श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय और जर्मनी की होहेनहेम यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू साइन होने जा रहा है. ये एमओयू 20 मई को साइन किया जाएगा. इस एमओयू के होने के बाद दोनों विवि एक दूसरे के साथ तकनीक को साझा करेंगे. इसके आलावा दोनों यूनिवर्सिटी के छात्र एक दूसरे के यहां पढ़ाई कर सकेंगे. फिलहाल दोनों यूनिवर्सिटी के अध्यापक पांच दिनों तक पर्यावरण असंतुलन पर चर्चा करने के साथ साथ इनके कारणों का अध्ययन कर रहे हैं.
एमओयू के अनुसार इस पर होने वाला सारा खर्च होहेनहेम यूनिवर्सिटी वहन करेगी. गढ़वाल विवि के छात्र जब जर्मनी में अध्ययन करने जाएंगे तो उनके रहने से लेकर सारी व्यवस्थाएं होहेनहेम यूनिवर्सिटी करेगी. होहेनहेम यूनिवर्सिटी के छात्र जब यहां आएंगे तो वे अपने खर्च पर ही यहां पढ़ाई करेंगे. इस एमओयू के तहत छात्र बकरी पालन, मौन पालन, गाय पालन के साथ आधुनिक ऑर्गेनिक खेती की बारीकियां सीखेंगे. इसमें उपयोग में आने वाली तकनीकों को भी एक दूसरे के साथ साझा किया जाएगा.
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एमओयू में गढ़वाल विवि के फॉरेस्ट्री, रूरल टेक्नोलॉजी, हॉर्टिकल्चर, बीज विज्ञान, हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर और जियोलॉजी विभाग के छात्र जर्मनी जाएंगे. गढ़वाल विवि के डीन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर एंड एलाइड साइंस के प्रोफेसर जेएस चौहान ने बताया कि 20 मई को एमओयू साइन हो जाएगा. इससे दोनों यूनिवर्सिटी के छात्रों को लाभ मिलेगा.
वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ होहेनहेम की प्रो सिमोन फ्रैफ होनिगर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि दोनों विश्वविद्यालय एक दूसरे देशों के प्राकृतिक संसाधनों का अध्धयन करेंगे. इसमें जीव जंतुओं के पालन पोषण के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी. पर्यावरण को लेकर भी काम किया जाएगा.