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कण्वाश्रम में बन रहे निर्माणाधीन पार्क से मालन नदी को पहुंच रहा है नुकसान, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - कण्वाश्रम कोटद्वार

कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग द्वारा लगभग 24 करोड़ की लागत से एक पार्क का निर्माण किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पार्क के पास मालन नदी के बाहव से छेड़छाड़ किया गया है.

मालन नदी को पहुंच रहा है नुकसान
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Published : Mar 13, 2019, 6:57 PM IST

कोटद्वार: महर्षि कण्व की तपोस्थली और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग द्वारा बनाए जा रहे पार्क को लेकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जबाव मांगा है. कोर्ट ने सरकार के पूछा है कि पार्क का निर्माण मालन नदी की धारा में किया जा रहा है या नहीं? इसके दस्तावेज सरकार 19 मार्च को कोर्ट में पेश करे. इस मामले में स्थानीय लोगों ने हाई कोर्ट में एक याचिका डाली थी.

मालन नदी को पहुंच रहा है नुकसान

पढ़ें-नैनीताल में डीएम ने राजनीतिक पार्टियों के साथ की बैठक, आचार संहिता का सख्ती से पालन करने के निर्देश

बता दें कि कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग द्वारा लगभग 24 करोड़ की लागत से एक पार्क का निर्माण किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पार्क के पास मालन नदी के बाहव से छेड़छाड़ किया गया है. जिसका असर बारिश के दौरान आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिल सकता है. इससे अंग्रेजी शासनकाल में बनी सिंचाई विभाग की नहर भी खतरे की जद में आ गई है.

इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दुगड्डा ने पहले पर्यटन विभाग को पत्र भी लिखा था, बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. सिंचाई खंड दुगड्डा के अधिशासी अभियंता सुधीर मोहन का कहना है कि दूसरे विभाग द्वारा नदी के बहाव को कम किया जा रहा है, इस बारे में पहले ही अवगत कराया जा चुका है. नदी के बहाव के साथ जो छेड़छाड़ की जा रही उसका परिणाम आगामी वर्षा काल के दौरान देखने को मिलेगा. जिससे क्षेत्र को भारी नुकसान हो सकता है.

इस बारे में उप जिलाधिकारी कोटद्वार का कहना है कि कई बार राजस्व अभिलेखों में नदी की चौड़ाई कुछ और होती है ओर मौके पर कुछ और. यह देखने वाली बात होगी की पर्यटन विभाग द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य नदी के अंदर किया जा रहा है या चिन्हित जगह पर यह जांच का विषय है. इसमें जांच करवाई जाएगी.

कोटद्वार: महर्षि कण्व की तपोस्थली और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग द्वारा बनाए जा रहे पार्क को लेकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जबाव मांगा है. कोर्ट ने सरकार के पूछा है कि पार्क का निर्माण मालन नदी की धारा में किया जा रहा है या नहीं? इसके दस्तावेज सरकार 19 मार्च को कोर्ट में पेश करे. इस मामले में स्थानीय लोगों ने हाई कोर्ट में एक याचिका डाली थी.

मालन नदी को पहुंच रहा है नुकसान

पढ़ें-नैनीताल में डीएम ने राजनीतिक पार्टियों के साथ की बैठक, आचार संहिता का सख्ती से पालन करने के निर्देश

बता दें कि कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग द्वारा लगभग 24 करोड़ की लागत से एक पार्क का निर्माण किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पार्क के पास मालन नदी के बाहव से छेड़छाड़ किया गया है. जिसका असर बारिश के दौरान आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिल सकता है. इससे अंग्रेजी शासनकाल में बनी सिंचाई विभाग की नहर भी खतरे की जद में आ गई है.

इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दुगड्डा ने पहले पर्यटन विभाग को पत्र भी लिखा था, बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. सिंचाई खंड दुगड्डा के अधिशासी अभियंता सुधीर मोहन का कहना है कि दूसरे विभाग द्वारा नदी के बहाव को कम किया जा रहा है, इस बारे में पहले ही अवगत कराया जा चुका है. नदी के बहाव के साथ जो छेड़छाड़ की जा रही उसका परिणाम आगामी वर्षा काल के दौरान देखने को मिलेगा. जिससे क्षेत्र को भारी नुकसान हो सकता है.

इस बारे में उप जिलाधिकारी कोटद्वार का कहना है कि कई बार राजस्व अभिलेखों में नदी की चौड़ाई कुछ और होती है ओर मौके पर कुछ और. यह देखने वाली बात होगी की पर्यटन विभाग द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य नदी के अंदर किया जा रहा है या चिन्हित जगह पर यह जांच का विषय है. इसमें जांच करवाई जाएगी.

Intro:Uk_kotdwara 13 march 2019 kanwasarm

एंकर- कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग के द्वारा बनाये जा रहे पार्क में स्थानीय व्यक्ति के द्वारा डाली गई याचिका में हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए सरकार को 19 मार्च को अपना पक्ष रखने का समय दिया है कहां की क्या पार्क का निर्माण नदी की धारा में किया जा रहा है या नही, इसके दस्तेवेज न्ययालय में प्रस्तुत करे,
मालन नदी के किनारे बनाया जा रहा है पार्क।



Body:वीओ- बता दें कि कण्वाश्रम में पर्यटन विभाग के द्वारा लगभग 24 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे पार्क के पास में बह रही मालन नदी के बहाव के साथ छेड़छाड़ किया गया, जिससे कि आगामी वर्षा काल में आसपास के क्षेत्रों में वह अंग्रेजी शासनकाल में बनाई गई सिंचाई विभाग की नहर को खतरा बन गया है जिसमें की सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दुगड्डा के द्वारा पूर्व में भी पर्यटन विभाग को के साथ पत्राचार किया गया है लेकिन पर्यटन विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया,




Conclusion:वीओ2- वहीं सिंचाई खंड दुगड्डा के अधिशासी अभियंता का कहना है कि जो नदी के बहाव को कम किया जा रहा है यह कार्य दूसरे विभाग के द्वारा कराया जा रहा है हमने समय से ही इस पर विभाग के साथ पत्राचार कर उनको अवगत करा दिया गया था कि नदी के बहाव के साथ छेड़छाड़ की जा रही है इससे आगामी वर्षा काल में क्या नुकसान होगा यह भी उनको बता दिया गया था

बाइट सुधीर मोहन अधिसशी अभियंता सिचाई विभाग

वीओ3- उप जिलाधिकारी कोटद्वार का कहना है कि कई बार राजस्व अभिलेखों में नदी की चौड़ाई कुछ और होती है मौके पर कुछ और होती है यह देखने वाली बात होगी की पर्यटन विभाग के द्वारा करवाए जा रहा निर्माण कार्य नदी के अंदर किया जा रहा है यह निचित जगह पर किया जा रहा है यह जांच का विषय है इसमें जांच करवाई जाएगी

बाइट- मनीष कुमार उपजिलाधिकारी

बाकी अपडेट नैनीताल से भेजी जा रही है
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