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प्रवासियों को घर पहुंचाने वाली बसें नहीं की जा रही सैनेटाइज, जीएमओयू के अध्यक्ष का बड़ा आरोप

गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं. यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि बसों को सैनेटाइज नहीं करके चालक और परिचालक की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

gmou bus
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Published : May 14, 2020, 5:48 PM IST

Updated : May 14, 2020, 8:29 PM IST

कोटद्वार: गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड कंपनी की बसें बाहरी प्रदेशों से आने वाले श्रमिक और प्रवासियों को उनके गृहजनपद पहुंचा रही हैं. लेकिन अब यूनियन ने ही प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े किये हैं.

यूनियन के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि बसों को रात के वक्त ही चलाया जा रहा है. ऐसे में रात के वक्त पहाड़ी इलाकों में चलना खतरे से खली नहीं. इसके अलावा बसों को सैनेटाइज भी नहीं कराया जा रहा है. जिससे चालक और परिचालक की जान को खतरा बराबर बना हुआ है.

जीएमओयू के अध्यक्ष का बड़ा आरोप

पढ़े: सूरत से हरिद्वार पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस से 167 यात्री लापता, डीएम बोले- होगा मुकदमा

बता दें कि प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में प्रवासियों को पहुंचाने के लिए कम्पनी की 80 बसों को लगाया गया है. जीत सिंह पटवाल के मुताबिक, बसों का किराया भी शासन द्वारा बहुत ही कम निर्धारित किया गया है. सरकार द्वारा रात्रि में दुर्गम पहाड़ी रास्तों में बस चलाने हेतु पूर्व में आदेश पारित किए गए हैं. लेकिन बसों को रास्ते में रोककर चेकिंग के नाम पर चालक और परिचालक को परेशान किया जा रहा है. उनके खाने-पीने और रहने की कोई व्यवस्था नहीं है.

कोटद्वार: गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड कंपनी की बसें बाहरी प्रदेशों से आने वाले श्रमिक और प्रवासियों को उनके गृहजनपद पहुंचा रही हैं. लेकिन अब यूनियन ने ही प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े किये हैं.

यूनियन के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि बसों को रात के वक्त ही चलाया जा रहा है. ऐसे में रात के वक्त पहाड़ी इलाकों में चलना खतरे से खली नहीं. इसके अलावा बसों को सैनेटाइज भी नहीं कराया जा रहा है. जिससे चालक और परिचालक की जान को खतरा बराबर बना हुआ है.

जीएमओयू के अध्यक्ष का बड़ा आरोप

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बता दें कि प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में प्रवासियों को पहुंचाने के लिए कम्पनी की 80 बसों को लगाया गया है. जीत सिंह पटवाल के मुताबिक, बसों का किराया भी शासन द्वारा बहुत ही कम निर्धारित किया गया है. सरकार द्वारा रात्रि में दुर्गम पहाड़ी रास्तों में बस चलाने हेतु पूर्व में आदेश पारित किए गए हैं. लेकिन बसों को रास्ते में रोककर चेकिंग के नाम पर चालक और परिचालक को परेशान किया जा रहा है. उनके खाने-पीने और रहने की कोई व्यवस्था नहीं है.

Last Updated : May 14, 2020, 8:29 PM IST
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