कोटद्वार: महर्षि कण्व की तपोस्थली और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग द्वारा बनाए जा रहे पार्क को लेकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जबाव मांगा है. कोर्ट ने सरकार के पूछा है कि पार्क का निर्माण मालन नदी की धारा में किया जा रहा है या नहीं? इसके दस्तावेज सरकार 19 मार्च को कोर्ट में पेश करे. इस मामले में स्थानीय लोगों ने हाई कोर्ट में एक याचिका डाली थी.
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बता दें कि कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग द्वारा लगभग 24 करोड़ की लागत से एक पार्क का निर्माण किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पार्क के पास मालन नदी के बाहव से छेड़छाड़ किया गया है. जिसका असर बारिश के दौरान आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिल सकता है. इससे अंग्रेजी शासनकाल में बनी सिंचाई विभाग की नहर भी खतरे की जद में आ गई है.
इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दुगड्डा ने पहले पर्यटन विभाग को पत्र भी लिखा था, बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. सिंचाई खंड दुगड्डा के अधिशासी अभियंता सुधीर मोहन का कहना है कि दूसरे विभाग द्वारा नदी के बहाव को कम किया जा रहा है, इस बारे में पहले ही अवगत कराया जा चुका है. नदी के बहाव के साथ जो छेड़छाड़ की जा रही उसका परिणाम आगामी वर्षा काल के दौरान देखने को मिलेगा. जिससे क्षेत्र को भारी नुकसान हो सकता है.
इस बारे में उप जिलाधिकारी कोटद्वार का कहना है कि कई बार राजस्व अभिलेखों में नदी की चौड़ाई कुछ और होती है ओर मौके पर कुछ और. यह देखने वाली बात होगी की पर्यटन विभाग द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य नदी के अंदर किया जा रहा है या चिन्हित जगह पर यह जांच का विषय है. इसमें जांच करवाई जाएगी.