पौड़ी: उत्तराखंड बहुचर्चित अंकिता भण्डारी हत्याकांड में सोमवार को अपर जिला न्यायालय में सुनवाई टल गई है. अंकिता भंडारी के माता पिता ने केस से सरकारी अधिवक्ता को हटाने की मांग की थी. जिसे स्वीकार करते हुए पौड़ी ने विशेष लोक अभियोजक को हटा दिया. जिसकी वजह से कोटद्वार स्थित सिम्मचौड़ स्थित अपर जिला न्यायालय में आज इस मामले में सुनवाई नहीं हो पायी.
बताया जा रहा है कि अपर जिला स्तर न्यायालय कोटद्वार में अंकिता भंडारी हत्याकांड के लिए सरकारी अधिवक्ता की नियुक्ति होने पर अग्रीम सुनवाई 27 जुलाई को नियत की गई है. एक जून को अंकिता भंडारी के परिजनों ने जिलाधिकारी पौड़ी व मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को पत्र लिखा था. जिसमें बताया सरकारी अधिवक्ता जितेन्द्र रावत हत्याकांड में सही तरीके से पैरवी नहीं कर रहे हैं. जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान ने आरोप पत्र की जांच की. जिसके दो दिन बाद लोक अभियोजक पक्ष के अधिवक्ता को केस से हटा दिया गया.बताया जा रहा है की हत्याकांड में अभियोग पक्ष के लिए नये अधिवक्ता प्रदीप भट्ट की तैनाती हो सकती है. अधिवक्ता प्रदीप भट्ट ने बताया जिलाधिकारी पौड़ी के माध्यम से पत्र की प्रतीक्षा की जा रही है.
पढ़ें- अंकिता हत्याकांड में VIP के नाम से पर्दा हटा! सदन में मंत्री ने बताया सच
बता दें अंकिता भंडारी हत्याकांड में 10 माह में 14 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. आज सोमवार को अंकिता भंडारी के दोस्त पुष्पदीप के बयान दर्ज होने थे, लेकिन अभियोजक पक्ष के अधिवक्ता न होने के चलते सुनवाई नहीं हो पाई. मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.
पढ़ें- अंकिता हत्याकांड में अब खुलेंगे नए राज?
क्या था मामला: पौड़ी की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 21 सितंबर 2022 को पौड़ी राजस्व पुलिस के समक्ष दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद 23 सितंबर को पूरा मामला पौड़ी की रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया. जब रेगुलर पुलिस ने मामले में आरोपियों से पूछताछ की तो पुलिस को दिए बयान में उन्होंने कहा कि 18 सितंबर 2022 को उन्होंने अंकिता को ऋषिकेश के चीला नहर में धक्का दे दिया है. जिसके बाद पुलिस ने खोजबीन चलाते हुए 24 सितंबर को उसकी लाश नहर से बरामद की थी. वहीं, पूरे मामले में तीन आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित जेल में बंद हैं.