेजा है कि अपने स्तर से असंबद्धीकरण की तैयारियां कर लें. महाविद्यालय असंबद्धीकरण के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें एनओसी दे दी जाएगी.

श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से असंबद्ध होने का दारोमदार अब अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के ऊपर है. संबंधित महाविद्यालयों की ओर से असंबद्धीकरण के लिए पत्र मिलने पर गढ़वाल विवि की ओर से तत्काल एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) दे दी जाएगी.

जानकारी देते एचएनबी गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार.

बता दें कि एचएनबी गढ़वाल विवि में पहले करीब 170 सरकारी महाविद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय और गैर सरकारी उच्च शिक्षण संस्थान संबद्ध (affiliate) थे. करीब तीन साल पहले प्रदेश के 52 सरकारी महाविद्यालयों को गढ़वाल विवि से असंबद्ध कर श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध कर दिया गया था. जिसके बाद गढ़वाल विवि से 117 अशासकीय महाविद्यालय और निजी संस्थान जुड़े रह गए.

वहीं, गढ़वाल विवि की ओर से कई बार 17 अशासकीय महाविद्यालयों को पृथक करने की कोशिश करने को लेकर एमएचआरडी को पत्र भेजे गए, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से मामला अटकता रहा. इनमें ज्यादातार देहरादून और हरिद्वार के कॉलेज शामिल हैं. खास बात ये है कि अशासकीय महाविद्यालयों से परीक्षा परिणाम समय पर न आने और रिजल्ट में गड़बड़ी के मामले में विवि का टकराव होता रहा है.

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प्रदेश के मौजूदा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और गढ़वाल विवि की ओर से विशेष प्रयास किए गए हैं. जिसके बाद करीब एक महीने पहले एमएचआरडी ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को उक्त अशासकीय महाविद्यालयों के असंबद्धीकरण के लिए पत्र भेजा है.

एचएनबी गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने बताया कि विवि को एक महीने पहले एमएचआरडी से प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र की कॉपी मिली थी. इसी पत्र के साथ विवि ने संबंधित महाविद्यालयों को पत्र भेजा है कि अपने स्तर से असंबद्धीकरण की तैयारियां कर लें. महाविद्यालय असंबद्धीकरण के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें एनओसी दे दी जाएगी.

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