कोटद्वार: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज 15 फरवरी को कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई है. आज की सुनवाई में तीन हत्यारोपियों पर आरोप तय होने थे, लेकिन जिला न्यायालय मजिस्ट्रेट के प्रशिक्षण में जाने की वजह से कोर्ट में बहस नहीं हो पाई. अब इस मामले की सुनवाई अगले महीने 10 मार्च को होगी.
वहीं, इस केस के तीसरे आरोपी सौरभ भास्कर की जमानत को लेकर एक प्रार्थना पत्र कोटद्वार जिला सत्र न्यायालय में दाखिल किया गया है, जिस पर आगामी 20 फरवरी को सुनवाई होगी. आरोपियों के वकील ने बताया कि कोटद्वार जिला न्यायाधीश के प्रशिक्षण में जाने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई है.
पढ़ें- Ankita Murder Case: घटना के बाद पहली बार वनंत्रा रिजॉर्ट पहुंचे आरोपी पुलकित के पिता विनोद आर्य, जानें वजह
क्या हैं मामला: बता दें कि पौड़ी जिले के श्रीकोट की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. यह रिजॉर्ट बीजेपी के पूर्व नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य का है. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर रिजॉर्ट में आने वाले गेस्ट को स्पेशल सर्विस (गलत काम) देने का दबाव बनाया था, जिसके लिए अंकिता भंडारी ने साफ इनकार कर दिया था. इस बात को लेकर दोनों के बीच बहस भी हुई है.
आरोप है कि इस घटना के बाद 18 सितंबर 2022 की रात को ही अंकिता रिजॉर्ट से रहस्मय तरीके से लापता हो गई थी. अंकिता के परिजनों से जब इस बारे में पुलकित आर्य से सवाल किया तो उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं और उन्हें गुमराह करता रहा. हालांकि बाद में जब ये केस पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने पुलकित आर्य और रिजॉर्ट में काम करने वाले दो अन्य कर्मचारियों से सख्ती के साथ पूछताछ की तो सच सामने आया और पता चला कि पुलकित आर्य ने अंकिता की हत्या कर दी है.
पढ़ें- Ankita Bhandari Case: डीएम से मिलीं अंकिता की मां, विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति पर खड़े किए सवाल
आरोप है कि 18 सितंबर 2022 बहस के बाद पुलकित अंकिता को अपने साथ ऋषिकेश की तरफ ले गया था. दोनों के साथ रिसॉर्ट के दो कर्मचारी अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर भी गए थे. आरोप है कि चीला नहर पर पुलकित आर्य ने फिर से अंकिता पर दबाव बनाया, लेकिन अंकिता गलत काम करने के लिए राजी नहीं हुई और उसने नौकरी छोड़ने का भी मन बना लिया था.
आरोप है कि पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका पर्दाफाश कर देगी, इसलिए उसने अंकिता को चीला नहर में धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. तीनों आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने करीब 5 दिनों बाद अंकिता की लाश चीला नहर से बरामद की थी. अभी तीनों आरोपी जेल में बंद है. सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है, जो इस मामले की जांच कर रही है.