ETV Bharat / state

गढ़वाल विवि की स्वर्ण जयंतीः विश्वविद्यालय संघर्षों और उपलब्धियों की दास्तां करेगा पेश - गढ़वाल विवि की स्वर्ण जयंती

एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (HNB Garhwal Central University) के 50 साल पूरे होने जा रहे हैं. गढ़वाल विवि के स्थापना दिवस पर आम जनमानस द्वारा किए गए संघर्षों से संबंधित घटनाक्रमों तथा स्मृतियों एवं स्थापना से अब तक विवि द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों के संकलन का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Sep 8, 2022, 3:44 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 4:17 PM IST

श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal Central University) स्वर्ण जयंती (50 साल) मनाने जा रहा है. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन स्वर्ण जयंती स्थापना को लेकर आम जनमानस द्वारा किए गए संघर्षों से संबंधित घटनाओं और स्मृतियों को एकत्रित कर प्रस्तुतिकरण देगा. इसके लिए समिति का गठन किया गया है.

अभिलेखीकरण समिति के संयोजक डॉ सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के 50 साल पूरे होने जा रहे हैं. गढ़वाल विवि के स्थापना दिवस पर आम जनमानस द्वारा किए गए संघर्षों से संबंधित घटनाक्रमों तथा स्मृतियों एवं स्थापना से अब तक विवि द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों के संकलन का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा.

इसके लिए समिति द्वारा 31 सितंबर तक आम जनमानस से स्थापना काल से अब तक के संबंधित दस्तावेज (समाचार पत्रों की प्रतिलिपि, छायाचित्र, ऑडियो, वीडियो, पुस्तकों में प्रकाशित लेख, पत्र) आदि सहित संस्मरण आमंत्रित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि गढ़वाल विवि की स्थापना लंबे संघर्ष व जनआंदोलन के बाद हुई. यह ऐसा आंदोलन था जो पहाड़ में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए हुआ.

1971 से लेकर 1973 तक संपूर्ण गढ़वाल अनूठे उद्देश्य के लिए संघर्षरत था. पहाड़ का संपूर्ण जनमानस भावी पीढ़ी व क्षेत्र के विकास के लिए उच्च शिक्षा केंद्र खुलवाने के लिए सड़कों पर था. इस आंदोलन महिला शक्ति की सक्रिय भागीदारी के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है. जिन्होंने हर स्तर पर आंदोलन को गतिमान रखकर विवि की स्थापना के संघर्ष को जीवित रखा.
ये भी पढ़ेंः सफेदपोशों और ब्यूरोक्रेट ने पैदा किए हाकम सिंह- कांग्रेस MLA राजेंद्र भंडारी

उसी का नतीजा रहा कि सन 1 दिसंबर 1973 में गढ़वाल विवि की स्थापना हुई. डॉ. बिष्ट ने कहा कि विवि उच्च शिक्षा हासिल करने को लेकर हुए इस अनूठे आंदोलन व आंदोलनकारियों द्वारा किए गए संघर्ष से संबंधित घटनाओं तथा स्मृतियों व स्थापना से अब तक विवि द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धि के संकलन का प्रस्तुतिकरण करना चाहता है. ताकि, सभी को इस अनूठे आंदोलन के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.

उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष पर विवि के तीनों परिसरों में विवि स्थापना से संबंधित घटनाओं एवं अभिलेखों की पोस्टर प्रदर्शनी, वृत चित्र प्रदर्शनी एवं विवि के किसी प्रमुख स्थल पर स्थापना स्मृति दीवार बनाए जाने की योजना भी है. इसमें विवि आंदोलन के सभी प्रमुख आंदोलनकारियों के नाम अंकित किए जाएंगे.

श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal Central University) स्वर्ण जयंती (50 साल) मनाने जा रहा है. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन स्वर्ण जयंती स्थापना को लेकर आम जनमानस द्वारा किए गए संघर्षों से संबंधित घटनाओं और स्मृतियों को एकत्रित कर प्रस्तुतिकरण देगा. इसके लिए समिति का गठन किया गया है.

अभिलेखीकरण समिति के संयोजक डॉ सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के 50 साल पूरे होने जा रहे हैं. गढ़वाल विवि के स्थापना दिवस पर आम जनमानस द्वारा किए गए संघर्षों से संबंधित घटनाक्रमों तथा स्मृतियों एवं स्थापना से अब तक विवि द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों के संकलन का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा.

इसके लिए समिति द्वारा 31 सितंबर तक आम जनमानस से स्थापना काल से अब तक के संबंधित दस्तावेज (समाचार पत्रों की प्रतिलिपि, छायाचित्र, ऑडियो, वीडियो, पुस्तकों में प्रकाशित लेख, पत्र) आदि सहित संस्मरण आमंत्रित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि गढ़वाल विवि की स्थापना लंबे संघर्ष व जनआंदोलन के बाद हुई. यह ऐसा आंदोलन था जो पहाड़ में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए हुआ.

1971 से लेकर 1973 तक संपूर्ण गढ़वाल अनूठे उद्देश्य के लिए संघर्षरत था. पहाड़ का संपूर्ण जनमानस भावी पीढ़ी व क्षेत्र के विकास के लिए उच्च शिक्षा केंद्र खुलवाने के लिए सड़कों पर था. इस आंदोलन महिला शक्ति की सक्रिय भागीदारी के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है. जिन्होंने हर स्तर पर आंदोलन को गतिमान रखकर विवि की स्थापना के संघर्ष को जीवित रखा.
ये भी पढ़ेंः सफेदपोशों और ब्यूरोक्रेट ने पैदा किए हाकम सिंह- कांग्रेस MLA राजेंद्र भंडारी

उसी का नतीजा रहा कि सन 1 दिसंबर 1973 में गढ़वाल विवि की स्थापना हुई. डॉ. बिष्ट ने कहा कि विवि उच्च शिक्षा हासिल करने को लेकर हुए इस अनूठे आंदोलन व आंदोलनकारियों द्वारा किए गए संघर्ष से संबंधित घटनाओं तथा स्मृतियों व स्थापना से अब तक विवि द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धि के संकलन का प्रस्तुतिकरण करना चाहता है. ताकि, सभी को इस अनूठे आंदोलन के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.

उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष पर विवि के तीनों परिसरों में विवि स्थापना से संबंधित घटनाओं एवं अभिलेखों की पोस्टर प्रदर्शनी, वृत चित्र प्रदर्शनी एवं विवि के किसी प्रमुख स्थल पर स्थापना स्मृति दीवार बनाए जाने की योजना भी है. इसमें विवि आंदोलन के सभी प्रमुख आंदोलनकारियों के नाम अंकित किए जाएंगे.

Last Updated : Sep 8, 2022, 4:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.