श्रीनगरः एचएनबी गढ़वाल विवि के वरिष्ठ भौतिक वैज्ञानिक डॉक्टर आलोक सागर गौतम के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. डॉक्टर गौतम के इंटीग्रेबल लेजर मार्कर (Integrable Laser Marker) मशीन के डिजाइन को यूके गवर्नमेंट ने पेटेंट दे दिया है. उनकी टीम ने पिछले महीने इसके लिए पेटेंट फाइल किया था. पेटेंट मिलने के बाद जहां उनकी टीम में खुशी का माहौल है तो वहीं विवि की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल समेत विवि के तमाम स्टाफ ने डॉक्टर गौतम को बधाई दी है.
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर आलोक सागर गौतम को 'इंटीग्रेबल लेजर मार्कर' पर यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) अंतरराष्ट्रीय पेटेंट ग्रांट हुआ है. डॉक्टर गौतम ने बताया कि यह पेटेंट प्रोफेसर बलराम अंबाडे, रसायन विज्ञान विभाग एनआईटी जमशेदपुर के सहयोग से लेजर मार्कर पर डिजाइन तैयार किया गया. जिसके बाद यूनाइटेड किंगडम को अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए पेश किया गया था. जिस पर 9 अगस्त 2023 को यह अंतरराष्ट्रीय पेटेंट ग्रांट किया गया.
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इंटीग्रेबल लेजर मार्कर की खासियतः डॉक्टर गौतम ने बताया कि एनआईटी जमशेदपुर में रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर बलराम अंबादे और उनकी टीम के सहयोग से इंटीग्रेबल मार्कर डिजाइन तैयार किया गया है. जिसे यूके का पेटेंट मिलने के बाद पूरी टीम उत्साह से लबरेज है. उन्होंने बताया कि इस मार्कर से जिस भी धातु पर जो भी शब्द उकेरे जाएंगे, उससे उसकी शुद्धता, सटीकता और खरापन सालों तक बनी रहेगी. इंटीग्रेबल मार्कर का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में वाहन नंबर, चेसिस नंबर समेत अन्य कार्यों में किया जा सकता है.
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Pleased to share the Great News @ Grant of International UK Design Patent. This work was initiated with Prof Balram Ambade, Professor, Department of Chemistry, NIT Jamshedpur & Team. Congratulations to All innovators @ Happy Independence Day! @SHnbgu @h_garhwal @design @Patent pic.twitter.com/CpJ7JOqDxV
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आभूषण में ट्रेडमार्क, इलेक्ट्रॉनिक, एयर क्राफ्ट में रिपेयरिंग और रिकॉल, धातु की पैकेजिंग में इसका इस्तेमाल नई क्रांति लेकर आएगा. डॉक्टर गौतम ने कहा कि मेडिकल उपकरण जैसे एक्स रे या अन्य उपकरणों में उनकी तिथि, समय समेत अन्य को लंबे समय तक अमिट रूप से दर्शाया जा सकता है. यह डिजाइन सीओटू लेजर, याग लेजर और फाइबर लेजर तीनों में उपयोगी है. टीम अब जल्द ही यूके सरकार से इंटीग्रेबल मार्कर डिजाइन के ट्रेडमार्क और डिवाइस तैयार किए जाने को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी.
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भौतिक वैज्ञानिक आलोक सागर गौतम को जानिएः बता दें कि भौतिक वैज्ञानिक आलोक सागर गौतम भौतिकी विभाग में लगातार शोध कार्य कर रहे हैं. जिसमें इनके 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध पत्र और 7 राष्ट्रीय पेटेंट भी प्रकाशित हो चुके हैं. गौतम मूल रूप से यूपी के बदायूं के रहने वाले हैं. वे गढ़वाल विवि में साल 2013 से सेवारत हैं. उन्हें साल 2020 में पर्यावरण विशेषज्ञ पुरस्कार भी मिल चुका है.
वैज्ञानिक आलोक सागर गौतम ने बीएचयू वाराणसी से भौतिक विज्ञान में एमएससी की है. जबकि, सावित्री बाई फुले विवि और भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे से पीएचडी की है. इतना ही नहीं वे साल 2008 में अंटार्कटिका में भी शोध कर चुके हैं. डॉक्टर आलोक सागर गौतम पहाड़ों में बदलते मौसम चक्र और आपदा जैसे तमाम मुद्दों पर भी चिंता जताने के साथ आगाह भी करते हैं.
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