श्रीनगरः प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने गुरुवार को गढ़वाल विश्वविद्यालय, एनआईटी, एसएसबी व मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों से साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने ठंडी सड़क के निर्माण को विवि की एनओसी न मिलने के संदर्भ में जानकारी ली. विवि के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि इस संदर्भ में विवि ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है. मंत्रालय व केंद्रीय शिक्षा मंत्री के निर्देशों के बाद ही विवि द्वारा एनओसी दी जा सकेगी.
गौर हो कि, श्रीनगर में आंचल डेयरी से डांग होते हुए स्वीत तक करीब सात किलोमीटर लंबी ठंडी सड़क बननी है, जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से बजट स्वीकृत किया गया है. ये सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट भी है, लेकिन इस सड़क के दायरे में विवि के हैप्रक (High Altitude Plant Physiology Research Centre) से लगी करीब 300 मीटर की भूमि आने से मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में दिक्कतें हो रही हैं.
अबतक काफी प्रयास किए गये हैं लेकिन इसके बाद भी लोक निर्माण विभाग को हैप्रक से लगी इस जमीन पर सड़क निर्माण के लिए नो ओब्जेक्शन नहीं मिल पा रहा है. दरअसल, इस रोड के दायरे में हैप्रक के औषधीय पेड़ व पौधे आ रहे हैं. और इसकी एनओसी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के बिना नहीं दी जा सकती.
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विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल व कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के समक्ष ये बात रखी, जिस पर मंत्री ने मंत्रालय व केंद्रीय शिक्षा मंत्री के स्तर से ही आगे की कार्यवाही कराये जाने की बात कही है. इस संदर्भ में मंत्री ने एसडीएम को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखने को कहा है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को साथ में एक ज्वाइंट सर्वे करने को भी कहा है.
मंत्री धन सिंह रावत ने विवि के अधिकारियों से यूनिवर्सिटी की जरूरतों के बारे में भी जानकारी भी ली. अधिकारियों की ओर से विवि में हॉस्टल निर्माण व रिसर्च कार्यों और गेस्ट फैकल्टी के वेतन के लिए उचित बजट की कमी बताई गई, जिस पर डॉ. रावत ने केंद्र सरकार के स्तर से बजट उपलब्ध कराने में मदद का आश्वासन दिया.
कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने विवि में प्रवेश के लिए 50 प्रतिशत सीटें उत्तराखंड के छात्रों के लिए सुरक्षित कराए जाने की भी बात रखी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पुराने आईटीआई के समीप उड्डयन विभाग की जमीन एनआईटी को दी जाएगी. इसके बदले उड्डयन विभाग को स्वीत कोटेश्वर के समीप जमीन दी गई है.
वहीं, एनआईटी के प्रभारी कुलसचिव डॉ. धमेंद्र त्रिपाठी ने रेशम फार्म की शेष भूमि को भी एनआईटी के नाम किए जाने की मांग रखी. उन्होंने एनआईटी के निदेशक को एनआईटी निर्माण में ढिलाई बरतने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा. बैठक में डीएसडब्लू प्रो. एमएस नेगी, मुख्य नियंता प्रो. बीपी नैथानी, मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो. दीपक, ईई विजयानंद, एई महेश डोभाल, छात्र संघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी आदि मौजूद रहे.